प्रकाशन 1
1
प्रस्तावना
1यह येशु मसीह का प्रकाशन है। यह उन्हें परमेश्वर की ओर से प्राप्त हुआ जिससे वह अपने सेवकों को निकट भविष्य में होने वाली घटनाएँ दिखायें। उन्होंने अपने दूत को भेज कर इस प्रकाशन का ज्ञान अपने सेवक योहन को कराया।#दान 2:28-29; प्रक 22:6,16; यो 17:7-8 2योहन अनुप्रमाणित करते हैं कि उन्होंने जो कुछ देखा, वह परमेश्वर का वचन और येशु मसीह की साक्षी है।#प्रक 6:9
3धन्य है, वह जो इस नबूबत को पढ़ कर सुनाता है और धन्य हैं वे, जो इसके शब्द सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों का ध्यान रखते हैं; क्योंकि वह समय निकट आ गया है!#प्रक 22:7,10
अभिवादन
4आसिया की सात कलीसियाओं को योहन का सन्देश।
जो है, जो था और जो आनेवाला है, उसकी ओर से, उसके सिंहासन के सामने उपस्थित रहनेवाली सात आत्माओं#नि 3:14-15; यश 41:4; प्रक 3:1; 5:6 5और येशु मसीह की ओर से आप लोगों को अनुग्रह और शान्ति प्राप्त हो! मसीह विश्वसनीय साक्षी, पुनर्जीवित मृतकों में से पहलौठे और पृथ्वी के राजाओं के अधिराज हैं।
वह हम से प्रेम करते हैं। उन्होंने अपने रक्त से हमें पापों से मुक्त किया#भज 89:27,37; 130:8; यश 40:2; यो 18:37; कुल 1:18; इब्र 9:14; प्रक 3:14; 7:14; 19:16 6और अपने पिता परमेश्वर के लिए हमें पुरोहितों का राजवंश बनाया#1:6 अथवा, “हमें एक राज्य, अर्थात् अपने पिता परमेश्वर के लिए पुरोहित बनाया”।। उनकी महिमा और उनका सामर्थ्य युग-युगों तक बना रहे! आमेन!#प्रक 5:10; 1 पत 2:5,9; नि 19:6; यश 61:6
7देखो, वही बादलों पर#1:7 अथवा, “बादलों सहित”। आने वाले हैं। सब लोग उन्हें देखेंगे। जिन्होंने उन को बेधा, वे भी उन्हें देखेंगे और पृथ्वी के समस्त कुल उन के कारण विलाप करेंगे। यह निश्चित है। आमेन!#दान 7:13; जक 12:10-14; यो 19:37; लू 23:27-28
8जो है, जो था और जो आनेवाला है, वही सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर कहता है, “अल्फा और ओमेगा#1:8 यूनानी वर्णमाला के प्रथम और अन्तिम वर्ण अर्थात्, ‘आदि और अंत’। मैं हूँ।”#नि 3:14; यश 41:4; प्रक 4:8; 21:6
मसीह के दर्शन
9मैं आप लोगों का भाई योहन हूँ और येशु के संकट, राज्य तथा धैर्य में आपका सहभागी। परमेश्वर का संदेश सुनाने तथा येशु के विषय में साक्षी देने के कारण मैं पतमुस नामक द्वीप में था। 10मैं प्रभु-दिवस पर आत्मा से आविष्ट हो गया और मैंने अपने पीछे तुरही- जैसी वाणी को उच्च स्वर से यह कहते सुना, 11“तुम जो कुछ देख रहे हो, उसे पुस्तक में लिखो और उसे सात कलीसियाओं को भेज दो − इफ़िसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलदेलफिया, और लौदीकिया को।”#प्रक 2:8; 22:13
12मुझ से कौन बोल रहा है, उसे देखने के लिए मैं मुड़ गया और मुड़ कर मैंने सोने के सात दीपाधार देखे, 13और उनके बीच में मानव पुत्र-जैसे एक व्यक्ति को। वह पैरों तक लम्बा वस्त्र पहने था और उसके वक्षस्थल पर स्वर्ण मेखला बाँधी हुई थी।#यहेज 1:26; 8:2; दान 7:13; 10:5 14उसके सिर के बाल हिम-श्वेत ऊन की तरह उजले थे और उसकी आँखें अग्नि की तरह धधक रही थीं।#दान 7:9; 10:6; प्रक 2:18; 19:12 15उसके पैर भट्टी में तपाए हुए पीतल की तरह चमक रहे थे और उसकी वाणी समुद्र की तरह गर्जन कर रही थी।#यहेज 1:24; 43:2 16वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे धारण किये था। उसके मुख से एक तेज दुधारी तलवार निकल रही थी और उसका मुखमण्डल मध्याह्न के सूर्य की तरह चमक रहा था।#शास 5:31; प्रक 2:12,16; 19:15
17मैं उसे देखते ही मृतक-जैसा उसके चरणों पर गिर पड़ा। उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रख कर कहा, “मत डरो। प्रथम और अन्तिम मैं हूँ।#यश 44:6; 48:12; दान 8:18; 10:15-19 18जीवन का स्रोत मैं हूँ। मैं मर गया था और देखो, मैं युगानुयुग तक जीवित रहूँगा। मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे पास हैं। 19इसलिए तुमने जो कुछ देखा-जो अभी है और जो बाद में होने वाला है -वह सब लिखो।#यश 48:6; दान 2:29 20जिन सात तारों को तुमने मेरे दाहिने हाथ में देखा, उनका और सोने के सात दीपाधारों का रहस्य इस प्रकार है : सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं और सात दीपाधार सात कलीसियाएँ हैं।#मल 2:7; दान 2:29; प्रक 1:12; मत 5:14-15
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प्रकाशन 1: HINCLBSI
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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प्रकाशन 1
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प्रस्तावना
1यह येशु मसीह का प्रकाशन है। यह उन्हें परमेश्वर की ओर से प्राप्त हुआ जिससे वह अपने सेवकों को निकट भविष्य में होने वाली घटनाएँ दिखायें। उन्होंने अपने दूत को भेज कर इस प्रकाशन का ज्ञान अपने सेवक योहन को कराया।#दान 2:28-29; प्रक 22:6,16; यो 17:7-8 2योहन अनुप्रमाणित करते हैं कि उन्होंने जो कुछ देखा, वह परमेश्वर का वचन और येशु मसीह की साक्षी है।#प्रक 6:9
3धन्य है, वह जो इस नबूबत को पढ़ कर सुनाता है और धन्य हैं वे, जो इसके शब्द सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों का ध्यान रखते हैं; क्योंकि वह समय निकट आ गया है!#प्रक 22:7,10
अभिवादन
4आसिया की सात कलीसियाओं को योहन का सन्देश।
जो है, जो था और जो आनेवाला है, उसकी ओर से, उसके सिंहासन के सामने उपस्थित रहनेवाली सात आत्माओं#नि 3:14-15; यश 41:4; प्रक 3:1; 5:6 5और येशु मसीह की ओर से आप लोगों को अनुग्रह और शान्ति प्राप्त हो! मसीह विश्वसनीय साक्षी, पुनर्जीवित मृतकों में से पहलौठे और पृथ्वी के राजाओं के अधिराज हैं।
वह हम से प्रेम करते हैं। उन्होंने अपने रक्त से हमें पापों से मुक्त किया#भज 89:27,37; 130:8; यश 40:2; यो 18:37; कुल 1:18; इब्र 9:14; प्रक 3:14; 7:14; 19:16 6और अपने पिता परमेश्वर के लिए हमें पुरोहितों का राजवंश बनाया#1:6 अथवा, “हमें एक राज्य, अर्थात् अपने पिता परमेश्वर के लिए पुरोहित बनाया”।। उनकी महिमा और उनका सामर्थ्य युग-युगों तक बना रहे! आमेन!#प्रक 5:10; 1 पत 2:5,9; नि 19:6; यश 61:6
7देखो, वही बादलों पर#1:7 अथवा, “बादलों सहित”। आने वाले हैं। सब लोग उन्हें देखेंगे। जिन्होंने उन को बेधा, वे भी उन्हें देखेंगे और पृथ्वी के समस्त कुल उन के कारण विलाप करेंगे। यह निश्चित है। आमेन!#दान 7:13; जक 12:10-14; यो 19:37; लू 23:27-28
8जो है, जो था और जो आनेवाला है, वही सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर कहता है, “अल्फा और ओमेगा#1:8 यूनानी वर्णमाला के प्रथम और अन्तिम वर्ण अर्थात्, ‘आदि और अंत’। मैं हूँ।”#नि 3:14; यश 41:4; प्रक 4:8; 21:6
मसीह के दर्शन
9मैं आप लोगों का भाई योहन हूँ और येशु के संकट, राज्य तथा धैर्य में आपका सहभागी। परमेश्वर का संदेश सुनाने तथा येशु के विषय में साक्षी देने के कारण मैं पतमुस नामक द्वीप में था। 10मैं प्रभु-दिवस पर आत्मा से आविष्ट हो गया और मैंने अपने पीछे तुरही- जैसी वाणी को उच्च स्वर से यह कहते सुना, 11“तुम जो कुछ देख रहे हो, उसे पुस्तक में लिखो और उसे सात कलीसियाओं को भेज दो − इफ़िसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलदेलफिया, और लौदीकिया को।”#प्रक 2:8; 22:13
12मुझ से कौन बोल रहा है, उसे देखने के लिए मैं मुड़ गया और मुड़ कर मैंने सोने के सात दीपाधार देखे, 13और उनके बीच में मानव पुत्र-जैसे एक व्यक्ति को। वह पैरों तक लम्बा वस्त्र पहने था और उसके वक्षस्थल पर स्वर्ण मेखला बाँधी हुई थी।#यहेज 1:26; 8:2; दान 7:13; 10:5 14उसके सिर के बाल हिम-श्वेत ऊन की तरह उजले थे और उसकी आँखें अग्नि की तरह धधक रही थीं।#दान 7:9; 10:6; प्रक 2:18; 19:12 15उसके पैर भट्टी में तपाए हुए पीतल की तरह चमक रहे थे और उसकी वाणी समुद्र की तरह गर्जन कर रही थी।#यहेज 1:24; 43:2 16वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे धारण किये था। उसके मुख से एक तेज दुधारी तलवार निकल रही थी और उसका मुखमण्डल मध्याह्न के सूर्य की तरह चमक रहा था।#शास 5:31; प्रक 2:12,16; 19:15
17मैं उसे देखते ही मृतक-जैसा उसके चरणों पर गिर पड़ा। उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रख कर कहा, “मत डरो। प्रथम और अन्तिम मैं हूँ।#यश 44:6; 48:12; दान 8:18; 10:15-19 18जीवन का स्रोत मैं हूँ। मैं मर गया था और देखो, मैं युगानुयुग तक जीवित रहूँगा। मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे पास हैं। 19इसलिए तुमने जो कुछ देखा-जो अभी है और जो बाद में होने वाला है -वह सब लिखो।#यश 48:6; दान 2:29 20जिन सात तारों को तुमने मेरे दाहिने हाथ में देखा, उनका और सोने के सात दीपाधारों का रहस्य इस प्रकार है : सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं और सात दीपाधार सात कलीसियाएँ हैं।#मल 2:7; दान 2:29; प्रक 1:12; मत 5:14-15
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