1 थिस्सलुनीकियों 5
5
पुनरागमन के लिये तैयार रहना
1पर हे भाइयो, इसका प्रयोजन नहीं कि समयों और कालों के विषय में तुम्हारे पास कुछ लिखा जाए। 2क्योंकि तुम आप ठीक जानते हो कि जैसा रात को चोर आता है, वैसा ही प्रभु का दिन आनेवाला है।#मत्ती 24:43; लूका 12:39; 2 पत 3:10 3जब लोग कहते होंगे, “कुशल है, और कुछ भय नहीं,” तो उन पर एकाएक विनाश आ पड़ेगा, जिस प्रकार गर्भवती पर पीड़ा; और वे किसी रीति से न बचेंगे। 4पर हे भाइयो, तुम तो अन्धकार में नहीं हो कि वह दिन तुम पर चोर के समान आ पड़े। 5क्योंकि तुम सब ज्योति की सन्तान और दिन की सन्तान हो; हम न रात के हैं, न अन्धकार के हैं। 6इसलिये हम दूसरों के समान सोते न रहें, पर जागते और सावधान रहें। 7क्योंकि जो सोते हैं वे रात ही को सोते हैं, और जो मतवाले होते हैं वे रात ही को मतवाले होते हैं। 8पर हम जो दिन के हैं, विश्वास और प्रेम की झिलम पहिनकर और उद्धार की आशा का टोप पहिनकर सावधान रहें।#यशा 59:17; इफि 6:13–17 9क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये ठहराया है कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें। 10वह हमारे लिये इस कारण मरा कि हम चाहे जागते हों चाहे सोते हों, सब मिलकर उसी के साथ जीएँ। 11इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो और एक दूसरे की उन्नति का कारण बनो,#5:11 यू० का स्थापन करो जैसा कि तुम करते भी हो।
कलीसिया को उपदेश
12हे भाइयो, हम तुम से विनती करते हैं कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उनका सम्मान करो। 13और उनके काम के कारण प्रेम के साथ उनको बहुत ही आदर के योग्य समझो। आपस में मेलमिलाप से रहो। 14हे भाइयो, हम तुम्हें समझाते हैं कि जो ठीक चाल नहीं चलते उनको समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ। 15सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो, आपस में और सबसे भी भलाई ही की चेष्टा करो। 16सदा आनन्दित रहो। 17निरन्तर प्रार्थना में लगे रहो। 18हर बात में धन्यवाद करो; क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है। 19आत्मा को न बुझाओ। 20भविष्यद्वाणियों को तुच्छ न जानो। 21सब बातों को परखो; जो अच्छी है उसे पकड़े रहो। 22सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।
आशीर्वाद
23शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें। 24तुम्हारा बुलाने–वाला सच्चा#5:24 यू० विश्वासयोग्य है, और वह ऐसा ही करेगा।
25हे भाइयो, हमारे लिये प्रार्थना करो।
26सब भाइयों को पवित्र चुम्बन से नमस्कार करो।
27मैं तुम्हें प्रभु की शपथ देता हूँ कि यह पत्री सब भाइयों को पढ़कर सुनाई जाए।
28हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे।
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1 थिस्सलुनीकियों 5: HINOVBSI
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Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
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1 थिस्सलुनीकियों 5
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पुनरागमन के लिये तैयार रहना
1पर हे भाइयो, इसका प्रयोजन नहीं कि समयों और कालों के विषय में तुम्हारे पास कुछ लिखा जाए। 2क्योंकि तुम आप ठीक जानते हो कि जैसा रात को चोर आता है, वैसा ही प्रभु का दिन आनेवाला है।#मत्ती 24:43; लूका 12:39; 2 पत 3:10 3जब लोग कहते होंगे, “कुशल है, और कुछ भय नहीं,” तो उन पर एकाएक विनाश आ पड़ेगा, जिस प्रकार गर्भवती पर पीड़ा; और वे किसी रीति से न बचेंगे। 4पर हे भाइयो, तुम तो अन्धकार में नहीं हो कि वह दिन तुम पर चोर के समान आ पड़े। 5क्योंकि तुम सब ज्योति की सन्तान और दिन की सन्तान हो; हम न रात के हैं, न अन्धकार के हैं। 6इसलिये हम दूसरों के समान सोते न रहें, पर जागते और सावधान रहें। 7क्योंकि जो सोते हैं वे रात ही को सोते हैं, और जो मतवाले होते हैं वे रात ही को मतवाले होते हैं। 8पर हम जो दिन के हैं, विश्वास और प्रेम की झिलम पहिनकर और उद्धार की आशा का टोप पहिनकर सावधान रहें।#यशा 59:17; इफि 6:13–17 9क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये ठहराया है कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें। 10वह हमारे लिये इस कारण मरा कि हम चाहे जागते हों चाहे सोते हों, सब मिलकर उसी के साथ जीएँ। 11इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो और एक दूसरे की उन्नति का कारण बनो,#5:11 यू० का स्थापन करो जैसा कि तुम करते भी हो।
कलीसिया को उपदेश
12हे भाइयो, हम तुम से विनती करते हैं कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उनका सम्मान करो। 13और उनके काम के कारण प्रेम के साथ उनको बहुत ही आदर के योग्य समझो। आपस में मेलमिलाप से रहो। 14हे भाइयो, हम तुम्हें समझाते हैं कि जो ठीक चाल नहीं चलते उनको समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ। 15सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो, आपस में और सबसे भी भलाई ही की चेष्टा करो। 16सदा आनन्दित रहो। 17निरन्तर प्रार्थना में लगे रहो। 18हर बात में धन्यवाद करो; क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है। 19आत्मा को न बुझाओ। 20भविष्यद्वाणियों को तुच्छ न जानो। 21सब बातों को परखो; जो अच्छी है उसे पकड़े रहो। 22सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।
आशीर्वाद
23शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें। 24तुम्हारा बुलाने–वाला सच्चा#5:24 यू० विश्वासयोग्य है, और वह ऐसा ही करेगा।
25हे भाइयो, हमारे लिये प्रार्थना करो।
26सब भाइयों को पवित्र चुम्बन से नमस्कार करो।
27मैं तुम्हें प्रभु की शपथ देता हूँ कि यह पत्री सब भाइयों को पढ़कर सुनाई जाए।
28हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे।
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