तुम कौन सी बात में दूसरी कलीसियाओं से कम थे, केवल इसमें कि मैं ने तुम पर अपना भार न डाला। मेरा यह अन्याय क्षमा करो। देखो, मैं तीसरी बार तुम्हारे पास आने को तैयार हूँ, और मैं तुम पर कोई भार न रखूँगा, क्योंकि मैं तुम्हारी सम्पत्ति नहीं वरन् तुम ही को चाहता हूँ। क्योंकि बच्चों को माता–पिता के लिये धन बटोरना नहीं चाहिए, पर माता–पिता को बच्चों के लिये। मैं तुम्हारी आत्माओं के लिये बहुत आनन्द से खर्च करूँगा, वरन् आप भी खर्च हो जाऊँगा। क्या जितना बढ़कर मैं तुम से प्रेम रखता हूँ, उतना ही घटकर तुम मुझ से प्रेम रखोगे? ऐसा हो सकता है कि मैं ने तुम पर बोझ नहीं डाला, परन्तु चतुराई से तुम्हें धोखा देकर फँसा लिया! भला, जिन्हें मैं ने तुम्हारे पास भेजा, क्या उनमें से किसी के द्वारा मैं ने छल करके तुम से कुछ ले लिया? मैं ने तीतुस को समझाकर उसके साथ उस भाई को भेजा, तो क्या तीतुस ने छल करके तुम से कुछ लिया? क्या हम एक ही आत्मा के चलाए न चले? क्या एक ही लीक पर न चले? तुम अभी तक समझ रहे होगे कि हम तुम्हारे सामने प्रत्युत्तर दे रहे हैं। हम तो परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं, और हे प्रियो, सब बातें तुम्हारी उन्नति ही के लिये कहते हैं। क्योंकि मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो कि मैं आकर जैसा चाहता हूँ, वैसा तुम्हें न पाऊँ; और मुझे भी जैसा तुम नहीं चाहते वैसा ही पाओ; और तुम में झगड़ा, डाह, क्रोध, विरोध, ईर्ष्या, चुगली, अभिमान और बखेड़े हों; और कहीं ऐसा न हो कि मेरा परमेश्वर मेरे फिर से तुम्हारे यहाँ आने पर मुझ पर दबाव डाले और मुझे बहुतों के लिये फिर शोक करना पड़े, जिन्होंने पहले पाप किया था और गन्दे काम और व्यभिचार और लुचपन से, जो उन्होंने किया, मन नहीं फिराया।
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