प्रेरितों 10:9-23

प्रेरितों 10:9-23 HINOVBSI

दूसरे दिन जब वे चलते चलते नगर के पास पहुँचे, तो दोपहर के निकट पतरस छत पर प्रार्थना करने चढ़ा। उसे भूख लगी और कुछ खाना चाहता था, परन्तु जब वे तैयारी कर रहे थे तो वह बेसुध हो गया; और उसने देखा, कि आकाश खुल गया; और एक पात्र बड़ी चादर के समान चारों कोनों से लटकता हुआ, पृथ्वी की ओर उतर रहा है। जिस में पृथ्वी के सब प्रकार के चौपाए और रेंगनेवाले जन्तु और आकाश के पक्षी थे। उसे एक ऐसा शब्द सुनाई दिया, “हे पतरस उठ, मार और खा।” परन्तु पतरस ने कहा, “नहीं प्रभु, कदापि नहीं; क्योंकि मैं ने कभी कोई अपवित्र या अशुद्ध वस्तु नहीं खाई है।” फिर दूसरी बार उसे शब्द सुनाई दिया, “जो कुछ परमेश्‍वर ने शुद्ध ठहराया है, उसे तू अशुद्ध मत कह।” तीन बार ऐसा ही हुआ; तब तुरन्त वह पात्र आकाश पर उठा लिया गया। जब पतरस अपने मन में दुविधा में था, कि यह दर्शन जो मैं ने देखा वह क्या हो सकता है, तो देखो, वे मनुष्य जिन्हें कुरनेलियुस ने भेजा था, शमौन के घर का पता लगाकर द्वार पर आ खड़े हुए, और पुकारकर पूछने लगे, “क्या शमौन जो पतरस कहलाता है, यहीं अतिथि है?” पतरस तो उस दर्शन पर सोच ही रहा था, कि आत्मा ने उससे कहा, “देख, तीन मनुष्य तेरी खोज में हैं। अत: उठकर नीचे जा, और नि:संकोच उनके साथ हो ले; क्योंकि मैं ही ने उन्हें भेजा है।” तब पतरस ने उतरकर उन मनुष्यों से कहा, “देखो, जिसकी खोज तुम कर रहे हो, वह मैं ही हूँ। तुम्हारे आने का क्या कारण है?” उन्होंने कहा, “कुरनेलियुस सूबेदार जो धर्मी और परमेश्‍वर से डरनेवाला और सारी यहूदी जाति में सुनाम मनुष्य है, उसने एक पवित्र स्वर्गदूत से यह निर्देश पाया है कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझ से वचन सुने।” तब उसने उन्हें भीतर बुलाकर उनकी पहुनाई की।