दानिय्येल 3:8-30

दानिय्येल 3:8-30 HINOVBSI

उसी समय कई एक कसदी पुरुष राजा के पास गए, और कपट से यहूदियों की चुगली खाई। वे नबूकदनेस्सर राजा से कहने लगे, “हे राजा, तू चिरंजीवी रहे। हे राजा, तू ने तो यह आज्ञा दी है कि जो मनुष्य नरसिंगे, बाँसुली, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुने, वह गिरकर उस सोने की मूरत को दण्डवत् करे; और जो कोई गिरकर दण्डवत् न करे वह धधकते हुए भट्ठे के बीच में डाल दिया जाए। देख शद्रक, मेशक, और अबेदनगो नामक कुछ यहूदी पुरुष हैं, जिन्हें तू ने बेबीलोन के प्रान्त के कार्य के ऊपर नियुक्‍त किया है। उन पुरुषों ने, हे राजा, तेरी आज्ञा की कुछ चिन्ता नहीं की; वे तेरे देवता की उपासना नहीं करते, और जो सोने की मूरत तू ने खड़ी कराई है, उसको दण्डवत् नहीं करते।” तब नबूकदनेस्सर ने रोष और जलजलाहट में आकर आज्ञा दी कि शद्रक, मेशक और अबेदनगो को लाओ। तब वे पुरुष राजा के सामने हाज़िर किए गए। नबूकदनेस्सर ने उन से पूछा, “हे शद्रक, मेशक और अबेदनगो, तुम लोग जो मेरे देवता की उपासना नहीं करते, और मेरी खड़ी कराई हुई सोने की मूरत को दण्डवत् नहीं करते, तो क्या तुम जान बूझकर ऐसा करते हो? यदि तुम अभी तैयार हो, कि जब नरसिंगे, बाँसुली, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुनो, और उसी क्षण गिरकर मेरी बनवाई हुई मूरत को दण्डवत् करो, तो बचोगे; और यदि तुम दण्डवत् न करो तो इसी घड़ी धधकते हुए भट्ठे के बीच में डाले जाओगे; फिर ऐसा कौन देवता है, जो तुम को मेरे हाथ से छुड़ा सके?” शद्रक, मेशक, और अबेदनगो ने राजा से कहा, “हे नबूकदनेस्सर, इस विषय में तुझे उत्तर देने का हमें कुछ प्रयोजन नहीं जान पड़ता। हमारा परमेश्‍वर, जिसकी हम उपासना करते हैं वह हम को उस धधकते हुए भट्ठे की आग से बचाने की शक्‍ति रखता है; वरन् हे राजा, वह हमें तेरे हाथ से भी छुड़ा सकता है। परन्तु यदि नहीं, तो हे राजा, तुझे मालूम हो, कि हम लोग तेरे देवता की उपासना नहीं करेंगे, और न तेरी खड़ी कराई हुई सोने की मूरत को दण्डवत् करेंगे।” तब नबूकदनेस्सर झुँझला उठा, और उसके चेहरे का रंग शद्रक, मेशक और अबेदनगो के प्रति बदल गया। उस ने आज्ञा दी कि भट्ठे को सातगुणा अधिक धधका दो। फिर अपनी सेना में के कई एक बलवान पुरुषों को उसने आज्ञा दी, कि शद्रक, मेशक और अबेदनगो को बाँधकर उन्हें धधकते हुए भट्ठे में डाल दो। तब वे पुरुष अपने मोज़ों, अंगरखों, बागों और अन्य वस्त्रों सहित बाँधकर, उस धधकते हुए भट्ठे में डाल दिए गए। वह भट्ठा तो राजा की दृढ़ आज्ञा होने के कारण अत्यन्त धधकाया गया था, इस कारण जिन पुरुषों ने शद्रक, मेशक और अबेदनगो को उठाया वे ही आग की आँच से जल मरे, और उसी धधकते हुए भट्ठे के बीच ये तीनों पुरुष, शद्रक, मेशक और अबेदनगो, बन्धे हुए फेंक दिए गए। तब नबूकदनेस्सर राजा अचम्भित हुआ और घबराकर उठ खड़ा हुआ, और अपने मंत्रियों से पूछने लगा, “क्या हम ने उस आग के बीच तीन ही पुरुष बन्धे हुए नहीं डलवाए?” उन्होंने राजा को उत्तर दिया, “हाँ राजा, सच बात है।” फिर उसने कहा, “अब मैं देखता हूँ कि चार पुरुष आग के बीच खुले हुए टहल रहे हैं, और उनको कुछ भी हानि नहीं पहुँची; और चौथे पुरुष का स्वरूप ईश्‍वर के पुत्र के सदृश है।” फिर नबूकदनेस्सर उस धधकते हुए भट्ठे के द्वार के पास जाकर कहने लगा, “हे शद्रक, मेशक और अबेदनगो, हे परमप्रधान परमेश्‍वर के दासो, निकलकर यहाँ आओ!” यह सुनकर शद्रक, मेशक और अबेदनगो आग के बीच से निकल आए। जब अधिपति, हाकिम, गवर्नर और राजा के मंत्रियों ने, जो इकट्ठे हुए थे, उन पुरुषों की ओर देखा, तब उनकी देह में आग का कुछ भी प्रभाव नहीं पाया; और उनके सिर का एक बाल भी न झुलसा, न उनके मोज़े कुछ बिगड़े, न उन में जलने की कुछ गन्ध पाई गई। नबूकदनेस्सर कहने लगा, “धन्य है शद्रक, मेशक, और अबेदनगो का परमेश्‍वर, जिसने अपना दूत भेजकर अपने इन दासों को इसलिये बचाया, क्योंकि इन्होंने राजा की आज्ञा न मानकर, तुझी पर भरोसा रखा, और यह सोचकर अपना शरीर भी अर्पण किया, कि हम अपने परमेश्‍वर को छोड़, किसी देवता की उपासना या दण्डवत् न करेंगे। इसलिये अब मैं यह आज्ञा देता हूँ कि देश–देश और जाति–जाति के लोगों, और भिन्न–भिन्न भाषा बोलनेवालों में से जो कोई शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्‍वर की कुछ निन्दा करेगा, वह टुकड़े टुकड़े किया जाएगा, और उसका घर घूरा बनाया जाएगा; क्योंकि ऐसा कोई और देवता नहीं जो इस रीति से बचा सके।” तब राजा ने बेबीलोन के प्रान्त में शद्रक, मेशक, अबेदनगो का पद और ऊँचा किया।