इसलिये यदि तुम इन सब आज्ञाओं के मानने में जो मैं तुम्हें सुनाता हूँ पूरी चौकसी करके अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो, और उसके सब मार्गों पर चलो, और उससे लिपटे रहो, तो यहोवा उन सब जातियों को तुम्हारे आगे से निकाल डालेगा, और तुम अपने से बड़ी और सामर्थी जातियों के अधिकारी हो जाओगे। जिस जिस स्थान पर तुम्हारे पाँव के तलवे पड़ें वे सब तुम्हारे ही हो जाएँगे, अर्थात् जंगल से लबानोन तक, और परात नामक महानद से लेकर पश्चिम के समुद्र तक तुम्हारी सीमा होगी। तुम्हारे सामने कोई भी खड़ा न रह सकेगा, क्योंकि जितनी भूमि पर तुम्हारे पाँव पड़ेंगे उस सब पर रहनेवालों के मन में तुम्हारा परमेश्वर यहोवा अपने वचन के अनुसार तुम्हारे कारण उनमें डर और थरथराहट उत्पन्न कर देगा। “सुनो, मैं आज के दिन तुम्हारे आगे आशीष और शाप दोनों रख देता हूँ। अर्थात् यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा की इन आज्ञाओं को जो मैं आज तुम्हें सुनाता हूँ मानो, तो तुम पर आशीष होगी, और यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को नहीं मानोगे, और जिस मार्ग की आज्ञा मैं आज सुनाता हूँ उसे तजकर दूसरे देवताओं के पीछे हो लोगे जिन्हें तुम नहीं जानते हो, तो तुम पर शाप पड़ेगा। और जब तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को उस देश में पहुँचाए जिसके अधिकारी होने को तू जाने पर है, तब आशीष गरिज्जीम पर्वत पर से और शाप एबाल पर्वत पर से सुनाना। क्या वे यरदन के पार, सूर्य के अस्त होने की ओर, अराबा के निवासी कनानियों के देश में, गिलगाल के सामने, मोरे के बांज वृक्षों के पास नहीं हैं? तुम तो यरदन पार इसी लिये जाने पर हो, कि जो देश तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उसके अधिकारी हो जाओ; और तुम उसके अधिकारी होकर उस में निवास करोगे; इसलिये जितनी विधियाँ और नियम मैं आज तुम को सुनाता हूँ उन सभों के मानने में चौकसी करना।
व्यवस्थाविवरण 11 पढ़िए
सुनें - व्यवस्थाविवरण 11
साझा करें
सभी संस्करणों की तुलना करें: व्यवस्थाविवरण 11:22-32
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो