व्यवस्थाविवरण 13:6-18

व्यवस्थाविवरण 13:6-18 HINOVBSI

“यदि तेरा सगा भाई, या बेटा, या बेटी, या तेरी अर्द्धांगिनी, या प्राणप्रिय तेरा कोई मित्र निराले में तुझ को यह कहकर फुसलाने लगे, कि आओ हम दूसरे देवताओं की उपासना या पूजा करें, जिन्हें न तो तू न तेरे पुरखा जानते थे, चाहे वे तुम्हारे निकट रहनेवाले आस पास के लोगों के चाहे पृथ्वी के एक छोर से लेके दूसरे छोर तक दूर दूर के रहनेवालों के देवता हों, तो तू उसकी न मानना और न उसकी बात सुनना, और न उस पर तरस खाना और न कोमलता दिखाना, और न उसको छिपा रखना; उसको अवश्य घात करना; उसको घात करने में पहिले तेरा हाथ उठे, पीछे सब लोगों के हाथ उठें। उस पर ऐसा पथराव करना कि वह मर जाए, क्योंकि उसने तुझको तेरे उस परमेश्‍वर यहोवा से जो तुझ को दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश से निकाल लाया है, बहकाने का यत्न किया है। और सब इस्राएली सुनकर भय खाएँगे, और ऐसा बुरा काम फिर तेरे बीच न करेंगे। “यदि तेरे किसी नगर के विषय में, जिसे तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझे रहने के लिये देता है, ऐसी बात तेरे सुनने में आए, कि कितने अधम पुरुषों ने तेरे ही बीच में से निकलकर अपने नगर के निवासियों को यह कहकर बहका दिया है, कि आओ हम अन्य देवताओं की जिनसे अब तक अनजान रहे उपासना करें, तो पूछपाछ करना, और खोजना, और भली भाँति पता लगाना; और यदि यह बात सच हो, और कुछ भी सन्देह न रहे कि तेरे बीच ऐसा घिनौना काम किया जाता है, तो अवश्य उस नगर के निवासियों को तलवार से मार डालना, और पशु आदि उस सब समेत जो उसमें हो उसका तलवार से सत्यानाश करना। और उसमें की सारी लूट चौक के बीच इकट्ठी करके उस नगर को लूट समेत अपने परमेश्‍वर यहोवा के लिये मानो सर्वांग होम करके जलाना; और वह सदा के लिये डीह रहे वह फिर बसाया न जाए। और कोई सत्यानाश की वस्तु तेरे हाथ न लगने पाए; जिससे यहोवा अपने भड़के हुए कोप से शान्त होकर जैसा उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाई थी वैसा ही तुझ से दया का व्यवहार करे, और दया करके तुझ को गिनती में बढ़ाए। यह तब होगा जब तू अपने परमेश्‍वर यहोवा की जितनी आज्ञाएँ मैं आज तुझे सुनाता हूँ उन सभों को मानेगा और जो तेरे परमेश्‍वर यहोवा की दृष्‍टि में ठीक है वही करेगा।

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