व्यवस्थाविवरण 28:49-68

व्यवस्थाविवरण 28:49-68 HINOVBSI

यहोवा तेरे विरुद्ध दूर से, वरन् पृथ्वी के छोर से वेग से उड़नेवाले उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा जिसकी भाषा तू नहीं समझेगा; उस जाति के लोगों का व्यवहार क्रूर होगा, वे न तो बूढ़ों का मुँह देखकर आदर करेंगे, और न बालकों पर दया करेंगे; और वे तेरे पशुओं के बच्‍चे और भूमि की उपज यहाँ तक खा जाएँगे कि तू नष्‍ट हो जाएगा; और वे तेरे लिये न अन्न, और न नया दाखमधु, और न टटका तेल, और न बछड़े, न मेम्ने छोड़ेंगे, यहाँ तक कि तू नष्‍ट हो जाएगा। और वे तेरे परमेश्‍वर यहोवा के दिए हुए सारे देश के सब फाटकों के भीतर तुझे घेर रखेंगे; वे तेरे सब फाटकों के भीतर तुझे उस समय तक घेरेंगे, जब तक तेरे सारे देश में तेरी ऊँची ऊँची और दृढ़ शहरपनाहें जिन पर तू भरोसा करेगा गिर न जाएँ। तब घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझ को डालेंगे, तू अपने निज जन्माए बेटे–बेटियों का मांस जिन्हें तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझ को देगा खाएगा। और तुझ में जो पुरुष कोमल और अति सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी प्राण–प्रिया और अपने बचे हुए बालकों को क्रूर दृष्‍टि से देखेगा; और वह उनमें से किसी को भी अपने बालकों के मांस में से जो वह आप खाएगा कुछ न देगा, क्योंकि घिर जाने और उस संकट में, जिसमें तेरे शत्रु तेरे सारे फाटकों के भीतर तुझे घेर डालेंगे, उसके पास कुछ न रहेगा। और तुझ में जो स्त्री यहाँ तक कोमल और सुकुमार हो कि सुकुमारपन और कोमलता के मारे भूमि पर पाँव धरते भी डरती हो, वह भी अपने प्राणप्रिय पति, और बेटे, और बेटी को, अपनी खेरी, वरन् अपने जने हुए बच्‍चों को क्रूर दृष्‍टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिप के खाएगी। “यदि तू इन व्यवस्था के सारे वचनों का पालन करने में, जो इस पुस्तक में लिखे हैं, चौकसी करके उस आदरणीय और भययोग्य नाम का, जो यहोवा तेरे परमेश्‍वर का है भय न माने, तो यहोवा तुझ को और तेरे वंश को अनोखे अनोखे दण्ड देगा, वे दुष्‍ट और बहुत दिन रहनेवाले रोग और भारी भारी दण्ड होंगे। और वह मिस्र के उन सब रोगों को फिर तेरे ऊपर लगा देगा, जिनसे तू भय खाता था; और वे तुझ में लगे रहेंगे। और जितने रोग आदि दण्ड इस व्यवस्था की पुस्तक में नहीं लिखे हैं, उन सभों को भी यहोवा तुझ को यहाँ तक लगा देगा, कि तेरा सत्यानाश हो जाएगा। और तू जो अपने परमेश्‍वर यहोवा की न मानेगा, इस कारण आकाश के तारों के समान अनगिनित होने के बदले तुझ में से थोड़े ही मनुष्य रह जाएँगे। और जैसे अब यहोवा को तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हारा नाश वरन् सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे। और यहोवा तुझ को पृथ्वी के इस छोर से लेकर उस छोर तक के सब देशों के लोगों में तितर बितर करेगा; और वहाँ रहकर तू अपने और अपने पुरखाओं के लिए अनजान काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना करेगा। और उन जातियों में तू कभी चैन न पाएगा, और न तेरे पाँव को ठिकाना मिलेगा; क्योंकि वहाँ यहोवा ऐसा करेगा कि तेरा हृदय काँपता रहेगा, और तेरी आँखें धुँधली पड़ जाएँगी, और तेरा मन व्याकुल रहेगा; और तुझ को जीवन पर नित्य सन्देह रहेगा; और तू दिन रात थरथराता रहेगा, और तेरे जीवन का कुछ भरोसा न रहेगा। तेरे मन में जो भय बना रहेगा, और तेरी आँखों को जो कुछ दिखता रहेगा, उसके कारण तू भोर को आह मारके कहेगा, ‘साँझ कब होगी!’ और साँझ को आह मारके कहेगा, ‘भोर कब होगा!’ और यहोवा तुझ को नावों पर चढ़ाकर मिस्र में उस मार्ग से लौटा देगा, जिसके विषय में मैं ने तुझ से कहा था, कि वह फिर तेरे देखने में न आएगा; और वहाँ तुम अपने शत्रुओं के हाथ दास–दासी होने के लिये बिकाऊ तो रहोगे, परन्तु तुम्हारा कोई ग्राहक न होगा।”

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