एज्रा 10
10
अन्यजाति स्त्रियों का दूर किया जाना
1जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने पड़ा, रोता हुआ प्रार्थना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इस्राएल में से पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की एक बहुत बड़ी मण्डली उसके पास इकट्ठी हुई; और लोग बिलख बिलख कर रो रहे थे। 2तब यहीएल का पुत्र शकन्याह जो एलाम के वंश में का था, एज्रा से कहने लगा, “हम लोगों ने इस देश के लोगों में से अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह कर अपने परमेश्वर का विश्वासघात तो किया है, परन्तु इस दशा में भी इस्राएल के लिये आशा है। 3अब हम अपने परमेश्वर से यह वाचा बाँधें, कि हम अपने प्रभु की सम्मति और अपने परमेश्वर की आज्ञा सुनकर थरथरानेवालों की सम्मति के अनुसार ऐसी सब स्त्रियों को और उनके बच्चों को दूर करें; और व्यवस्था के अनुसार काम किया जाए। 4तू उठ, क्योंकि यह काम तेरा ही है, और हम तेरे साथ हैं; इसलिये हियाव बाँधकर इस काम में लग जा।” 5तब एज्रा उठा, और याजकों, लेवियों और सब इस्राएलियों के प्रधानों को यह शपथ खिलाई कि हम इसी वचन के अनुसार करेंगे; और उन्होंने वैसी ही शपथ खाई।
6तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र योहानान की कोठरी में गया, और वहाँ पहुँचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बँधुआई में से निकल आए हुओं के विश्वासघात के कारण शोक करता रहा। 7तब उन्होंने यहूदा और यरूशलेम में रहनेवाले बँधुआई में से आए हुए सब लोगों में यह प्रचार कराया, कि तुम यरूशलेम में इकट्ठा हो; 8और जो कोई हाकिमों और पुरनियों की सम्मति न मानेगा और तीन दिन के भीतर न आए, उसकी समस्त धन–सम्पत्ति नष्ट की जाएगी और वह आप बँधुआई से आए हुओं की सभा से अलग किया जाएगा।
9तब यहूदा और बिन्यामीन के सब मनुष्य तीन दिन के भीतर यरूशलेम में इकट्ठा हुए; यह नौवें महीने के बीसवें दिन में हुआ; और सब लोग परमेश्वर के भवन के चौक में उस विषय के कारण और भारी वर्षा के मारे काँपते हुए बैठे रहे। 10तब एज्रा याजक खड़ा होकर उनसे कहने लगा, “तुम लोगों ने विश्वासघात करके अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह लीं, और इससे इस्राएल का दोष बढ़ गया है। 11इसलिये अब अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के सामने अपना पाप मान लो, और उसकी इच्छा पूरी करो, और इस देश के लोगों से और अन्यजाति–स्त्रियों से अलग हो जाओ।” 12तब पूरी मण्डली के लोगों ने ऊँचे शब्द से कहा, “जैसा तू ने कहा है, वैसा ही हमें करना उचित है। 13परन्तु लोग बहुत हैं, और वर्षा का समय है, और हम बाहर खड़े नहीं रह सकते, और यह दो एक दिन का काम नहीं है, क्योंकि हम ने इस बात में बड़ा अपराध किया है। 14समस्त मण्डली की ओर से हमारे हाकिम नियुक्त किए जाएँ; और जब तक हमारे परमेश्वर का भड़का हुआ कोप हम से दूर न हो, और यह काम पूरा न हो जाए, तब तक हमारे नगरों के जितने निवासियों ने अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह ली हों, वे नियत समयों पर आया करें, और उनके संग एक नगर के पुरनिये और न्यायी आएँ।” 15इसके विरुद्ध केवल असाहेल के पुत्र योनातान और तिकवा के पुत्र यहजयाह खड़े हुए, और मशुल्लाम और शब्बतै लेवियों ने उनकी सहायता की।
16परन्तु बँधुआई से आए हुए लोगों ने वैसा ही किया। तब एज्रा याजक और पितरों के घरानों के कितने मुख्य पुरुष अपने अपने पितरों के घराने के अनुसार अपने सब नाम लिखाकर अलग किए गए, और दसवें महीने के पहले दिन को इस बात की तहक़ीक़ात के लिये बैठे; 17और पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सब पुरुषों की जाँच पूरी कर ली, जिन्होंने अन्यजाति–स्त्रियों से विवाह कर लिया था।
अन्यजाति–स्त्रियों से विवाह करनेवालों के नाम
18याजकों की सन्तान में से ये जन पाए गए जिन्होंने अन्यजाति–स्त्रियों से विवाह कर लिया था : येशू के पुत्र, योसादाक के पुत्र, और उसके भाई मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह। 19इन्होंने हाथ मारकर वचन दिया कि हम अपनी स्त्रियों को निकाल देंगे, और उन्होंने दोषी ठहरकर, अपने अपने दोष के कारण एक एक मेढ़ा बलि किया। 20इम्मेर की सन्तान में से : हनानी और जबद्याह। 21हारीम की सन्तान में से : मासेयाह, एलीयाह, शमायाह, यहीएल और उज्जियाह। 22पशहूर की सन्तान में से : एल्योएनै, मासेयाह, इशमाएल, नतनेल, योजाबाद और एलासा।
23फिर लेवियों में से : योजाबाद, शिमी, केलायाह जो कलीता कहलाता है, पतह्याह, यहूदा और एलीआज़र। 24गवैयों में से : एल्याशीब; और द्वारपालों में से शल्लूम, तेलेम, और ऊरी।
25इस्राएल में से परोश की सन्तान में : रम्याह, यिज्जियाह, मल्कियाह, मियामीन, एलीआज़ार, मल्कियाह और बनायाह। 26एलाम की सन्तान में से : मत्तन्याह, जकर्याह, यहीएल, अब्दी, यरेमोत और एलियाह। 27जत्तू की सन्तान में से : एल्योएनै, एल्याशीब, मत्तन्याह, यरेमोत, जाबाद, और अज़ीज़ा। 28बेबै की सन्तान में से : यहोहानान, हनन्याह, जब्बै और अतलै। 29वानी की सन्तान में से : मशुल्लाम, मल्लूक, अदायाह, याशूब, शाल और यरामोत। 30पहतमोआब की सन्तान में से : अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, मत्तन्याह, बसलेल, बिन्नूई और मनश्शे। 31हारीम की सन्तान में से : एलीआज़ार, यिश्शियाह, मल्कियाह, शमायाह, शिमोन; 32बिन्यामीन, मल्लूक और शमर्याह। 33हाशूम की सन्तान में से : मत्तनै, मत्तत्ता, जाबाद, एलीपेलेत, यरेमै, मनश्शे, और शिमी। 34बानी की सन्तान में से : मादै, अम्राम, ऊएल; 35बनायाह, बेदयाह, कलूही; 36बन्याह, मरेमोत, एल्याशीब; 37मत्तन्याह, मत्तनै, यासू; 38बानी, बिन्नूई, शिमी; 39शेलेम्याह, नातान, अदायाह; 40मक्नदबै, शाशै, शारै; 41अजरेल, शेलेम्याह, शेमर्याह; 42शल्लूम, अमर्याह और योसेफ। 43नबो की सन्तान में से : यीएल, मत्तित्याह, जाबाद, जबीना, यद्दो, योएल, और बनायाह। 44इन सभों ने अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह ली थीं, और बहुतों की स्त्रियों से लड़के भी उत्पन्न हुए थे।
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एज्रा 10
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अन्यजाति स्त्रियों का दूर किया जाना
1जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने पड़ा, रोता हुआ प्रार्थना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इस्राएल में से पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की एक बहुत बड़ी मण्डली उसके पास इकट्ठी हुई; और लोग बिलख बिलख कर रो रहे थे। 2तब यहीएल का पुत्र शकन्याह जो एलाम के वंश में का था, एज्रा से कहने लगा, “हम लोगों ने इस देश के लोगों में से अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह कर अपने परमेश्वर का विश्वासघात तो किया है, परन्तु इस दशा में भी इस्राएल के लिये आशा है। 3अब हम अपने परमेश्वर से यह वाचा बाँधें, कि हम अपने प्रभु की सम्मति और अपने परमेश्वर की आज्ञा सुनकर थरथरानेवालों की सम्मति के अनुसार ऐसी सब स्त्रियों को और उनके बच्चों को दूर करें; और व्यवस्था के अनुसार काम किया जाए। 4तू उठ, क्योंकि यह काम तेरा ही है, और हम तेरे साथ हैं; इसलिये हियाव बाँधकर इस काम में लग जा।” 5तब एज्रा उठा, और याजकों, लेवियों और सब इस्राएलियों के प्रधानों को यह शपथ खिलाई कि हम इसी वचन के अनुसार करेंगे; और उन्होंने वैसी ही शपथ खाई।
6तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र योहानान की कोठरी में गया, और वहाँ पहुँचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बँधुआई में से निकल आए हुओं के विश्वासघात के कारण शोक करता रहा। 7तब उन्होंने यहूदा और यरूशलेम में रहनेवाले बँधुआई में से आए हुए सब लोगों में यह प्रचार कराया, कि तुम यरूशलेम में इकट्ठा हो; 8और जो कोई हाकिमों और पुरनियों की सम्मति न मानेगा और तीन दिन के भीतर न आए, उसकी समस्त धन–सम्पत्ति नष्ट की जाएगी और वह आप बँधुआई से आए हुओं की सभा से अलग किया जाएगा।
9तब यहूदा और बिन्यामीन के सब मनुष्य तीन दिन के भीतर यरूशलेम में इकट्ठा हुए; यह नौवें महीने के बीसवें दिन में हुआ; और सब लोग परमेश्वर के भवन के चौक में उस विषय के कारण और भारी वर्षा के मारे काँपते हुए बैठे रहे। 10तब एज्रा याजक खड़ा होकर उनसे कहने लगा, “तुम लोगों ने विश्वासघात करके अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह लीं, और इससे इस्राएल का दोष बढ़ गया है। 11इसलिये अब अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा के सामने अपना पाप मान लो, और उसकी इच्छा पूरी करो, और इस देश के लोगों से और अन्यजाति–स्त्रियों से अलग हो जाओ।” 12तब पूरी मण्डली के लोगों ने ऊँचे शब्द से कहा, “जैसा तू ने कहा है, वैसा ही हमें करना उचित है। 13परन्तु लोग बहुत हैं, और वर्षा का समय है, और हम बाहर खड़े नहीं रह सकते, और यह दो एक दिन का काम नहीं है, क्योंकि हम ने इस बात में बड़ा अपराध किया है। 14समस्त मण्डली की ओर से हमारे हाकिम नियुक्त किए जाएँ; और जब तक हमारे परमेश्वर का भड़का हुआ कोप हम से दूर न हो, और यह काम पूरा न हो जाए, तब तक हमारे नगरों के जितने निवासियों ने अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह ली हों, वे नियत समयों पर आया करें, और उनके संग एक नगर के पुरनिये और न्यायी आएँ।” 15इसके विरुद्ध केवल असाहेल के पुत्र योनातान और तिकवा के पुत्र यहजयाह खड़े हुए, और मशुल्लाम और शब्बतै लेवियों ने उनकी सहायता की।
16परन्तु बँधुआई से आए हुए लोगों ने वैसा ही किया। तब एज्रा याजक और पितरों के घरानों के कितने मुख्य पुरुष अपने अपने पितरों के घराने के अनुसार अपने सब नाम लिखाकर अलग किए गए, और दसवें महीने के पहले दिन को इस बात की तहक़ीक़ात के लिये बैठे; 17और पहले महीने के पहले दिन तक उन्होंने उन सब पुरुषों की जाँच पूरी कर ली, जिन्होंने अन्यजाति–स्त्रियों से विवाह कर लिया था।
अन्यजाति–स्त्रियों से विवाह करनेवालों के नाम
18याजकों की सन्तान में से ये जन पाए गए जिन्होंने अन्यजाति–स्त्रियों से विवाह कर लिया था : येशू के पुत्र, योसादाक के पुत्र, और उसके भाई मासेयाह, एलीआज़र, यारीब और गदल्याह। 19इन्होंने हाथ मारकर वचन दिया कि हम अपनी स्त्रियों को निकाल देंगे, और उन्होंने दोषी ठहरकर, अपने अपने दोष के कारण एक एक मेढ़ा बलि किया। 20इम्मेर की सन्तान में से : हनानी और जबद्याह। 21हारीम की सन्तान में से : मासेयाह, एलीयाह, शमायाह, यहीएल और उज्जियाह। 22पशहूर की सन्तान में से : एल्योएनै, मासेयाह, इशमाएल, नतनेल, योजाबाद और एलासा।
23फिर लेवियों में से : योजाबाद, शिमी, केलायाह जो कलीता कहलाता है, पतह्याह, यहूदा और एलीआज़र। 24गवैयों में से : एल्याशीब; और द्वारपालों में से शल्लूम, तेलेम, और ऊरी।
25इस्राएल में से परोश की सन्तान में : रम्याह, यिज्जियाह, मल्कियाह, मियामीन, एलीआज़ार, मल्कियाह और बनायाह। 26एलाम की सन्तान में से : मत्तन्याह, जकर्याह, यहीएल, अब्दी, यरेमोत और एलियाह। 27जत्तू की सन्तान में से : एल्योएनै, एल्याशीब, मत्तन्याह, यरेमोत, जाबाद, और अज़ीज़ा। 28बेबै की सन्तान में से : यहोहानान, हनन्याह, जब्बै और अतलै। 29वानी की सन्तान में से : मशुल्लाम, मल्लूक, अदायाह, याशूब, शाल और यरामोत। 30पहतमोआब की सन्तान में से : अदना, कलाल, बनायाह, मासेयाह, मत्तन्याह, बसलेल, बिन्नूई और मनश्शे। 31हारीम की सन्तान में से : एलीआज़ार, यिश्शियाह, मल्कियाह, शमायाह, शिमोन; 32बिन्यामीन, मल्लूक और शमर्याह। 33हाशूम की सन्तान में से : मत्तनै, मत्तत्ता, जाबाद, एलीपेलेत, यरेमै, मनश्शे, और शिमी। 34बानी की सन्तान में से : मादै, अम्राम, ऊएल; 35बनायाह, बेदयाह, कलूही; 36बन्याह, मरेमोत, एल्याशीब; 37मत्तन्याह, मत्तनै, यासू; 38बानी, बिन्नूई, शिमी; 39शेलेम्याह, नातान, अदायाह; 40मक्नदबै, शाशै, शारै; 41अजरेल, शेलेम्याह, शेमर्याह; 42शल्लूम, अमर्याह और योसेफ। 43नबो की सन्तान में से : यीएल, मत्तित्याह, जाबाद, जबीना, यद्दो, योएल, और बनायाह। 44इन सभों ने अन्यजाति स्त्रियाँ ब्याह ली थीं, और बहुतों की स्त्रियों से लड़के भी उत्पन्न हुए थे।
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