तब मैं ने कहा, “हाय! हाय! मैं नष्ट हुआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठवाला मनुष्य हूँ; और अशुद्ध होंठवाले मनुष्यों के बीच में रहता हूँ, क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आँखों से देखा है!” तब एक साराप हाथ में अँगारा लिये हुए, जिसे उसने चिमटे से वेदी पर से उठा लिया था, मेरे पास उड़ कर आया। उसने उससे मेरे मुँह को छूकर कहा, “देख, इसने तेरे होंठों को छू लिया है, इसलिये तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए।”
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