यिर्मयाह 32:1-7

यिर्मयाह 32:1-7 HINOVBSI

यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के दसवें वर्ष में जो नबूकदनेस्सर के राज्य का अठारहवाँ वर्ष था, यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा। उस समय बेबीलोन के राजा की सेना ने यरूशलेम को घेर लिया था और यिर्मयाह भविष्यद्वक्‍ता यहूदा के राजा के भवन में पहरे के आँगन में कैदी था। क्योंकि यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने यह कहकर उसे कैद किया था, “तू ऐसी भविष्यद्वाणी क्यों करता है, ‘यहोवा यों कहता है : देखो, मैं यह नगर बेबीलोन के राजा के वश में कर दूँगा, वह इसको ले लेगा; और यहूदा का राजा सिदकिय्याह कसदियों के हाथ से न बचेगा परन्तु वह बेबीलोन के राजा के वश में अवश्य ही पड़ेगा, और वह और बेबीलोन का राजा आपस में आमने–सामने बातें करेंगे; और अपनी अपनी आँखों से एक दूसरे को देखेंगे; और वह सिदकिय्याह को बेबीलोन में ले जाएगा, और जब तक मैं उसकी सुधि न लूँ, तब तक वह वहीं रहेगा, यहोवा की यह वाणी है; चाहे तुम लोग कसदियों से लड़ो भी, तौभी तुम्हारे लड़ने से कुछ बन न पड़ेगा’।” यिर्मयाह ने कहा, “यहोवा का वचन मेरे पास पहुँचा : देख, शल्‍लम का पुत्र हनमेल जो तेरा चचेरा भाई है, वह तेरे पास यह कहने को आने पर है, ‘मेरा खेत जो अनातोत में है उसे मोल ले, क्योंकि उसे मोल लेकर छुड़ाने का अधिकार तेरा ही है।’