जिस समय यिर्मयाह पहरे के आँगन में बन्द था, उस समय यहोवा का वचन दूसरी बार उसके पास पहुँचा : “यहोवा जो पृथ्वी का रचनेवाला है, जो उसको स्थिर करता है, उसका नाम यहोवा है; वह यह कहता है : मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी–बड़ी और कठिन बातें बताऊँगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता। क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस नगर के घरों और यहूदा के राजाओं के भवनों के विषय में, जो इसलिये गिराए जाते हैं कि दमदमों और तलवार के साथ सुभीते से लड़ सकें, यों कहता है : कसदियों से युद्ध करने को वे लोग आते तो हैं, परन्तु मैं क्रोध और जलजलाहट में आकर उनको मरवाऊँगा, और उनके शव उसी स्थान में भर दूँगा; क्योंकि उनकी दुष्टता के कारण मैं ने इस नगर से मुख फेर लिया है। देख, मैं इस नगर का इलाज करके इसके निवासियों को चंगा करूँगा; और उन पर पूरी शान्ति और सच्चाई प्रगट करूँगा।
यिर्मयाह 33 पढ़िए
सुनें - यिर्मयाह 33
शेयर
सभी संस्करणों की तुलना करें: यिर्मयाह 33:1-6
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो