यिर्मयाह 45

45
बारूक से परमेश्‍वर की प्रतिज्ञा
1योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के चौथे वर्ष में,#2 राजा 24:1; 2 इति 36:5–7; दानि 1:1,2 जब नेरिय्याह का पुत्र बारूक यिर्मयाह भविष्यद्वक्‍ता से भविष्यद्वाणी के ये वचन सुनकर पुस्तक में लिख चुका था, 2तब उसने उससे यह वचन कहा : “इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा, तुझ से यों कहता है : 3हे बारूक, तू ने कहा, ‘हाय मुझ पर! क्योंकि यहोवा ने मुझे दु:ख पर दु:ख दिया है#45:3 मेरी पीड़ा पर खेद बढ़ाया है ; मैं कराहते कराहते थक गया और मुझे कुछ चैन नहीं मिलता।’ 4तू यों कह, यहोवा यों कहता है : देख, इस सारे देश को जिसे मैं ने बनाया था, उसे मैं आप ढा दूँगा, और जिन को मैं ने रोपा था, उन्हें स्वयं उखाड़ फेंकूँगा। 5इसलिये सुन, क्या तू अपने लिये बड़ाई खोज रहा है? उसे मत खोज; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि मैं सारे मनुष्यों पर विपत्ति डालूँगा; परन्तु जहाँ कहीं तू जाएगा वहाँ मैं तेरा प्राण बचाकर तुझे जीवित रखूँगा#45:5 मूल में, तेरे प्राण को लूट समझकर तुझे दूँगा ।”

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यिर्मयाह 45: HINOVBSI

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