यिर्मयाह 47

47
पलिश्तियों के विषय परमेश्‍वर का संदेश
1फ़िरौन द्वारा गाज़ा नगर को जीत लेने से पहिले यिर्मयाह भविष्यद्वक्‍ता के पास पलिश्तियों के विषय यहोवा का यह वचन#यशा 14:29–31; यहेज 25:15–17; योए 3:4–8; आमो 1:6–8; सप 2:4–7; जक 9:5–7 पहुँचा : 2“यहोवा यों कहता है : देखो, उत्तर दिशा से उमण्डनेवाली नदी देश को उस सब समेत जो उसमें है, और निवासियों समेत नगर को डुबो लेगी। तब मनुष्य चिल्‍लाएँगे, वरन् देश के सब रहनेवाले हाय–हाय करेंगे। 3शत्रुओं के बलवन्त घोड़ों की टाप, रथों के वेग से चलने और उनके पहियों के चलने का कोलाहल सुनकर पिता के हाथ–पाँव ऐसे ढीले पड़ जाएँगे, कि वह मुँह मोड़कर अपने लड़कों को भी न देखेगा। 4क्योंकि सब पलिश्तियों के नाश का दिन आता है; और सोर और सिदोन के सब बचे हुए सहायक मिट जाएँगे। क्योंकि यहोवा पलिश्तियों को जो कप्‍तोर नामक समुद्र तट के बचे हुए रहनेवाले हैं, उनको भी नष्‍ट करने पर है। 5गाज़ा के लोग सिर मुँड़ाए हैं, अश्कलोन जो पलिश्तियों के नीचान में अकेला रह गया है, वह भी मिटाया गया है; तू कब तक अपनी देह चीरता रहेगा?
6“हे यहोवा की तलवार! तू कब तक शान्त न होगी? तू अपनी मियान में घुस जा, शान्त हो, और थमी रह! 7तू कैसे थम सकती है? क्योंकि यहोवा ने तुझ को आज्ञा देकर अश्कलोन और समुद्रतट के विरुद्ध ठहराया है।”

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