अय्यूब 35:1-7

अय्यूब 35:1-7 HINOVBSI

फिर एलीहू इस प्रकार और भी कहता गया, “क्या तू इसे अपना हक़ समझता है? क्या तू दावा करता है कि तेरा धर्म परमेश्‍वर के धर्म से अधिक है? जो तू कहता है, ‘मुझे इस से क्या लाभ? मुझे पापी होने में और न होने में कौन सा अधिक अन्तर है?’ मैं तुझे और तेरे साथियों को भी एक संग उत्तर देता हूँ। आकाश की ओर दृष्‍टि करके देख; और आकाशमण्डल को ताक, जो तुझ से ऊँचा है। यदि तू ने पाप किया है तो परमेश्‍वर का क्या बिगड़ता है? यदि तेरे अपराध बहुत बढ़ जाएँ तौभी तू उसका क्या कर लेगा? यदि तू धर्मी है तो उसको क्या दे देता है; या उसे तेरे हाथ से क्या मिल जाता है?