जब वह उस पहाड़ से उतरा, तो एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली। और देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा, “हे प्रभु, यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है।” यीशु ने हाथ बढ़ाकर उसे छुआ, और कहा, “मैं चाहता हूँ, तू शुद्ध हो जा।” और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया। यीशु ने उससे कहा, “देख, किसी से न कहना, परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा और जो चढ़ावा मूसा ने ठहराया है उसे चढ़ा, ताकि लोगों के लिए गवाही हो।”
जब वह कफरनहूम में आया तो एक सूबेदार ने उसके पास आकर उस से विनती की, “हे प्रभु, मेरा सेवक घर में लकवा रोग से बहुत दु:खी पड़ा है।” उसने उससे कहा, “मैं आकर उसे चंगा करूँगा।” सूबेदार ने उत्तर दिया, “हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं कि तू मेरी छत तले आए, परन्तु केवल मुख से कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जाएगा। क्योंकि मैं भी पराधीन मनुष्य हूँ, और सिपाही मेरे अधीन हैं। जब मैं एक से कहता हूँ, ‘जा!’ तो वह जाता है; और दूसरे से, ‘आ!’ तो वह आता है; और जब अपने दास से कहता हूँ, ‘यह कर!’ तो वह करता है।”
यह सुनकर यीशु को अचम्भा हुआ, और जो उसके पीछे आ रहे थे उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि मैं ने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया। और मैं तुम से कहता हूँ कि पूर्व और पश्चिम से बहुत से लोग आकर अब्राहम और इसहाक और याकूब के साथ स्वर्ग के राज्य में बैठेंगे। परन्तु राज्य के सन्तान बाहर अन्धकार में डाल दिए जाएँगे : वहाँ रोना और दाँतों का पीसना होगा।” तब यीशु ने सूबेदार से कहा, “जा, जैसा तेरा विश्वास है, वैसा ही तेरे लिये हो।” और उसका सेवक उसी घड़ी चंगा हो गया।