मीका 4:6-13

मीका 4:6-13 HINOVBSI

यहोवा की यह वाणी है, उस समय मैं प्रजा के लंगड़ों को, और जबरन निकाले हुओं को, और जिन को मैं ने दु:ख दिया है उन सब को इकट्ठे करूँगा; और लंगड़ों* को मैं बचा रखूँगा, और दूर किए हुओं को एक सामर्थी जाति कर दूँगा; और यहोवा उन पर सिय्योन पर्वत के ऊपर से सदा राज्य करता रहेगा। हे एदेर के गुम्मट, हे सिय्योन की पहाड़ी, पहली प्रभुता अर्थात् यरूशलेम का राज्य तुझे मिलेगा। अब तू क्यों चिल्‍लाती है? क्या तुझ में कोई राजा नहीं रहा? क्या तेरा युक्‍ति करनेवाला नष्‍ट हो गया, जिस से ज़च्‍चा स्त्री के समान तुझे पीड़ा उठती है? हे सिय्योन की बेटी, ज़च्‍चा स्त्री के समान पीड़ा उठाकर उत्पन्न कर; क्योंकि अब तू गढ़ी में से निकलकर मैदान में बसेगी, वरन् बेबीलोन तक जाएगी; वहीं तू छुड़ाई जाएगी, अर्थात् वहीं यहोवा तुझे तेरे शत्रुओं के वश में से छुड़ा लेगा। अब बहुत सी जातियाँ तेरे विरुद्ध इकट्ठी होकर तेरे विषय में कहेंगी, “सिय्योन अपवित्र की जाए, और हम अपनी आँखों से उसको निहारें।” परन्तु वे यहोवा की कल्पनाएँ नहीं जानते, न उसकी युक्‍ति समझते हैं, कि वह उन्हें ऐसा बटोर लेगा जैसे खलिहान में पूले बटोरे जाते हैं। हे सिय्योन, उठ और दाँवनी कर, मैं तेरे सींगों को लोहे के, और तेरे खुरों को पीतल के बना दूँगा; और तू बहुत सी जातियों को चूर चूर करेगी, और उनकी कमाई यहोवा को और उनकी धन–सम्पत्ति पृथ्वी के प्रभु के लिये अर्पण करेगी।

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