चेले रोटी लेना भूल गए थे, और नाव में उनके पास एक ही रोटी थी। उसने उन्हें चिताया, “देखो, फरीसियों के खमीर और हेरोदेस के खमीर से चौकस रहो।” वे आपस में विचार करके कहने लगे, “हमारे पास रोटी नहीं है।” यह जानकर यीशु ने उनसे कहा, “तुम क्यों आपस में यह विचार कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं? क्या अब तक नहीं जानते और नहीं समझते? क्या तुम्हारा मन कठोर हो गया है? क्या आँखें रखते हुए भी नहीं देखते, और कान रखते हुए भी नहीं सुनते? और क्या तुम्हें स्मरण नहीं कि जब मैं ने पाँच हज़ार के लिए पाँच रोटियाँ तोड़ी थीं तो तुम ने टुकड़ों की कितनी टोकरियाँ भरकर उठाईं?” उन्होंने उससे कहा, “बारह टोकरियाँ।” “और जब चार हज़ार के लिये सात रोटियाँ थीं तो तुम ने टुकड़ों के कितने टोकरे भरकर उठाए थे?” उन्होंने उससे कहा, “सात टोकरे।” उसने उनसे कहा, “क्या तुम अब तक नहीं समझते?”
वे बैतसैदा में आए; और लोग एक अंधे को उसके पास ले आए और उससे विनती की कि उसको छुए। वह उस अंधे का हाथ पकड़कर उसे गाँव के बाहर ले गया, और उसकी आँखों में थूककर उस पर हाथ रखे, और उससे पूछा, “क्या तू कुछ देखता है?” उस ने आँख उठा कर कहा, “मैं मनुष्यों को देखता हूँ; वे मुझे चलते हुए पेड़ों जैसे दिखाई देते हैं।” तब उसने दोबारा उसकी आँखों पर हाथ रखे, और अंधे ने ध्यान से देखा। वह चंगा हो गया, और सब कुछ साफ–साफ देखने लगा। उसने उसे यह कहकर घर भेजा, “इस गाँव के भीतर पाँव भी न रखना।”
यीशु और उसके चेले कैसरिया फिलिप्पी के गाँवों में चले गए। मार्ग में उसने अपने चेलों से पूछा, “लोग मुझे क्या कहते हैं?” उन्होंने उत्तर दिया, “यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला; पर कोई कोई एलिय्याह और कोई कोई भविष्यद्वक्ताओं में से एक भी कहते हैं।” उसने उनसे पूछा, “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” पतरस ने उसको उत्तर दिया, “तू मसीह है।” तब उसने उन्हें चिताकर कहा कि मेरे विषय में यह किसी से न कहना।
तब वह उन्हें सिखाने लगा कि मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और पुरनिए और प्रधान याजक, और शास्त्री उसे तुच्छ समझकर मार डालें, और वह तीन दिन के बाद जी उठे। उसने यह बात उनसे साफ–साफ कह दी। इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर झिड़कने लगा, परन्तु उस ने फिरकर अपने चेलों की ओर देखा, और पतरस को झिड़क कर कहा, “हे शैतान, मेरे सामने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।”
उसने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुलाकर उनसे कहा, “जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठाकर, मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा। यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? मनुष्य अपने प्राण के बदले क्या देगा? जो कोई इस व्यभिचारी और पापी जाति के बीच मुझ से और मेरी बातों से लजाएगा, मनुष्य का पुत्र भी जब वह पवित्र दूतों के साथ अपने पिता की महिमा सहित आएगा, तब उस से भी लजाएगा।”