हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर कान लगा, और अपनी माता की शिक्षा को न तज; क्योंकि वे मानो तेरे सिर के लिये शोभायमान मुकुट, और तेरे गले के लिये कन्ठ माला होगी। हे मेरे पुत्र, यदि पापी लोग तुझे फुसलाएँ, तो उनकी बात न मानना। यदि वे कहें, “हमारे संग चल कि हम हत्या करने के लिये घात लगाएँ, हम निर्दोषों की ताक में रहें; हम अधोलोक के समान उनको जीवता, कबर में पड़े हुओं के समान समूचा निगल जाएँ। हम को सब प्रकार के अनमोल पदार्थ मिलेंगे, हम अपने घरों को लूट से भर लेंगे; तू हमारा साझी हो जा, हम सभों का एक ही बटुआ हो,” तो हे मेरे पुत्र, तू उनके संग मार्ग में न चलना, वरन् उनकी डगर में पाँव भी न रखना। क्योंकि वे बुराई ही करने को दौड़ते हैं, और हत्या करने को फुर्ती करते हैं। क्योंकि पक्षी के देखते हुए जाल फैलाना व्यर्थ होता है; और ये लोग तो अपनी ही हत्या करने के लिये घात लगाते हैं, और अपने ही प्राणों की घात में रहते हैं। सब लालचियों की चाल ऐसी ही होती है, उनका प्राण लालच ही के कारण नष्ट हो जाता है।
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