यहोवा ने पृथ्वी की नींव बुद्धि ही से डाली; और स्वर्ग को समझ ही के द्वारा स्थिर किया। उसी के ज्ञान के द्वारा गहिरे सागर फूट निकले, और आकाशमण्डल से ओस टपकती है। हे मेरे पुत्र, ये बातें तेरी दृष्टि की ओट में न होने पाएँ, खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर, तब इन से तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे। तब तू अपने मार्ग पर निडर चलेगा, और तेरे पाँव में ठेस न लगेगी। जब तू लेटेगा, तब भय न खाएगा, जब तू लेटेगा, तब सुख की नींद आएगी। अचानक आनेवाले भय से न डरना, और जब दुष्टों पर विपत्ति आ पड़े, तब न घबराना; क्योंकि यहोवा तुझे सहारा दिया करेगा, और तेरे पाँव को फन्दे में फँसने न देगा। जिनका भला करना चाहिए, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना। यदि तेरे पास देने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना कि जा कल फिर आना, कल मैं तुझे दूँगा। जब तेरा पड़ोसी तेरे पास बेखटके रहता है, तब उसके विरुद्ध बुरी युक्ति न बाँधना। जिस मनुष्य ने तुझ से बुरा व्यवहार न किया हो, उससे अकारण मुक़द्दमा खड़ा न करना। उपद्रवी पुरुष के विषय में डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना; क्योंकि यहोवा कुटिल से घृणा करता है, परन्तु वह अपना भेद सीधे लोगों पर खोलता है। दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप और धर्मियों के वासस्थान पर उसकी आशीष होती है। ठट्ठा करनेवालों से वह निश्चय ठट्ठा करता है, और दीनों पर अनुग्रह करता है। बुद्धिमान महिमा को पाएँगे, और मूर्खों की बढ़ती अपमान ही की होगी।
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