भजन संहिता 31:19-24

भजन संहिता 31:19-24 HINOVBSI

आहा, तेरी भलाई क्या ही बड़ी है जो तू ने अपने डरवैयों के लिये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतों के लिये मनुष्यों के सामने प्रगट भी की है। तू उन्हें दर्शन देने के गुप्‍तस्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्‍ठी से गुप्‍त रखेगा; तू उनको अपने मण्डप में झगड़े–रगड़े से छिपा रखेगा। यहोवा धन्य है, क्योंकि उसने मुझे गढ़वाले नगर में रखकर मुझ पर अद्भुत करुणा की है। मैं ने तो घबराकर कहा था कि मैं यहोवा की दृष्‍टि से दूर हो गया। तौभी जब मैं ने तेरी दोहाई दी, तब तू ने मेरी गिड़गिड़ाहट को सुन लिया। हे यहोवा के सब भक्‍तो, उससे प्रेम रखो! यहोवा सच्‍चे लोगों की तो रक्षा करता है, परन्तु जो अहंकार करता है, उसको वह भली भाँति बदला देता है। हे यहोवा पर आशा रखनेवालो, हियाव बाँधो और तुम्हारे हृदय दृढ़ रहें।