भजन संहिता 34
34
परमेश्वर की भलाई के लिये उसकी स्तुति
दाऊद का भजन, जब वह अबीमेलेक के सामने पागल–सा बना, और अबीमेलेक ने उसे निकाल दिया, और वह चला गया#1 शमू 21:13–15
1मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा
करूँगा;
उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
2मैं यहोवा पर घमण्ड करूँगा;
नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
3मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो,
और आओ हम मिलकर उसके नाम की
स्तुति करें!
4मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी
सुन ली,
और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
5जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की,
उन्होंने ज्योति पाई;
और उनका मुँह कभी काला न होने पाया।
6इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने
सुन लिया,
और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
7यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत
छावनी किए हुए उनको बचाता है।
8परखकर#34:8 मूल में, चखकर; 1 पत 2:3 देखो कि यहोवा कैसा भला है!
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो उसकी
शरण लेता है।
9हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो,
क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात
की घटी नहीं होती!
10जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे
भी रह जाते हैं,
परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली
वस्तु की घटी न होगी।
11हे लड़को, आओ मेरी सुनो,
मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊँगा।
12वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता,
और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे?
13अपनी जीभ को बुराई से रोक रख,
और अपने मुँह की चौकसी कर कि उससे
छल की बात न निकले।
14बुराई को छोड़ और भलाई कर;
मेल को ढूँढ़ और उसी का पीछा कर।
15यहोवा की आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं,
और उसके कान भी उनकी दोहाई की
ओर लगे रहते हैं।
16यहोवा बुराई करनेवालों के विमुख रहता है,
ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।#1 पत 3:10–12
17धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है,
और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
18यहोवा टूटे मनवालों के समीप रहता है,
और पिसे हुओं का उद्धार करता है।
19धर्मी पर बहुत सी विपत्तियाँ पड़ती तो हैं,
परन्तु यहोवा उसको उन सबसे मुक्त
करता है।
20वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है;
और उनमें से एक भी टूटने नहीं पाती।#यूह 19:36
21दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा;
और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे।
22यहोवा अपने दासों का प्राण मोल लेकर
बचा लेता है;
और जितने उसके शरणागत हैं उन में से
कोई भी दोषी न ठहरेगा।
वर्तमान में चयनित:
भजन संहिता 34: HINOVBSI
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.
भजन संहिता 34
34
परमेश्वर की भलाई के लिये उसकी स्तुति
दाऊद का भजन, जब वह अबीमेलेक के सामने पागल–सा बना, और अबीमेलेक ने उसे निकाल दिया, और वह चला गया#1 शमू 21:13–15
1मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा
करूँगा;
उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
2मैं यहोवा पर घमण्ड करूँगा;
नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
3मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो,
और आओ हम मिलकर उसके नाम की
स्तुति करें!
4मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी
सुन ली,
और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
5जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की,
उन्होंने ज्योति पाई;
और उनका मुँह कभी काला न होने पाया।
6इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने
सुन लिया,
और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
7यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत
छावनी किए हुए उनको बचाता है।
8परखकर#34:8 मूल में, चखकर; 1 पत 2:3 देखो कि यहोवा कैसा भला है!
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो उसकी
शरण लेता है।
9हे यहोवा के पवित्र लोगो, उसका भय मानो,
क्योंकि उसके डरवैयों को किसी बात
की घटी नहीं होती!
10जवान सिंहों को तो घटी होती और वे भूखे
भी रह जाते हैं,
परन्तु यहोवा के खोजियों को किसी भली
वस्तु की घटी न होगी।
11हे लड़को, आओ मेरी सुनो,
मैं तुम को यहोवा का भय मानना सिखाऊँगा।
12वह कौन मनुष्य है जो जीवन की इच्छा रखता,
और दीर्घायु चाहता है ताकि भलाई देखे?
13अपनी जीभ को बुराई से रोक रख,
और अपने मुँह की चौकसी कर कि उससे
छल की बात न निकले।
14बुराई को छोड़ और भलाई कर;
मेल को ढूँढ़ और उसी का पीछा कर।
15यहोवा की आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं,
और उसके कान भी उनकी दोहाई की
ओर लगे रहते हैं।
16यहोवा बुराई करनेवालों के विमुख रहता है,
ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।#1 पत 3:10–12
17धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है,
और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
18यहोवा टूटे मनवालों के समीप रहता है,
और पिसे हुओं का उद्धार करता है।
19धर्मी पर बहुत सी विपत्तियाँ पड़ती तो हैं,
परन्तु यहोवा उसको उन सबसे मुक्त
करता है।
20वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है;
और उनमें से एक भी टूटने नहीं पाती।#यूह 19:36
21दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा;
और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे।
22यहोवा अपने दासों का प्राण मोल लेकर
बचा लेता है;
और जितने उसके शरणागत हैं उन में से
कोई भी दोषी न ठहरेगा।
वर्तमान में चयनित:
:
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
Copyright © 2012 by The Bible Society of India
Used by permission. All rights reserved worldwide.