भजन संहिता 90:7-12

भजन संहिता 90:7-12 HINOVBSI

क्योंकि हम तेरे क्रोध से भस्म हुए हैं; और तेरी जलजलाहट से घबरा गए हैं। तू ने हमारे अधर्म के कामों को अपने सम्मुख, और हमारे छिपे हुए पापों को अपने मुख की ज्योति में रखा है। क्योंकि हमारे सब दिन तेरे क्रोध में बीत जाते हैं, हम अपने वर्ष शब्द के समान बिताते हैं। हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष भी हो जाएँ, तौभी उनका घमण्ड केवल कष्‍ट और शोक ही शोक है; वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं। तेरे क्रोध की शक्‍ति को और भय के योग्य तेरे रोष को कौन समझता है? हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएँ।