प्रकाशितवाक्य 22
22
1फिर उसने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेम्ने के सिंहासन से निकलकर#यहेज 47:1; जक 14:8 2उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का वृक्ष था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस वृक्ष के पत्तों से जाति–जाति के लोग चंगे होते थे।#उत्प 2:9; यहेज 47:12 3फिर स्राप न होगा, और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा और उसके दास उसकी सेवा करेंगे।#जक 14:11 4वे उसका मुँह देखेंगे, और उसका नाम उनके माथों पर लिखा हुआ होगा। 5फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की अवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे।#यशा 60:19; दानि 7:18
यीशु का पुनरागमन
6फिर उसने मुझ से कहा, “ये बातें विश्वास के योग्य और सत्य हैं। प्रभु ने, जो भविष्यद्वक्ताओं की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा कि अपने दासों को वे बातें, जिनका शीघ्र पूरा होना अवश्य है, दिखाए।”
7“देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ! धन्य है वह, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें मानता है।”
8मैं वही यूहन्ना हूँ, जो ये बातें सुनता और देखता था। जब मैं ने सुना और देखा, तो जो स्वर्गदूत मुझे ये बातें दिखाता था, मैं उसके पाँवों पर दण्डवत् करने के लिये गिर पड़ा। 9पर उसने मुझ से कहा, “देख, ऐसा मत कर; क्योंकि मैं तेरा, और तेरे भाई भविष्यद्वक्ताओं, और इस पुस्तक की बातों के माननेवालों का संगी दास हूँ। परमेश्वर ही को दण्डवत् कर।”
10फिर उसने मुझ से कहा, “इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातों को बन्द मत कर;#22:10 या पर छाप न दे क्योंकि समय निकट है। 11जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है; वह पवित्र बना रहे।#दानि 12:10 ”
12“देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है।#यशा 40:10; 62:11; भजन 28:4; यिर्म 17:10 13मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ#प्रका 1:8,17; 2:8; यशा 44:6; 48:12 ।
14“धन्य वे हैं, जो अपने वस्त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के वृक्ष के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से होकर नगर में प्रवेश करेंगे।#उत्प 2:9; 3:22 15पर कुत्ते, और टोन्हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहनेवाला और गढ़नेवाला बाहर रहेगा।
16“मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे। मैं दाऊद का मूल और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूँ।#यशा 11:1,10 ”
17आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।#यशा 55:1
उपसंहार
18मैं हर एक को, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूँ : यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए तो परमेश्वर उन विपत्तियों को, जो इस पुस्तक में लिखी हैं, उस पर बढ़ाएगा। 19यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के वृक्ष और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा।#व्य 4:2; 12:32
20जो इन बातों की गवाही देता है वह यह कहता है, “हाँ, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ।” आमीन। हे प्रभु यीशु आ!
21प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन।
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Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
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प्रकाशितवाक्य 22
22
1फिर उसने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेम्ने के सिंहासन से निकलकर#यहेज 47:1; जक 14:8 2उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का वृक्ष था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस वृक्ष के पत्तों से जाति–जाति के लोग चंगे होते थे।#उत्प 2:9; यहेज 47:12 3फिर स्राप न होगा, और परमेश्वर और मेम्ने का सिंहासन उस नगर में होगा और उसके दास उसकी सेवा करेंगे।#जक 14:11 4वे उसका मुँह देखेंगे, और उसका नाम उनके माथों पर लिखा हुआ होगा। 5फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की अवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे।#यशा 60:19; दानि 7:18
यीशु का पुनरागमन
6फिर उसने मुझ से कहा, “ये बातें विश्वास के योग्य और सत्य हैं। प्रभु ने, जो भविष्यद्वक्ताओं की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा कि अपने दासों को वे बातें, जिनका शीघ्र पूरा होना अवश्य है, दिखाए।”
7“देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ! धन्य है वह, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें मानता है।”
8मैं वही यूहन्ना हूँ, जो ये बातें सुनता और देखता था। जब मैं ने सुना और देखा, तो जो स्वर्गदूत मुझे ये बातें दिखाता था, मैं उसके पाँवों पर दण्डवत् करने के लिये गिर पड़ा। 9पर उसने मुझ से कहा, “देख, ऐसा मत कर; क्योंकि मैं तेरा, और तेरे भाई भविष्यद्वक्ताओं, और इस पुस्तक की बातों के माननेवालों का संगी दास हूँ। परमेश्वर ही को दण्डवत् कर।”
10फिर उसने मुझ से कहा, “इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातों को बन्द मत कर;#22:10 या पर छाप न दे क्योंकि समय निकट है। 11जो अन्याय करता है, वह अन्याय ही करता रहे; और जो मलिन है, वह मलिन बना रहे; और जो धर्मी है, वह धर्मी बना रहे; और जो पवित्र है; वह पवित्र बना रहे।#दानि 12:10 ”
12“देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिये प्रतिफल मेरे पास है।#यशा 40:10; 62:11; भजन 28:4; यिर्म 17:10 13मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ#प्रका 1:8,17; 2:8; यशा 44:6; 48:12 ।
14“धन्य वे हैं, जो अपने वस्त्र धो लेते हैं, क्योंकि उन्हें जीवन के वृक्ष के पास आने का अधिकार मिलेगा, और वे फाटकों से होकर नगर में प्रवेश करेंगे।#उत्प 2:9; 3:22 15पर कुत्ते, और टोन्हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहनेवाला और गढ़नेवाला बाहर रहेगा।
16“मुझ यीशु ने अपने स्वर्गदूत को इसलिये भेजा कि तुम्हारे आगे कलीसियाओं के विषय में इन बातों की गवाही दे। मैं दाऊद का मूल और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूँ।#यशा 11:1,10 ”
17आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।#यशा 55:1
उपसंहार
18मैं हर एक को, जो इस पुस्तक की भविष्यद्वाणी की बातें सुनता है, गवाही देता हूँ : यदि कोई मनुष्य इन बातों में कुछ बढ़ाए तो परमेश्वर उन विपत्तियों को, जो इस पुस्तक में लिखी हैं, उस पर बढ़ाएगा। 19यदि कोई इस भविष्यद्वाणी की पुस्तक की बातों में से कुछ निकाल डाले, तो परमेश्वर उस जीवन के वृक्ष और पवित्र नगर में से, जिसका वर्णन इस पुस्तक में है, उसका भाग निकाल देगा।#व्य 4:2; 12:32
20जो इन बातों की गवाही देता है वह यह कहता है, “हाँ, मैं शीघ्र आनेवाला हूँ।” आमीन। हे प्रभु यीशु आ!
21प्रभु यीशु का अनुग्रह पवित्र लोगों के साथ रहे। आमीन।
वर्तमान में चयनित:
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Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible
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