प्रकाशितवाक्य 4:8
प्रकाशितवाक्य 4:8 HINOVBSI
चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर और भीतर आँखें ही आँखें हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिये यह कहते रहते हैं, “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था और जो है और जो आनेवाला है।”