1 थिस्सलुनीकियों 4
4
पवित्रता के लिये बुलाहट
1इसलिए हे भाइयों, हम तुम से विनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ। 2क्योंकि तुम जानते हो, कि हमने प्रभु यीशु की ओर से तुम्हें कौन-कौन से निर्देश पहुँचाए। 3क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो#4:3 पवित्र बनो: परमेश्वर की यह इच्छा या आज्ञा हैं कि आपको पवित्र होना चाहिए। अर्थात् व्यभिचार से बचे रहो, 4और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र#4:4 पात्र: कुछ अनुवादों में पात्र शब्द का प्रयोग पत्नी के लिए भी किया गया है। को प्राप्त करना जाने। 5और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न अन्यजातियों के समान, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं। 6कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दाँव चलाए, क्योंकि प्रभु इस सब बातों का पलटा लेनेवाला है; जैसा कि हमने पहले तुम से कहा, और चिताया भी था। (भज. 94:1) 7क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्तु पवित्र होने के लिये बुलाया है। 8इसलिए जो इसे तुच्छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्तु परमेश्वर को तुच्छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है।
प्रेम और कार्य
9किन्तु भाईचारे के प्रेम के विषय में यह आवश्यक नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूँ; क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है; (1 यूह. 3:11, रोम. 12:10) 10और सारे मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा करते भी हो, पर हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि और भी बढ़ते जाओ, 11और जैसा हमने तुम्हें समझाया, वैसे ही चुपचाप रहने और अपना-अपना काम-काज#4:11 अपना-अपना काम-काज: दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप किए बिना अपने स्वयं के कामों से मतलब रखना। करने, और अपने-अपने हाथों से कमाने का प्रयत्न करो। 12कि बाहरवालों के साथ सभ्यता से बर्ताव करो, और तुम्हें किसी वस्तु की घटी न हो।
मसीह का पुनरागमन
13हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञानी रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों के समान शोक करो जिन्हें आशा नहीं। 14क्योंकि यदि हम विश्वास करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। 15क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। 16क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा#4:16 प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा: मतलब एक प्रमुख स्वर्गदूत; वह जो प्रथम है, या वह जो दूसरों के ऊपर हैं।, और परमेश्वर की तुरही फूँकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहले जी उठेंगे। 17तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उनके साथ बादलों पर उठा लिए जाएँगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे। 18इसलिए इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो।
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पवित्रता के लिये बुलाहट
1इसलिए हे भाइयों, हम तुम से विनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ। 2क्योंकि तुम जानते हो, कि हमने प्रभु यीशु की ओर से तुम्हें कौन-कौन से निर्देश पहुँचाए। 3क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो#4:3 पवित्र बनो: परमेश्वर की यह इच्छा या आज्ञा हैं कि आपको पवित्र होना चाहिए। अर्थात् व्यभिचार से बचे रहो, 4और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र#4:4 पात्र: कुछ अनुवादों में पात्र शब्द का प्रयोग पत्नी के लिए भी किया गया है। को प्राप्त करना जाने। 5और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न अन्यजातियों के समान, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं। 6कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दाँव चलाए, क्योंकि प्रभु इस सब बातों का पलटा लेनेवाला है; जैसा कि हमने पहले तुम से कहा, और चिताया भी था। (भज. 94:1) 7क्योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्तु पवित्र होने के लिये बुलाया है। 8इसलिए जो इसे तुच्छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्तु परमेश्वर को तुच्छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है।
प्रेम और कार्य
9किन्तु भाईचारे के प्रेम के विषय में यह आवश्यक नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूँ; क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है; (1 यूह. 3:11, रोम. 12:10) 10और सारे मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा करते भी हो, पर हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि और भी बढ़ते जाओ, 11और जैसा हमने तुम्हें समझाया, वैसे ही चुपचाप रहने और अपना-अपना काम-काज#4:11 अपना-अपना काम-काज: दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप किए बिना अपने स्वयं के कामों से मतलब रखना। करने, और अपने-अपने हाथों से कमाने का प्रयत्न करो। 12कि बाहरवालों के साथ सभ्यता से बर्ताव करो, और तुम्हें किसी वस्तु की घटी न हो।
मसीह का पुनरागमन
13हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञानी रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों के समान शोक करो जिन्हें आशा नहीं। 14क्योंकि यदि हम विश्वास करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। 15क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। 16क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा#4:16 प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा: मतलब एक प्रमुख स्वर्गदूत; वह जो प्रथम है, या वह जो दूसरों के ऊपर हैं।, और परमेश्वर की तुरही फूँकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहले जी उठेंगे। 17तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उनके साथ बादलों पर उठा लिए जाएँगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे। 18इसलिए इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो।
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