सभोपदेशक 2:24-25
सभोपदेशक 2:24-25 IRVHIN
मनुष्य के लिये खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं। मैंने देखा कि यह भी परमेश्वर की ओर से मिलता है। क्योंकि खाने-पीने और सुख भोगने में उससे अधिक समर्थ कौन है?
मनुष्य के लिये खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं। मैंने देखा कि यह भी परमेश्वर की ओर से मिलता है। क्योंकि खाने-पीने और सुख भोगने में उससे अधिक समर्थ कौन है?