भजन संहिता 135
135
यहोवा महान है
1यहोवा की स्तुति करो,
यहोवा के नाम की स्तुति करो,
हे यहोवा के सेवकों उसकी स्तुति करो, (भज. 113:1)
2तुम जो यहोवा के भवन में,
अर्थात् हमारे परमेश्वर के भवन के आँगनों में खड़े रहते हो!
3यहोवा की स्तुति करो, क्योंकि वो भला है;
उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मनोहर है!
4 यहोवा ने तो याकूब को अपने लिये चुना है#135:4 यहोवा ने तो याकूब को अपने लिये चुना है: अर्थात् याकूब के वंशजों को परमेश्वर ने उन्हें पृथ्वी के सब निवासियों में से अपने लिए एक विशेष प्रजा बनाया है। ,
अर्थात् इस्राएल को अपना निज धन होने के लिये चुन लिया है।
5मैं तो जानता हूँ कि यहोवा महान है,
हमारा प्रभु सब देवताओं से ऊँचा है।
6जो कुछ यहोवा ने चाहा
उसे उसने आकाश और पृथ्वी और समुद्र
और सब गहरे स्थानों में किया है।
7वह पृथ्वी की छोर से कुहरे उठाता है,
और वर्षा के लिये बिजली बनाता है,
और पवन को अपने भण्डार में से निकालता है।
8उसने मिस्र में क्या मनुष्य क्या पशु,
सब के पहिलौठों को मार डाला!
9हे मिस्र, उसने तेरे बीच में फ़िरौन
और उसके सब कर्मचारियों के विरुद्ध चिन्ह और चमत्कार किए#135:9 उसने तेरे बीच में फ़िरौन और उसके सब कर्मचारियों के विरुद्ध चिन्ह और चमत्कार किए: चमत्कार अर्थात् दिव्य शक्ति के संकेत या प्रमाण।।
10उसने बहुत सी जातियाँ नाश की,
और सामर्थी राजाओं को,
11अर्थात् एमोरियों के राजा सीहोन को,
और बाशान के राजा ओग को,
और कनान के सब राजाओं को घात किया;
12और उनके देश को बाँटकर,
अपनी प्रजा इस्राएल का भाग होने के लिये दे दिया।
13हे यहोवा, तेरा नाम सदा स्थिर है,
हे यहोवा, जिस नाम से तेरा स्मरण होता है,
वह पीढ़ी-पीढ़ी बना रहेगा।
14यहोवा तो अपनी प्रजा का न्याय चुकाएगा,
और अपने दासों की दुर्दशा देखकर तरस खाएगा। (व्यव. 32:36)
15अन्यजातियों की मूरतें सोना-चाँदी ही हैं,
वे मनुष्यों की बनाई हुई हैं।
16उनके मुँह तो रहता है, परन्तु वे बोल नहीं सकती,
उनके आँखें तो रहती हैं, परन्तु वे देख नहीं सकती,
17उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकती,
न उनमें कुछ भी साँस चलती है। (प्रका. 9:20)
18जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले भी हैं;
और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे!
19हे इस्राएल के घराने, यहोवा को धन्य कह!
हे हारून के घराने, यहोवा को धन्य कह!
20हे लेवी के घराने, यहोवा को धन्य कह!
हे यहोवा के डरवैयों, यहोवा को धन्य कहो!
21यहोवा जो यरूशलेम में वास करता है,
उसे सिय्योन में धन्य कहा जाए!
यहोवा की स्तुति करो!
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