भजन संहिता 3
3
संकट के समय आत्म-विश्वास
दाऊद का भजन। जब वह अपने पुत्र अबशालोम के सामने से भागा जाता था
1हे यहोवा मेरे सतानेवाले कितने बढ़ गए हैं!
वे जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं।
2बहुत से मेरे विषय में कहते हैं,
कि उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता#3:2 उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता: वह पूर्णतः त्यागा हुआ है उसमें आत्मरक्षा का सामर्थ्य नहीं है और परमेश्वर हस्तक्षेप करके उसे बचाने की इच्छा नहीं रखता है। । (सेला)
3परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढाल है,
तू मेरी महिमा और मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है#3:3 मेरे मस्तक का ऊँचा करनेवाला है: परेशानियों और दुःख में सिर अपने आप ही झुक जाता है जैसे कि कष्टों के बोझ से दब गया हो।।
4मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ,
और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। (सेला)
5मैं लेटकर सो गया;
फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे सम्भालता है।
6मैं उस भीड़ से नहीं डरता,
जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पाँति बाँधे खड़े हैं।
7उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्वर मुझे बचा ले!
क्योंकि तूने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है।
और तूने दुष्टों के दाँत तोड़ डाले हैं।
8 उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है#3:8 उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है: केवल परमेश्वर ही है जो बचा लेता है।;
हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो।
वर्तमान में चयनित:
भजन संहिता 3: IRVHin
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in