आमोस 2
2
मोआब को दण्ड
1यहोवा यह सब कहता है: “मैं मोआब के लोगों को इनके द्वारा किये गए अपराधों के लिये अवश्य दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि मोआब ने एदोम के राजा की हड्डियों को जलाकर चूना बनाया। 2अत: मैं मोआब में आग लगाऊँगा और वह आग करिय्योत के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी। वहाँ भयंकर चिल्लाहट और तुही का घोष होगा, और मोआब मर जाएगा। 3अत: मैं मोआब के राजाओ को समाप्त कर दूँगा और मैं मोआब के सभी प्रमुखों को मार डालूँगा।” यहोवा ने वह सब कहा।
यहूदा को दण्ड
4यहोवा यह कहता है: “मैं यहूदा को उसके द्वारा किये अनेकों अपराधों के लिये अवश्य दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने यहोवा के आदेशों को मानने से इनकार किया। उन्होंने उनके आदेशों का पालन नहीं किया। उनके पूर्वजों ने झूठ पर विश्वास किया और उन झूठी बातों ने यहूदा के लोगों से परमेश्वर का अनुसरण करना छुड़ाया। 5इसलिये मैं यहूदा में आग लगाऊँगा और यह आग यरूशलेम के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी।”
इस्राएल को दण्ड
6यहोवा यह कहता है: “मैं इस्राएल को उनके द्वारा किये गए अनेकों अपराधों के लिये दण्ड अवश्य दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने चाँदी के चन्द टुकड़ों के लिये अच्छे और भोले—भाले लोगों को दास के रूप में बेचा। उन्होंने एक जोड़ी जूते के लिये गरीब लोगों को बेचा। 7उन्होंने उन गरीब लोगों को धक्का दे मुँह के बल गिराया और वे उनको कुचलते हुए गए। उन्होंने कष्ट भोगते लोगों की एक न सुनी। पिताओं और पुत्रों ने एक ही युवती के साथ शारीरिक सम्बंध किया। उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया है। 8उन्होंने गरीब लोगों के वस्त्रों को लिया और वे उन पर गलीचे की तरह तब तक बैठे जब तक वे वेदी पर पूजा करते रहे। उन्होंने गरीबों को उनके वस्त्र गिरवी रख कर सिक्के उधार दिये। उन्होंने लोगों को जुर्माना देने को मजबूर किया और उस जुर्माने की रकम से अपने परमेश्वर के मन्दिर में पीने के लिये दाखमधु खरीदी।
9“किन्तु मैंने ही उनके पहले एमोरियों को नष्ट किया था। एमोरी ऊँचे बरगद के पेड़ की तरह थे। वे उतने शक्तिशाली थे जितने बांज के पेड़। किन्तु मैंने उनके ऊपर के फल तथा उनके नीचे की जड़ें नष्ट कीं।
10“वह मैं ही था जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल कर लाया। चालीस वर्ष तक मैं तुम्हें मरूभूमि से होकर लाया। मैंने तुम्हें एमोरियों की भूमि पर कब्जा कर लेने में सहायता दी। 11मैंने तुम्हारे कुछ पुत्रों को नबी बनाया। मैंने तुम्हारे युवकों में से कुछ को नाजीर बनाया। इस्राएल के लोगों, यह सत्य है।” यहोवा ने यह सब कहा। 12“किन्तु तुम लोगों ने नाजीरों को दाखमधु पिलाई। तुमने नबियों को भविष्यवाणी करने से रोका। 13तुम लोग मेरे लिये भारी बोझ की तरह हो। मैं उस गाड़ी की तरह हूँ जो अत्याधिक अनाज से लदी होने के कारण झुकी हो। 14कोई भी व्यक्ति बच कर नहीं निकल पाएगा, यहाँ तक कि सर्वाधिक तेज दौड़ने वाला भी। शक्तिशाली पुरूष भी पर्याप्त शक्तिशाली नहीं रहेंगे। सैनिक अपने को नहीं बचा पाएँगे। 15धनुष और बाण वाले भी नहीं बच पाएंगे। तेज दौड़ने वाले भी नहीं बच निकलेंगे। घुड़सवार भी जीवित भाग नहीं पाएंगे। 16उस समय, बहुत वीर योद्धा भी नंगे हाथों भाग खड़े होंगे। उन्हें अपने वस्त्र पहनने तक का समय भी नहीं मिलेगा।” यहोवा ने यह सब कहा है!
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मोआब को दण्ड
1यहोवा यह सब कहता है: “मैं मोआब के लोगों को इनके द्वारा किये गए अपराधों के लिये अवश्य दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि मोआब ने एदोम के राजा की हड्डियों को जलाकर चूना बनाया। 2अत: मैं मोआब में आग लगाऊँगा और वह आग करिय्योत के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी। वहाँ भयंकर चिल्लाहट और तुही का घोष होगा, और मोआब मर जाएगा। 3अत: मैं मोआब के राजाओ को समाप्त कर दूँगा और मैं मोआब के सभी प्रमुखों को मार डालूँगा।” यहोवा ने वह सब कहा।
यहूदा को दण्ड
4यहोवा यह कहता है: “मैं यहूदा को उसके द्वारा किये अनेकों अपराधों के लिये अवश्य दण्ड दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने यहोवा के आदेशों को मानने से इनकार किया। उन्होंने उनके आदेशों का पालन नहीं किया। उनके पूर्वजों ने झूठ पर विश्वास किया और उन झूठी बातों ने यहूदा के लोगों से परमेश्वर का अनुसरण करना छुड़ाया। 5इसलिये मैं यहूदा में आग लगाऊँगा और यह आग यरूशलेम के ऊँचे किलों को नष्ट करेगी।”
इस्राएल को दण्ड
6यहोवा यह कहता है: “मैं इस्राएल को उनके द्वारा किये गए अनेकों अपराधों के लिये दण्ड अवश्य दूँगा। क्यों क्योंकि उन्होंने चाँदी के चन्द टुकड़ों के लिये अच्छे और भोले—भाले लोगों को दास के रूप में बेचा। उन्होंने एक जोड़ी जूते के लिये गरीब लोगों को बेचा। 7उन्होंने उन गरीब लोगों को धक्का दे मुँह के बल गिराया और वे उनको कुचलते हुए गए। उन्होंने कष्ट भोगते लोगों की एक न सुनी। पिताओं और पुत्रों ने एक ही युवती के साथ शारीरिक सम्बंध किया। उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया है। 8उन्होंने गरीब लोगों के वस्त्रों को लिया और वे उन पर गलीचे की तरह तब तक बैठे जब तक वे वेदी पर पूजा करते रहे। उन्होंने गरीबों को उनके वस्त्र गिरवी रख कर सिक्के उधार दिये। उन्होंने लोगों को जुर्माना देने को मजबूर किया और उस जुर्माने की रकम से अपने परमेश्वर के मन्दिर में पीने के लिये दाखमधु खरीदी।
9“किन्तु मैंने ही उनके पहले एमोरियों को नष्ट किया था। एमोरी ऊँचे बरगद के पेड़ की तरह थे। वे उतने शक्तिशाली थे जितने बांज के पेड़। किन्तु मैंने उनके ऊपर के फल तथा उनके नीचे की जड़ें नष्ट कीं।
10“वह मैं ही था जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल कर लाया। चालीस वर्ष तक मैं तुम्हें मरूभूमि से होकर लाया। मैंने तुम्हें एमोरियों की भूमि पर कब्जा कर लेने में सहायता दी। 11मैंने तुम्हारे कुछ पुत्रों को नबी बनाया। मैंने तुम्हारे युवकों में से कुछ को नाजीर बनाया। इस्राएल के लोगों, यह सत्य है।” यहोवा ने यह सब कहा। 12“किन्तु तुम लोगों ने नाजीरों को दाखमधु पिलाई। तुमने नबियों को भविष्यवाणी करने से रोका। 13तुम लोग मेरे लिये भारी बोझ की तरह हो। मैं उस गाड़ी की तरह हूँ जो अत्याधिक अनाज से लदी होने के कारण झुकी हो। 14कोई भी व्यक्ति बच कर नहीं निकल पाएगा, यहाँ तक कि सर्वाधिक तेज दौड़ने वाला भी। शक्तिशाली पुरूष भी पर्याप्त शक्तिशाली नहीं रहेंगे। सैनिक अपने को नहीं बचा पाएँगे। 15धनुष और बाण वाले भी नहीं बच पाएंगे। तेज दौड़ने वाले भी नहीं बच निकलेंगे। घुड़सवार भी जीवित भाग नहीं पाएंगे। 16उस समय, बहुत वीर योद्धा भी नंगे हाथों भाग खड़े होंगे। उन्हें अपने वस्त्र पहनने तक का समय भी नहीं मिलेगा।” यहोवा ने यह सब कहा है!
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