इब्रानियों 10:5-18

इब्रानियों 10:5-18 HERV

इसलिए जब यीशु इस जगत में आया था तो उसने कहा था: “तूने बलिदान और कोई भेंट नहीं चाहा, किन्तु मेरे लिए एक देह तैयार की है। तू किसी होमबलि से न ही पापबलि से प्रसन्न नहीं हुआ तब फिर मैंने कहा था, ‘और पुस्तक में मेरे लिए यह भी लिखा है, मैं यहाँ हूँ। हे परमेश्वर, तेरी इच्छा पूरी करने को आया हूँ।’” उसने पहले कहा था, “बलियाँ और भेंटे, होमबलियाँ और पापबलियाँ न तो तू चाहता है और न ही तू उनसे प्रसन्न होता है।” (यद्यपि व्यवस्था का विधान यह चाहता है कि वे चढ़ाई जाएँ।) तब उसने कहा था, “मैं यहाँ हूँ। मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ।” तो वह दूसरी व्यवस्था को स्थापित करने के लिए, पहली को रद्द कर देता है। सो परमेश्वर की इच्छा से एक बार ही सदा-सर्वदा के लिए यीशु मसीह की देह के बलिदान द्वारा हम पवित्र कर दिए गए। हर याजक एक दिन के बाद दूसरे दिन खड़ा होकर अपने धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करता है। वह पुनः-पुनः एक जैसी ही बलियाँ चढ़ाता है जो पापों को कभी दूर नहीं कर सकतीं। किन्तु याजक के रूप में मसीह तो पापों के लिए, सदा के लिए एक ही बलि चढ़ाकर परमेश्वर के दाहिने हाथ जा बैठा, और उसी समय से उसे अपने विरोधियों को उसके चरण की चौकी बना दिए जाने की प्रतीक्षा है। क्योंकि उसने एक ही बलिदान के द्वारा, जो पवित्र किए जा रहे हैं, उन्हें सदा-सर्वदा के लिए सम्पूर्ण सिद्ध कर दिया। इसके लिए पवित्र आत्मा भी हमें साक्षी देता है। पहले वह बताता है: “यह वह वाचा है जिसे मैं उनसे करूँगा। और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है। अपनी व्यवस्था उनके हृदयों में बसाऊँगा। मैं उनके मनों पर उनको लिख दूँगा।” वह यह भी कहता है: “उनके पापों और उनके दुष्कर्मों को और अब मैं कभी याद नहीं रखूँगा।” और फिर जब पाप क्षमा कर दिए गए तो पापों के लिए किसी बलि की कोई आवश्यकता रह ही नहीं जाती।