यहोशू 1:5-13

यहोशू 1:5-13 HERV

मैं मूसा के साथ था और मैं उसी तरह तुम्हारे साथ रहूँगा। तुम्हारे पूरे जीवन में, तुम्हें कोई भी व्यक्ति रोकने में समर्थ नहीं होगा। मैं तुम्हें छोड़ूँगा नहीं। मैं कभी तुमसे दूर नहीं होऊँगा। “यहोशू, तुम्हें दृढ़ और साहसी होना चाहिये! तुम्हें इन लोगों का अगुवा होना चाहिये जिससे वे अपना देश ले सकें। यह वही देश है जिसे मैंने उन्हें देने के लिये उनके पूर्वजों को वचन दिया था। किन्तु तुम्हें एक दूसरी बात के विषय में भी दृढ़ और साहसी रहना होगा। तुम्हें उन आदेशों का पालन निश्चय के साथ करना चाहिए, जिन्हें मेरे सेवक मूसा ने तुम्हें दिया। यदि तुम उसकी शिक्षाओं का ठीक—ठीक पालन करोगे, तो तुम जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे। उस व्यवस्था की किताब में लिखी गई बातों को सदा यादा रखो। तुम उस किताब का अध्ययन दिन रात करो, तभी तुम उसमें लिखे गए आदेशों के पालन के विषय में विश्वस्त रह सकते हो। यदि तुम यह करोगे, तो तुम बुद्धिमान बनोगे और जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे। याद रखो, कि मैंने तुम्हें दृढ़ और साहसी बने रहने का आदेश दिया था। इसलिए कभी भयभीत न होओ, क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ सभी जगह रहेगा, जहाँ तुम जाओगे।” इसलिए यहोशू ने लोगों के प्रमुखों को आदेश दिया। उसने कहा, “डेरे से होकर जाओ और लोगों को तैयार होने को कहो। लोगों से कहो, ‘कुछ भोजन तैयार कर लें। अब से तीन दिन बाद, हम लोग यरदन नदी पार करेंगे। हम लोग जाएंगे और उस देश को लेंगे जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुमको दे रहा है।’” तब यहोशू ने रूबेन के परिवार समूह गाद और मनश्शे के परिवार समूह के आधे लोगों से बातें कीं। यहोशू ने कहा, “उसे याद रखो, जो परमेश्वर के सेवक मूसा ने तुमसे कहा था। उसने कहा था कि परमेश्वर, तुम्हारा याहोवा तुम्हें आराम के लिये स्थान देगा। परमेश्वर यह देश तुम्हें देगा।

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