मत्ती 24:36-51

मत्ती 24:36-51 HERV

“उस दिन या उस घड़ी के बारे में कोई कुछ नहीं जानता। न स्वर्ग में दूत और न स्वयं पुत्र। केवल परम पिता जानता है। “जैसे नूह के दिनों में हुआ, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। वैसे ही जैसे लोग जलप्रलय आने से पहले के दिनों तक खाते-पीते रहे, ब्याह-शादियाँ रचाते रहे जब तक नूह नाव पर नहीं चढ़ा। उन्हें तब तक कुछ पता नहीं चला जब तक जलप्रलय न आ गया और उन सब को बहा नहीं ले गया। “मनुष्य के पुत्र का आना भी ऐसा ही होगा। उस समय खेत में काम करते दो आदमियों में से एक को उठा लिया जायेगा और एक को वहीं छोड़ दिया जायेगा। चक्की पीसती दो औरतों में से एक उठा ली जायेगी और एक वहीं पीछे छोड़ दी जायेगी। “सो तुम लोग सावधान रहो क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा स्वामी कब आ जाये। याद रखो यदि घर का स्वामी जानता कि रात को किस घड़ी चोर आ जायेगा तो वह सजग रहता और चोर को अपने घर में सेंध नहीं लगाने देता। इसलिए तुम भी तैयार रहो क्योंकि तुम जब उसकी सोच भी नहीं रहे होगे, मनुष्य का पुत्र आ जायेगा। “तब सोचो वह भरोसेमंद सेवक कौन है, जिसे स्वामी ने अपने घर के सेवकों के ऊपर उचित समय उन्हें उनका भोजन देने के लिए लगाया है। धन्य है वह सेवक जिसे उसका स्वामी जब आता है तो कर्तव्य करते पाता है। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ वह स्वामी उसे अपनी समूची सम्पत्ति का अधिकारी बना देगा। “दूसरी तरफ़ सोचो एक बुरा दास है, जो अपने मन में कहता है मेरा स्वामी बहुत दिनों से वापस नहीं आ रहा है। सो वह अपने साथी दासों से मार पीट करने लगता है और शराबियों के साथ खाना पीना शुरु कर देता है। तो उसका स्वामी ऐसे दिन आ जायेगा जिस दिन वह उसके आने की सोचता तक नहीं और जिसका उसे पता तक नहीं। और उसका स्वामी उसे बुरी तरह दण्ड देगा और कपटियों के बीच उसका स्थान निश्चित करेगा जहाँ बस लोग रोते होंगे और दाँत पीसते होंगे।