यीशु उन लोगों को जब ये बातें बता ही रहा था, तभी यहूदी आराधनालय का एक मुखिया उसके पास आया और उसके सामने झुक कर विनती करते हुए बोला, “अभी-अभी मेरी बेटी मर गयी है। तू चल कर यदि उस पर अपना हाथ रख दे तो वह फिर से जी उठेगी।” इस पर यीशु खड़ा हो कर अपने शिष्यों समेत उसके साथ चल दिया। वहीं एक ऐसी स्त्री थी जिसे बारह साल से बहुत अधिक रक्त बह रहा था। वह पीछे से यीशु के निकट आयी और उसके वस्त्र की कन्नी छू ली। वह मन में सोच रही थी, “यदि मैं तनिक भी इसका वस्त्र छू पाऊँ, तो ठीक हो जाऊँगी।” मुड़कर उसे देखते हुए यीशु ने कहा, “बेटी, हिम्मत रख। तेरे विश्वास ने तुझे अच्छा कर दिया है।” और वह स्त्री तुरंत उसी क्षण ठीक हो गयी। उधर यीशु जब यहूदी धर्म-सभा के मुखिया के घर पहुँचा तो उसने देखा कि शोक धुन बजाते हुए बाँसुरी वादक और वहाँ इकट्ठे हुए लोग लड़की की मृत्यु पर शोक कर रहे हैं। तब यीशु ने लोगों से कहा, “यहाँ से बाहर जाओ। लड़की मरी नहीं है, वह तो सो रही है।” इस पर लोग उसकी हँसी उड़ाने लगे। फिर जब भीड़ के लोगों को बाहर भेज दिया गया तो यीशु ने लड़की के कमरे में जा कर उसका हाथ पकड़ा और वह उठ बैठी। इसका समाचार उस सारे क्षेत्र में फैल गया। यीशु जब वहाँ से जाने लगा तो दो अन्धे व्यक्ति उसके पीछे हो लिये। वे पुकार रहे थे, “हे दाऊद के पुत्र, हम पर दया कर।” यीशु जब घर के भीतर पहुँचा तो वे अन्धे उसके पास आये। तब यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं, तुम्हें फिर से आँखें दे सकता हूँ?” उन्होंने उत्तर दिया, “हाँ प्रभु!” इस पर यीशु ने उन की आँखों को छूते हुए कहा, “तुम्हारे लिए वैसा ही हो जैसा तुम्हारा विश्वास है।” और अंधों को दृष्टि मिल गयी। फिर यीशु ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा, “इसके विषय में किसी को पता नहीं चलना चाहिये।” किन्तु उन्होंने वहाँ से जाकर इस समाचार को उस क्षेत्र में चारों ओर फैला दिया।
मत्ती 9 पढ़िए
साझा करें
सभी संस्करणों की तुलना करें: मत्ती 9:18-31
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो