फिलिप्पियों 4:8-12

फिलिप्पियों 4:8-12 HERV

हे भाईयों, उन बातों का ध्यान करो जो सत्य हैं, जो भव्य है, जो उचित है, जो पवित्र है, जो आनन्द दायी है, जो सराहने योग्य है या कोई भी अन्य गुण या कोई प्रशंसा जिसे तुमने मुझसे सीखा है, पाया है या सुना है या जिसे करते मुझे देखा है। उन बातों का अभ्यास करते रहो। शांति का स्रोत परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेगा। तुम निश्चय ही मेरी भलाई के लिये सोचा करते थे किन्तु तुम्हें उसे दिखाने का अवसर नहीं मिला था, किन्तु अब आखिरकार तुममें मेरे प्रति फिर से चिंता जागी है। इससे मैं प्रभु में बहुत आनन्दित हुआ हूँ। किसी आवश्यकता के कारण मैं यह नहीं कह रहा हूँ। क्योंकि जैसी भी परिस्थिति में मैं रहूँ, मैंने उसी में संतोष करना सीख लिया है। मैं अभावों के बीच रहने का रहस्य भी जानता हूँ और यह भी जानता हूँ कि सम्पन्नता में कैसे रहा जाता है। कैसा भी समय हो और कैसी भी परिस्थिति चाहे पेट भरा हो और चाहे भूखा, चाहे पास में बहुत कुछ हो और चाहे कुछ भी नहीं, मैंने उन सब में सुखी रहने का भेद सीख लिया है।