यहोवा की स्तुति मैंने गायी है: “हे यहोवा, मुझ पर दया कर। देख, किस प्रकार मेरे शत्रु मुझे दु:ख देते हैं। ‘मृत्यु के द्वार’ से तू मुझको बचा ले। जिससे यहोवा यरूशलेम के फाटक पर मैं तेरी स्तुति गीत गा सकूँ। मैं अति प्रसन्न होऊँगा क्योंकि तूने मुझको बचा लिया।” अन्य जातियों ने गड्ढे खोदे ताकि लोग उनमें गिर जायें, किन्तु वे अपने ही खोदे गड्ढे में स्वयं समा जायेंगे। दुष्ट जन ने जाल छिपा छिपा कर बिछाया, ताकि वे उसमें दूसरे लोगों को फँसा ले। किन्तु उनमें उनके ही पाँव फँस गये। यहोवा ने जो न्याय किया वह उससे जाना गया कि जो बुरे कर्म करते हैं, वे अपने ही हाथों के किये हुए कामों से जाल में फँस गये। वे दुर्जन होते हैं, जो परमेश्वर को भूलते हैं। ऐसे मनुष्य मृत्यु के देश को जायेंगे। कभी—कभी लगता है जैसे परमेश्वर दुखियों को पीड़ा में भूल जाता है। यह ऐसा लगता जैसे दीन जन आशाहीन हैं। किन्तु परमेश्वर दीनों को सदा—सर्वदा के लिये कभी नहीं भूलता। हे यहोवा, उठ और राष्ट्रों का न्याय कर। कहीं वे न सोच बैठें वे प्रबल शक्तिशाली हैं। लोगों को पाठ सिखा दे, ताकि वे जान जायें कि वे बस मानव मात्र है।
भजन संहिता 9 पढ़िए
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सभी संस्करण की तुलना करें: भजन संहिता 9:13-20
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