प्रेरितों 12:1-17
प्रेरितों 12:1-17 पवित्र बाइबल (HERV)
उसी समय के आसपास राजा हेरोदेस ने कलीसिया के कुछ सदस्यों को सताना प्रारम्भ कर दिया। उसने यूहन्ना के भाई याकूब की तलवार से हत्या करवा दी। उसने जब यह देखा कि इस बात से यहूदी प्रसन्न होते हैं तो उसने पतरस को भी बंदी बनाने के लिये हाथ बढ़ाया (यह बिना ख़मीर की रोटी के उत्सव के दिनों की बात है) हेरोदेस ने पतरस को पकड़ कर जेल में डाल दिया। उसे चार चार सैनिकों की चार पंक्तियों के पहरे के हवाले कर दिया गया। प्रयोजन यह था कि उस पर मुकदमा चलाने के लिये फसह पर्व के बाद उसे लोगों के सामने बाहर लाया जाये। सो पतरस को जेल में रोके रखा गया। उधर कलीसिया ह्रदय से उसके लिये परमेश्वर से प्रार्थना करती रही। जब हेरोदेस मुकदमा चलाने के लिये उसे बाहर लाने को था, उस रात पतरस दो सैनिकों के बीच सोया हुआ था। वह दो ज़ंजीरों से बँधा था और द्वार पर पहरेदार जेल की रखवाली कर रहे थे। अचानक प्रभु का एक स्वर्गदूत वहाँ आकर खड़ा हुआ, जेल की कोठरी प्रकाश से जगमग हो उठी, उसने पतरस की बगल थपथपाई और उसे जगाते हुए कहा, “जल्दी खड़ा हो।” जंजीरें उसके हाथों से खुल कर गिर पड़ी। तभी स्वर्गदूत ने उसे आदेश दिया, “तैयार हो और अपनी चप्पल पहन ले।” सो पतरस ने वैसा ही किया। स्वर्गदूत ने उससे फिर कहा, “अपना चोगा पहन ले और मेरे पीछे चला आ।” फिर उसके पीछे-पीछे पतरस बाहर निकल आया। वह समझ नहीं पाया कि स्वर्गदूत जो कुछ कर रहा था, वह यथार्थ था। उसने सोचा कि वह कोई दर्शन देख रहा है। पहले और दूसरे पहरेदार को छोड़ कर आगे बढ़ते हुए वे लोहे के उस फाटक पर आ पहुँचे जो नगर की ओर जाता था। वह उनके लिये आप से आप खुल गया। और वे बाहर निकल गये। वे अभी गली पार ही गये थे कि वह स्वर्गदूत अचानक उसे छोड़ गया। फिर पतरस को जैसे होश आया, वह बोला, “अब मेरी समझ में आया कि यह वास्तव में सच है कि प्रभु ने अपने स्वर्गदूत को भेज कर हेरोदेस के पंजे से मुझे छुड़ाया है। यहूदी लोग मुझ पर जो कुछ घटने की सोच रहे थे, उससे उसी ने मुझे बचाया है।” जब उसने यह समझ लिया तो वह यूहन्ना की माता मरियम के घर चला गया। यूहन्ना जो मरकुस भी कहलाता है। वहाँ बहुत से लोग एक साथ प्रार्थना कर रहे थे। पतरस ने द्वार को बाहर से खटखटाया। उसे देखने रूदे नाम की एक दासी वहाँ आयी। पतरस की आवाज को पहचान कर आनन्द के मारे उसके लिये द्वार खोले बिना ही वह उल्टे भीतर दौड़ गयी और उसने बताया कि पतरस द्वार पर खड़ा है। वे उससे बोले, “तू पागल हो गयी है।” किन्तु वह बलपूर्वक कहती रही कि यह ऐसा ही है। इस पर उन्होंने कहा, “वह उसका स्वर्गदूत होगा।” उधर पतरस द्वार खटखटाता ही रहा। फिर उन्होंने जब द्वार खोला और उसे देखा तो वे अचरज में पड़ गये। उन्हें हाथ से चुप रहने का संकेत करते हुए उसने खोलकर बताया कि प्रभु ने उसे जेल से कैसे बाहर निकाला है। उसने कहा, “याकूब तथा अन्य बन्धुओं को इस विषय में बता देना।” और तब वह उस स्थान को छोड़कर किसी दूसरे स्थान को चला गया।
प्रेरितों 12:1-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
प्राय: इसी समय राजा हेरोदेस ने कलीसिया के कुछ सदस्यों पर हिंसात्मक कार्यवाही की। उसने योहन के भाई याकूब को तलवार के घाट उतार दिया और जब उसने यह देखा कि इससे यहूदी प्रसन्न हुए, तो उसने पतरस को भी गिरफ्तार कर लिया। उन दिनों बेखमीर रोटियों का पर्व था। उसने पतरस को पकड़वा कर बन्दीगृह में डलवाया और उसे चार-चार सैनिकों के चार दलों के पहरे में रख दिया। वह पास्का (फसह) पर्व के बाद उसे लोगों के सामने पेश करना चाहता था। जब पतरस पर इस प्रकार बन्दीगृह में पहरा बैठा हुआ था, तब कलीसिया उनके लिए आग्रह के साथ परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी। जिस दिन हेरोदेस पतरस को पेश करने वाला था, उसके पहले की रात को पतरस, दो हथकड़ियों में बँधे हुये, दो सैनिकों के बीच सो रहे थे और द्वार के सामने भी सन्तरी पहरा दे रहे थे। प्रभु का दूत अचानक आ खड़ा हुआ और कोठरी प्रकाश से भर गई। उसने पतरस की बगल थपथपा कर उन्हें जगाया और कहा, “जल्दी उठिए!” इस पर पतरस की हथकड़ियाँ खुलकर गिर पड़ीं। तब दूत ने उन से कहा, “कमर बाँधिए और चप्पल पहन लीजिए।” पतरस ने यही किया। दूत ने फिर कहा, “चादर ओढ़ कर मेरे पीछे चले आइए।” पतरस उसके पीछे-पीछे बाहर निकल गये। वह नहीं जानते थे कि जो कुछ दूत द्वारा हो रहा है, वह वास्तविक है। उन्होंने सोचा कि मैं स्वप्न देख रहा हूँ। वे पहला पहरा और फिर दूसरा पहरा पार कर उस लोहे के फाटक तक पहुँचे, जहाँ से शहर की ओर मार्ग जाता है। वह उनके लिए अपने आप खुल गया। वे बाहर निकले और गली के छोर तक आये कि दूत अचानक पतरस को छोड़कर चला गया। तब पतरस होश में आये और बोले, “अब मुझे निश्चय हो गया कि प्रभु ने अपने दूत को भेज कर मुझे हेरोदेस के पंजे से छुड़ाया और यहूदियों की सारी आशाओं पर पानी फेर दिया है।” वह अपनी परिस्थिति समझ कर मरियम के घर आये। मरियम मारकुस कहलाने वाले योहन की माता थी। वहाँ बहुत-से लोग एकत्र हो कर प्रार्थना कर रहे थे। पतरस ने प्रवेश-द्वार खटखटाया और रोदे नामक एक लड़की पता लगाने आयी कि कौन है। वह पतरस की आवाज पहचान कर आनन्द के मारे द्वार खोलना भूल गयी और यह सूचना देने दौड़ते हुए अन्दर आयी कि पतरस द्वार पर खड़े हैं। लोगों ने उससे कहा, “तुम प्रलाप कर रही हो।” किन्तु जब वह दृढ़ता से कहती रही कि बात ऐसी ही है, तो वे बोले, “वह उनका स्वर्गदूत होगा।” इस बीच पतरस द्वार खटखटाये ही जा रहे थे। जब उन्होंने द्वार खोला और पतरस को देखा, तो वे बड़े अचम्भे में पड़ गये। पतरस ने हाथ से चुप रहने का संकेत किया और उन्हें बताया कि किस प्रकार परमेश्वर उनको बन्दीगृह से बाहर निकाल लाया है। फिर पतरस ने कहा, “याकूब और भाई-बहिनों को इन बातों की खबर दे देना।” और वह वहाँ से निकल कर किसी दूसरी जगह चले गये।
प्रेरितों 12:1-17 Hindi Holy Bible (HHBD)
उस समय हेरोदेस राजा ने कलीसिया के कई एक व्यक्तियों को दुख देने के लिये उन पर हाथ डाले। उस ने यूहन्ना के भाई याकूब को तलवार से मरवा डाला। और जब उस ने देखा, कि यहूदी लोग इस से आनन्दित होते हैं, तो उस ने पतरस को भी पकड़ लिया: वे दिन अखमीरी रोटी के दिन थे। और उस ने उसे पकड़ के बन्दीगृह में डाला, और रखवाली के लिये, चार चार सिपाहियों के चार पहरों में रखा: इस मनसा से कि फसह के बाद उसे लोगों के साम्हने लाए।* सो बन्दीगृह में पतरस की रखवाली हो रही थी; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी। और जब हेरोदेस उसे उन के साम्हने लाने को था, तो उसी रात पतरस दो जंजीरों से बन्धा हुआ, दो सिपाहियों के बीच में सो रहा था: और पहरूए द्वार पर बन्दीगृह की रखवाली कर रहे थे। तो देखो, प्रभु का एक स्वर्गदूत आ खड़ा हुआ: और उस कोठरी में ज्योति चमकी: और उस ने पतरस की पसली पर हाथ मार के उसे जगाया, और कहा; उठ, फुरती कर, और उसके हाथ से जंजीरें खुलकर गिर पड़ीं। तब स्वर्गदूत ने उस से कहा; कमर बान्ध, और अपने जूते पहिन ले: उस ने वैसा ही किया, फिर उस ने उस से कहा; अपना वस्त्र पहिनकर मेरे पीछे हो ले। वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था, कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है, वह सचमुच है, वरन यह समझा, कि मैं दर्शन देख रहा हूं। तब वे पहिल और दूसरे पहरे से निकलकर उस लोहे के फाटक पर पहुंचे, जो नगर की ओर है; वह उन के लिये आप से आप खुल गया: और वे निकलकर एक ही गली होकर गए, इतने में स्वर्गदूत उसे छोड़कर चला गया। तब पतरस ने सचेत होकर कहा; अब मैं ने सच जान लिया कि प्रभु ने अपना स्वर्गदूत भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से छुड़ा लिया, और यहूदियों की सारी आशा तोड़ दी। और यह सोचकर, वह उस यूहन्ना की माता मरियम के घर आया, जो मरकुस कहलाता है; वहां बहुत लोग इकट्ठे होकर प्रार्थना कर रहे थे। जब उस ने फाटक की खिड़की खटखटाई; तो रूदे नाम एक दासी सुनने को आई। और पतरस का शब्द पहचानकर, उस ने आनन्द के मारे फाटक न खोला; परन्तु दौड़कर भीतर गई, और बताया कि पतरस द्वार पर खड़ा है। उन्होंने उस से कहा; तू पागल है, परन्तु वह दृढ़ता से बोली, कि ऐसा ही है: तब उन्होंने कहा, उसका स्वर्गदूत होगा। परन्तु पतरस खटखटाता ही रहा: सो उन्होंने खिड़की खोली, और उसे देखकर चकित हो गए। तब उस ने उन्हें हाथ से सैन किया, कि चुप रहें; और उन को बताया, कि प्रभु किस रीति से मुझे बन्दीगृह से निकाल लाया है: फिर कहा, कि याकूब और भाइयों को यह बात कह देना; तब निकलकर दूसरी जगह चला गया।
प्रेरितों 12:1-17 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
उस समय हेरोदेस राजा ने कलीसिया के कई व्यक्तियों को सताने के लिये उन पर हाथ डाले। उसने यूहन्ना के भाई याकूब को तलवार से मरवा डाला। जब उसने देखा कि यहूदी लोग इस से आनन्दित होते हैं, तो उसने पतरस को भी पकड़ लिया। वे दिन अखमीरी रोटी के दिन थे। उसने उसे पकड़ के बन्दीगृह में डाला, और चार–चार सिपाहियों के चार पहरों में रखा; इस विचार से कि फसह के बाद उसे लोगों के सामने लाए। बन्दीगृह में पतरस बन्द था; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी। जब हेरोदेस उसे लोगों के सामने लाने को था, उसी रात पतरस दो जंजीरों से बंधा हुआ दो सिपाहियों के बीच में सो रहा था; और पहरुए द्वार पर बन्दीगृह की रखवाली कर रहे थे। तो देखो, प्रभु का एक स्वर्गदूत आ खड़ा हुआ और उस कोठरी में ज्योति चमकी, और उसने पतरस की पसली पर हाथ मार के उसे जगाया और कहा, “उठ, जल्दी कर।” और उसके हाथों से जंजीरें खुलकर गिर पड़ीं। तब स्वर्गदूत ने उससे कहा, “कमर बाँध, और अपने जूते पहिन ले।” उसने वैसा ही किया। फिर उसने उससे कहा, “अपना वस्त्र पहिनकर मेरे पीछे हो ले।” वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है वह सच है, वरन् यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ। तब वे पहले और दूसरे पहरे से निकलकर उस लोहे के फाटक पर पहुँचे, जो नगर की ओर है। वह उनके लिये आप से आप खुल गया, और वे निकलकर एक ही गली होकर गए, और तुरन्त ही स्वर्गदूत उसे छोड़कर चला गया। तब पतरस ने सचेत होकर कहा, “अब मैं ने सच जान लिया है कि प्रभु ने अपना स्वर्गदूत भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से छुड़ा लिया, और यहूदियों की सारी आशा तोड़ दी है।” यह जानकर वह उस यूहन्ना की माता मरियम के घर आया, जो मरकुस कहलाता है। वहाँ बहुत से लोग इकट्ठे होकर प्रार्थना कर रहे थे। जब उसने फाटक की खिड़की खटखटाई, तो रूदे नामक एक दासी देखने को आई। पतरस का शब्द पहचानकर उसने आनन्द के मारे फाटक न खोला, परन्तु दौड़कर भीतर गई और बताया कि पतरस द्वार पर खड़ा है। उन्होंने उससे कहा, “तू पागल है।” परन्तु वह दृढ़ता से बोली कि ऐसा ही है। तब उन्होंने कहा, “उसका स्वर्गदूत होगा।” परन्तु पतरस खटखटाता ही रहा : अत: उन्होंने खिड़की खोली, और उसे देखकर चकित रह गए। तब उसने उन्हें हाथ से संकेत किया कि चुप रहें; और उनको बताया कि प्रभु किस रीति से उसे बन्दीगृह से निकाल लाया है। फिर कहा, “याकूब और भाइयों को यह बात बता देना।” तब निकलकर दूसरी जगह चला गया।
प्रेरितों 12:1-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
उस समय हेरोदेस राजा ने कलीसिया के कई एक व्यक्तियों को दुःख देने के लिये उन पर हाथ डाले। उसने यूहन्ना के भाई याकूब को तलवार से मरवा डाला। जब उसने देखा, कि यहूदी लोग इससे आनन्दित होते हैं, तो उसने पतरस को भी पकड़ लिया। वे दिन अख़मीरी रोटी के दिन थे। और उसने उसे पकड़कर बन्दीगृह में डाला, और रखवाली के लिये, चार-चार सिपाहियों के चार पहरों में रखा, इस मनसा से कि फसह के बाद उसे लोगों के सामने लाए। बन्दीगृह में पतरस की रखवाली हो रही थी; परन्तु कलीसिया उसके लिये लौ लगाकर परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी। और जब हेरोदेस उसे उनके सामने लाने को था, तो उसी रात पतरस दो जंजीरों से बंधा हुआ, दो सिपाहियों के बीच में सो रहा था; और पहरेदार द्वार पर बन्दीगृह की रखवाली कर रहे थे। तब प्रभु का एक स्वर्गदूत आ खड़ा हुआ और उस कोठरी में ज्योति चमकी, और उसने पतरस की पसली पर हाथ मारकर उसे जगाया, और कहा, “उठ, जल्दी कर।” और उसके हाथ से जंजीरें खुलकर गिर पड़ीं। तब स्वर्गदूत ने उससे कहा, “कमर बाँध, और अपने जूते पहन ले।” उसने वैसा ही किया, फिर उसने उससे कहा, “अपना वस्त्र पहनकर मेरे पीछे हो ले।” वह निकलकर उसके पीछे हो लिया; परन्तु यह न जानता था कि जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है, वह सच है, बल्कि यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ। तब वे पहले और दूसरे पहरे से निकलकर उस लोहे के फाटक पर पहुँचे, जो नगर की ओर है। वह उनके लिये आप से आप खुल गया, और वे निकलकर एक ही गली होकर गए, इतने में स्वर्गदूत उसे छोड़कर चला गया। तब पतरस ने सचेत होकर कहा, “अब मैंने सच जान लिया कि प्रभु ने अपना स्वर्गदूत भेजकर मुझे हेरोदेस के हाथ से छुड़ा लिया, और यहूदियों की सारी आशा तोड़ दी।” और यह सोचकर, वह उस यूहन्ना की माता मरियम के घर आया, जो मरकुस कहलाता है। वहाँ बहुत लोग इकट्ठे होकर प्रार्थना कर रहे थे। जब उसने फाटक की खिड़की खटखटाई तो रूदे नामक एक दासी सुनने को आई। और पतरस का शब्द पहचानकर, उसने आनन्द के मारे फाटक न खोला; परन्तु दौड़कर भीतर गई, और बताया कि पतरस द्वार पर खड़ा है। उन्होंने उससे कहा, “तू पागल है।” परन्तु वह दृढ़ता से बोली कि ऐसा ही है: तब उन्होंने कहा, “उसका स्वर्गदूत होगा।” परन्तु पतरस खटखटाता ही रहा अतः उन्होंने खिड़की खोली, और उसे देखकर चकित रह गए। तब उसने उन्हें हाथ से संकेत किया कि चुप रहें; और उनको बताया कि प्रभु किस रीति से मुझे बन्दीगृह से निकाल लाया है। फिर कहा, “याकूब और भाइयों को यह बात कह देना।” तब निकलकर दूसरी जगह चला गया।
प्रेरितों 12:1-17 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
उसी समय राजा हेरोदेस ने कलीसिया के कुछ लोगों को सताने के उद्देश्य से बंदी बना लिया और तलवार से योहन के भाई याकोब की हत्या करवा दी. जब उसने यह देखा कि उसके ऐसा करने से यहूदी प्रसन्न होते हैं, उसने पेतरॉस को भी बंदी बनाने का निश्चय किया. यह अखमीरी रोटी के पर्व का अवसर था. पेतरॉस को बंदी बनाकर उसने उन पर चार-चार सैनिकों के चार दलों का पहरा लगा दिया कि फ़सह पर्व समाप्त हो जाने पर वह उन पर मुकद्दमा चलाए. पेतरॉस को कारागार में रखा गया किंतु कलीसिया उनके लिए एक मन से प्रार्थना कर रही थी. उन पर मुकद्दमा चलाए जाने से एक रात पहले पेतरॉस दो सैनिकों के मध्य बेड़ियों से बंधे सोए हुए थे. और द्वार के सामने भी चौकीदार पहरा दे रहे थे. प्रभु का एक दूत एकाएक वहां प्रकट हुआ और वह कमरा ज्योति से भर गया. स्वर्गदूत ने पेतरॉस को थपथपा कर जगाया और कहा, “जल्दी उठिए!” तत्काल ही पेतरॉस की हथकड़ियां गिर पड़ीं. स्वर्गदूत ने पेतरॉस से कहा, “वस्त्र और जूतियां पहन लीजिए” पेतरॉस ने ऐसा ही किया. तब स्वर्गदूत ने उन्हें आज्ञा दी, “अब ऊपरी कपड़ा ओढ़ कर मेरे पीछे-पीछे आ जाइए.” पेतरॉस उसके पीछे कारागार से बाहर आ गए किंतु वह यह समझ नहीं पा रहे थे कि जो कुछ स्वर्गदूत द्वारा किया जा रहा था, वह सच्चाई थी या सिर्फ़ सपना. जब वे पहले और दूसरे पहरे को पार करके उस लोहे के दरवाज़े पर पहुंचे, जो नगर में खुलता है, वह द्वार अपने आप खुल गया और वे बाहर निकल गए. जब वे गली पार कर चुके तो अचानक स्वर्गदूत उन्हें छोड़कर चला गया. तब पेतरॉस की सुध-बुध लौटी और वह कह उठे, “अब मुझे सच्चाई का अहसास हो रहा है कि प्रभु ने ही अपने स्वर्गदूत को भेजकर मुझे हेरोदेस से और यहूदी लोगों की सारी उम्मीदों से छुड़ा लिया है.” यह जानकर वह योहन अर्थात् मार्कास की माता मरियम के घर पहुंचे, जहां अनेक शिष्य इकट्ठा होकर प्रार्थना कर रहे थे. उनके खटखटाने पर रोदा नामक दासी द्वार पर आई. पेतरॉस का शब्द पहचानकर, आनंद में द्वार खोले बिना ही उसने अंदर जाकर बताया कि पेतरॉस बाहर द्वार पर खड़े हैं. वे उससे कहने लगे, “तेरी तो मति मारी गई है!” किंतु जब वह अपनी बात पर अटल रही तो वे कहने लगे, “वह पेतरॉस का स्वर्गदूत होगा.” उधर पेतरॉस द्वार खटखटाते रहे. आखिरकार जब उन्होंने द्वार खोला, वे पेतरॉस को देखकर हक्का-बक्का रह गए. पेतरॉस ने हाथ से शांत रहने का संकेत देते हुए उन्हें बताया कि प्रभु ने किस प्रकार उन्हें कारागार से बाहर निकाला. पेतरॉस ने उनसे कहा कि वे याकोब और अन्य भाई बहिनों को इस विषय में बता दें. तब वह स्वयं दूसरी जगह चले गए.