एज्रा 2:68-69
एज्रा 2:68-69 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
पितरों के घरानों के कुछ मुख्य-मुख्य पुरुषों ने जब यहोवा के भवन को जो यरूशलेम में है, आए, तब परमेश्वर के भवन को उसी के स्थान पर खड़ा करने के लिये अपनी-अपनी इच्छा से कुछ दिया। उन्होंने अपनी-अपनी पूँजी के अनुसार इकसठ हजार दर्कमोन सोना और पाँच हजार माने चाँदी और याजकों के योग्य एक सौ अंगरखे अपनी-अपनी इच्छा से उस काम के खजाने में दे दिए।
एज्रा 2:68-69 पवित्र बाइबल (HERV)
वह समूह यरूशलेम में यहोवा के मन्दिर को पहुँचा। तब परिवार के प्रमुखों ने यहोवा के मन्दिर को बनाने के लिये अपनी भेंटें दीं। उन्होंने जो मन्दिर नष्ट हो गया था उसी के स्थान पर नया मन्दिर बनाना चाहा। उन लोगों ने उतना दिया जितना वे दे सकते थे। ये वे चीज़ें हैं जिन्हें उन्होंने मन्दिर बनाने के लिये दिया: लगभग पाँच सौ किलो सोना, तीन टन चाँदी और याजकों के पहनने वाले सौ चोगे।
एज्रा 2:68-69 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इस्राएली पितृकुलों के मुखिया प्रभु के भवन में आए, जो यरूशलेम में है। उन्होंने परमेश्वर के भवन का उसके पूर्व स्थान में निर्माण करने के लिए स्वेच्छा से भेंट चढ़ाई। उन्होंने अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार इकसठ हजार स्वर्ण-मुद्राएं, पांच हजार चान्दी के सिक्के और पुरोहितों के लिए एक सौ पोशाकें भवन के कोष में दीं।
एज्रा 2:68-69 Hindi Holy Bible (HHBD)
और पितरों के घरानों के कुछ मुख्य मुख्य पुरूषों ने जब यहोवा के भवन को जो यरूशलेम में है, आए, तब परमेश्वर के भवन को उसी के स्थान पर खड़ा करने के लिये अपनी अपनी इच्छा से कुछ दिया। उन्होंने अपनी अपनी पूंजी के अनुसार इकसठ हजार दर्कमोन सोना और पांच हजार माने चान्दी और याजकों के योग्य एक सौ अंगरखे अपनी अपनी इच्छा से उस काम के खजाने में दे दिए।
एज्रा 2:68-69 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
पितरों के घरानों के कुछ मुख्य मुख्य पुरुषों ने जब यहोवा के भवन को जो यरूशलेम में है, आए, तब परमेश्वर के भवन को उसी के स्थान पर खड़ा करने के लिये अपनी अपनी इच्छा से कुछ दिया। उन्होंने अपनी अपनी पूंजी के अनुसार इकसठ हज़ार दर्कमोन सोना और पाँच हज़ार माने चाँदी और याजकों के योग्य एक सौ अंगरखे अपनी अपनी इच्छा से उस काम के खजाने में दे दिए।
एज्रा 2:68-69 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
कुलों के कुछ प्रधान जब येरूशलेम में याहवेह के भवन में पहुंचे, उन्होंने अपनी इच्छा के अनुसार परमेश्वर के भवन को उसी नींव पर दोबारा बनाने के लिए दान दिया. उन्होंने अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार इस काम के लिए 61,000 सोने के सिक्के, 5,000 चांदी के सिक्के तथा 100 पुरोहित वस्त्र खजाने में जमा करा दिए.