उत्‍पत्ति 41:1-40

उत्‍पत्ति 41:1-40 पवित्र बाइबल (HERV)

दो वर्ष बाद फ़िरौन ने सपना देखा। फिरौन ने सपने में देखा कि वह नील नदी के किनारे खड़ा है। तब फ़िरौन ने सपने में नदी से सात गायों को बाहर आते देखा। गायें मोटी और सुन्दर थीं। गायें वहाँ खड़ी थीं और घास चर रही थीं। तब सात अन्य गायें नदी से बाहर आईं, और नदी के किनारे मोटी गायों के पास खड़ी हो गईं। किन्तु ये गायें दुबली और भद्दी थीं। ये सातों दुबली गायें, सुन्दर मोटी सात गायों को खा गईं। तब फ़िरौन जाग उठा। फ़िरौन फिर सोया और दूसरी बार सपना देखा। उसने सपने में अनाज की सात बालें एक अनाज के पीछे उगी हुई देखीं। अनाज की बालें मोटी और अच्छी थीं। तब उसने उसी अनाज के पीछे सात अन्न बालें उगी देखीं। अनाज की ये बालें पतली और गर्म हवा से नष्ट हो गई थीं। तब सात पतली बालों ने सात मोटी और अच्छी वालों को खा लिया। फ़िरौन फिर जाग उठा और उसने समझा कि यह केवल सपना ही है। अगली सुबह फ़िरौन इन सपनों के बारे में परेशान था। इसलिए उसने मिस्र के सभी जादूगरों को और सभी गुणी लोगों को बुलाया। फ़िरौन ने उनको सपना बताया। किन्तु उन लोगों में से कोई भी सपने को स्पष्ट या उसकी व्याख्या न कर सका। तब दाखमधु देने वाले नौकर को यूसुफ याद आ गया। नौकर ने फ़िरौन से कहा, “मेरे साथ जो कुछ घटा वह मुझे याद आ रहा है। आप मुझ पर और एक दूसरे नौकर पर क्रोधित थे और आपने हम दोनों को कारागार में डाल दिया था। कारागार में एक ही रात हम दोनों ने सपने देखे। हर सपना अलग अर्थ रखता था। एक हिब्रू युवक हम लोगों के साथ कारागार में था। वह अंगरक्षको के नायक का नौकर था। हम लोगों ने अपने सपने उसको बताए और उसने सपने की व्याख्या हम लोगों को समझाई। उसने हर सपने का अर्थ हम लोगों को बताया। जो अर्थ उसने बताए वे ठीक निकले। उसने बताया कि मैं स्वतन्त्र होऊँगा और अपनी पुरानी नौकरी फिर पाऊँगा और यही हुआ। उसने कहा कि रोटी पकाने वाला मरेगा और वही हुआ।” इसलिए फ़िरौन ने यूसुफ को कारागार से बुलाया। रक्षक जल्दी से यूसुफ को कारागार से बाहर लाए। यूसुफ ने बाल कटाए और साफ कपड़े पहने। तब वह गया और फ़िरौन के सामने खड़ा हुआ। तब फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “मैंने एक सपना देखा है। किन्तु कोई ऐसा नहीं है जो सपने की व्याख्या मुझको समझा सके। मैंने सुना है कि जब कोई सपने के बारे में तुमसे कहता है तब तुम सपनों की व्याख्या और उन्हें स्पष्ट कर सकते हो।” यूसुफ ने उत्तर दिया, “मेरी अपनी बुद्धि नहीं है कि मैं सपनों को समझ सकूँ केवल परमेश्वर ही है जो ऐसी शक्ति रखता है और फ़िरौन के लिए परमेश्वर ही यह करेगा।” तब फ़िरौन ने कहा, “अपने सपने में, मैं नील नदी के किनारे खड़ा था। मैंने सात गायों को नदी से बाहर आते देखा और घास चरते देखा। ये गायें मोटी और सुन्दर थीं। तब मैंने अन्य सात गायों को नदी से बाहर आते देखा। वे गायें पतली और भद्दी थीं। मैंने मिस्र देश में जितनी गायें देखी हैं उनमें वे सब से अधिक बुरी थीं। और इन भद्दी और पतली गायों ने पहली सुन्दर सात गायों को खा डाला। लेकिन सात गायों को खाने के बाद तक भी वे पतली और भद्दी ही रहीं। तुम उनको देखो तो नहीं जान सकते कि उन्होंने अन्य सात गायों को खाया है। वे उतनी ही भद्दी और पतली दिखाई पड़ती थीं जितनी आरम्भ में थीं। तब मैं जाग गया। “तब मैंने अपने दूसरे सपने में अनाज की सात बालें एक ही अनाज के पीछे उगी देखीं। वे अनाज की बालें भरी हुई, अच्छी और सुन्दर थीं। तब उनके बाद सात अन्य बालें उगीं। किन्तु ये बालें पतली, भद्दी और गर्म हवा से नष्ट थीं। तब पतली बालों ने सात अच्छी बालों को खा डाला। “मैंने इस सपने को अपने लोगों को बताया जो जादूगर और गुणी हैं। किन्तु किसी ने सपने की व्याख्या मुझको नहीं समझाई। इसका अर्थ क्या है?” तब यूसुफ ने फ़िरौन से कहा, “ये दोनों सपने एक ही अर्थ रखते हैं। परमेश्वर तुम्हें बता रहा है जो जल्दी ही होगा। सात अच्छी गायें और सात अच्छी अनाज की बालें सात वर्ष हैं, दोनों सपने एक ही हैं। सात दुबली और भद्दी गायें तथा सात बुरी अनाज की बालें देश में भूखमरी के सात वर्ष हैं। ये सात वर्ष, अच्छे सात वर्षो के बाद आयेंगे। परमेश्वर ने आपको यह दिखा दिया है कि जल्दी ही क्या होने वाला है। यह वैसा ही होगा जैसा मैंने कहा है। आपके सात वर्ष पूरे मिस्र में अच्छी पैदावार और भोजन बहुतायत के होंगे। लेकिन इन सात वर्षों के बाद पूरे देश में भूखमरी के सात वर्ष आएंगे। जो सारा भोजन मिस्र में पैदा हुवा है उसे लोग भूल दाएंगे। यह अकाल देश को नष्ट कर देगा। भरपूर भोजनस्मरण रखना लोग भूल जाएंगे कि क्या होता है? “हे फ़िरौन, आपने एक ही बात के बारे में दो सपने देखे थे। यह इस बात को दिखाने के लिए हुआ कि परमेश्वर निश्चय ही ऐसा होने देगा और यह बताया है कि परमेश्वर इसे जल्दी ही होने देगा। इसलिए हे फ़िरौन आप एक ऐसा व्यक्ति चुनें जो बहुत चुस्त और बुद्धिमान हो। आप उसे मिस्र देश का प्रशासक बनाएँ। तब आप दूसरे व्यक्तियों को जनता से भोजन इकट्ठा करने के लिए चुनें। हर व्यक्ति सात अच्छे वर्षों में जितना भोजन उत्पन्न करे, उसका पाँचवाँ हिस्सा दे। इन लोगों को आदेश दें कि जो अच्छे वर्ष आ रहे हैं उनमें सारा भोजन इकट्ठा करें। व्यक्तियों से कह दें कि उन्हें नगरों में भोजन जमा करने का अधिकार है। तब वे भोजन की रक्षा उस समय तक करेंगे जब उनकी आवश्यकता होगी। वह भोजन मिस्र देश में आने वाले भूखमरी के सात वर्षों में सहायता करेगा। तब मिस्र में सात वर्षों में लोग भोजन के अभाव में मरेंगे नहीं।” फ़िरौन को यह अच्छा विचार मालूम हुआ। इससे सभी अधिकारी सहमत थे। फ़िरौन ने अपने अधिकारियों से पूछा, “क्या तुम लोगों में से कोई इस काम को करने के लिए यूसुफ से अच्छा व्यक्ति ढूँढ सकता है? परमेश्वर की आत्मा ने इस व्यक्ति को सचमुच बुद्धिमान बना दिया है।” फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “परमेश्वर ने ये सभी चीज़ें तुम को दिखाई हैं। इसलिए तुम ही सर्वाधिक बुद्धिमान हो। इसलिए मैं तुमको देश का प्रशासक बनाऊँगा। जनता तुम्हारे आदेशों का पालन करेगी। मैं अकेला इस देश में तुम से बड़ा प्रशासक रहूँगा।”

उत्‍पत्ति 41:1-40 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

पूरे दो वर्ष के पश्‍चात् फरओ ने स्‍वप्‍न देखा कि वह नील नदी के किनारे खड़ा है। सहसा सात मोटी और देखने में सुन्‍दर गायें नदी से बाहर निकलीं। वे नरकुल की घास चरने लगीं। उनके पीछे सात दुबली और देखने में कुरूप गायें नील नदी से बाहर निकलीं। वे नदी के तट पर अन्‍य गायों के एक ओर खड़ी हो गईं। तब दुबली और कुरूप गायों ने उन सात मोटी और सुन्‍दर गायों को खा लिया। तत्‍पश्‍चात् फरओ जाग गया। वह फिर सो गया। उसने दूसरी बार स्‍वप्‍न देखा कि एक ही डंठल में सात मोटी और अच्‍छी बालें फूट रही हैं। उनके पीछे सात पतली और पूर्वी वायु से झुलसी हुई बालें फूटीं। तब पतली बालों ने मोटी और भरी बालों को खा लिया। तत्‍पश्‍चात् फरओ जाग गया। यह स्‍वप्‍न था। सबेरे उसकी आत्‍मा व्‍याकुल थी। उसने दूत भेजकर अपने सब तान्‍त्रिकों और विद्वानों को बुलाया। फरओ ने उनको अपने स्‍वप्‍न सुनाए। पर कोई भी फरओ को उनका अर्थ न बता सका। तब मुख्‍य साकी ने फरओ से कहा, ‘आज मुझे अपने अपराधों की स्‍मृति हुई। जब आपअपने सेवकों से क्रुद्ध हुए थे और मुझे तथा मुख्‍य रसोइए को अंगरक्षकों के नायक के घर में हिरासत में रखा था, तब हमने एक ही रात में एक-एक स्‍वप्‍न देखा था। प्रत्‍येक स्‍वप्‍न का अपना एक विशेष अर्थ था। वहाँ हमारे साथ एक इब्रानी युवक था। वह अंगरक्षकों के नायक का सेवक था। हमने उसे अपना-अपना स्‍वप्‍न सुनाया और उसने हमें उनका अर्थ बताया। प्रत्‍येक व्यक्‍ति को उसके स्‍वप्‍न का अर्थ बताया। जैसा उसने हमें अर्थ बताया था वैसा ही हुआ। मुझे अपना पूर्व पद प्राप्‍त हुआ और मुख्‍य रसोइए को वृक्ष पर लटकाया गया।’ फरओ ने दूत भेजकर यूसुफ को बुलाया। वे अविलम्‍ब उसे कारागार से बाहर लाए। यूसुफ ने बाल बनाए और वस्‍त्र बदले। तत्‍पश्‍चात् वह फरओ के सम्‍मुख आया। फरओ ने यूसुफ से कहा, ‘मैंने एक स्‍वप्‍न देखा है। किन्‍तु उसका अर्थ बतानेवाला कोई नहीं है। मैंने तुम्‍हारे विषय में सुना है कि तुम स्‍वप्‍न सुनकर उसका अर्थ बता सकते हो।’ यूसुफ ने फरओ को उत्तर दिया, ‘नहीं, मैं नहीं जानता। परन्‍तु परमेश्‍वर फरओ को कल्‍याणकारी उत्तर देगा।’ फरओ यूसुफ से बोला, ‘देखो, मैं स्‍वप्‍न में नील नदी के किनारे खड़ा था। सहसा सात मोटी और सुन्‍दर गायें नील नदी से बाहर निकलीं। वे नरकुल की घास चरने लगीं। उनके पीछे सात दुबली, देखने में बहुत कुरूप और कृश गायें निकलीं। मैंने ऐसे कुरूप पशु मिस्र देश में कभी नहीं देखे थे। दुबली और देखने में कुरूप गायों ने पहली सात मोटी गायों को खा लिया। परन्‍तु जब वे उन्‍हें खा चुकीं, तब किसी को ऐसा प्रतीत नहीं होता था कि उन्‍होंने उनको खाया है; क्‍योंकि जैसी कृश वे पहले थीं, वैसी अभी भी थीं। तब मैं जाग गया। फिर मैंने अपने स्‍वप्‍न में एक ही डंठल में सात मोटी और अच्‍छी बालें फूटती हुई देखीं। उनके पीछे सात मुरझाई, पतली, और पूर्वी वायु से झुलसी बालें फूटीं। तब पतली बालों ने सात अच्‍छी बालों को खा लिया। मैंने अपना यह स्‍वप्‍न तान्‍त्रिकों को सुनाया। पर मुझ पर इसका अर्थ प्रकट करने वाला यहाँ कोई नहीं है।’ यूसुफ ने फरओ से कहा, ‘आपके दोनों स्‍वप्‍न एक ही हैं। जो कार्य परमेश्‍वर करने वाला है, उसे उसने आप पर प्रकट किया है। सात अच्‍छी गायें सात वर्ष हैं। सात बालें भी सात वर्ष हैं। इस प्रकार स्‍वप्‍न एक ही है। उनके पीछे नदी से निकलने वाली सात दुर्बल और देखने में कुरूप गायें सात वर्ष हैं। सात खाली और पूर्वी वायु से झुलसी बालें भी सात वर्ष हैं। अकाल के सात वर्ष! जो बात मैंने आपसे कही, वह यही है। जो कार्य परमेश्‍वर करने वाला है, उसको उसने आप को दिखाया है। देखिए, ऐसे सात वर्ष आएँगे जब समस्‍त देश में अत्‍यधिक अन्न उत्‍पन्न होगा। किन्‍तु उनके पश्‍चात् अकाल के सात वर्ष आएँगे। फलत: मिस्र देश में सुकाल के दिनों की उपज भुला दी जाएगी। अकाल देश को खा जाएगा। सुकाल के उपरान्‍त आने वाले अकाल के कारण समस्‍त देश में सुकाल की उपज अज्ञात हो जाएगी; क्‍योंकि वह बहुत भयंकर अकाल होगा। आपको एक ही स्‍वप्‍न दो बार इसलिए दिखाई दिया कि परमेश्‍वर द्वारा यह बात निश्‍चित की जा चुकी है, और वह उसे शीघ्र ही कार्यरूप में परिणत करेगा। अब आप किसी समझदार और बुद्धिमान व्यक्‍ति को देखें और उसे मिस्र देश का प्रधान मन्‍त्री नियुक्‍त करें। आप तत्‍काल देश में निरीक्षक भी नियुक्‍त करें। वे मिस्र देश के सुकाल के वर्षों में उपज का पांचवां भाग लें। निरीक्षक आगामी सुकाल के सात वर्षों में सब प्रकार की भोजन सामग्री एकत्र करें। वे आपके अधीन नगरों में भोजन के लिए अन्न के भण्‍डार-गृह खोलें, और अन्न की रक्षा करें। यह भोजन-सामग्री देश के निमित्त अकाल के उन सात वर्षों के लिए सुरक्षित रहेगी, जो मिस्र देश पर आएंगे, जिससे मिस्र देश अकाल से विनष्‍ट न हो जाए।’ यह परामर्श फरओ और उसके सब कर्मचारियों को भला लगा। फरओ ने अपने कर्मचारियों से कहा, ‘क्‍या हम इस व्यक्‍ति के सदृश, जिसमें परमेश्‍वर का आत्‍मा है, किसी दूसरे व्यक्‍ति को पा सकते हैं?’ अत: फरओ ने यूसुफ से कहा, ‘परमेश्‍वर ने तुम पर ही ये बातें प्रकट कीं। इसलिए तुम्‍हारे सदृश समझदार और बुद्धिमान व्यक्‍ति और कोई नहीं है। तुम मेरे देश के प्रधान मंत्री होंगे। मेरी प्रजा तुम्‍हारे आदेशों का पालन करेगी। केवल राजसिंहासन पर मैं तुम से बड़ा रहूँगा।’

उत्‍पत्ति 41:1-40 Hindi Holy Bible (HHBD)

पूरे दो बरस के बीतने पर फिरौन ने यह स्वप्न देखा, कि वह नील नदी के किनारे पर खड़ा है। और उस नदी में से सात सुन्दर और मोटी मोटी गायें निकल कर कछार की घास चरने लगीं। और, क्या देखा, कि उनके पीछे और सात गायें, जो कुरूप और दुर्बल हैं, नदी से निकली; और दूसरी गायों के निकट नदी के तट पर जा खड़ी हुई। तब ये कुरूप और दुर्बल गायें उन सात सुन्दर और मोटी मोटी गायों को खा गईं। तब फिरौन जाग उठा। और वह फिर सो गया और दूसरा स्वप्न देखा, कि एक डंठी में से सात मोटी और अच्छी अच्छी बालें निकलीं। और, क्या देखा, कि उनके पीछे सात बालें पतली और पुरवाई से मुरझाई हुई निकलीं। और इन पतली बालों ने उन सातों मोटी और अन्न से भरी हुई बालों को निगल लिया। तब फिरौन जागा, और उसे मालूम हुआ कि यह स्वप्न ही था। भोर को फिरौन का मन व्याकुल हुआ; और उसने मिस्र के सब ज्योतिषियों, और पण्डितों को बुलवा भेजा; और उन को अपने स्वप्न बताएं; पर उन में से कोई भी उनका फल फिरौन से न कह सहा। तब पिलानेहारों का प्रधान फिरौन से बोल उठा, कि मेरे अपराध आज मुझे स्मरण आए: जब फिरौन अपने दासों से क्रोधित हुआ था, और मुझे और पकानेहारों के प्रधान को कैद करा के जल्लादों के प्रधान के घर के बन्दीगृह में डाल दिया था; तब हम दोनों ने, एक ही रात में, अपने अपने होनहार के अनुसार स्वप्न देखा; और वहां हमारे साथ एक इब्री जवान था, जो जल्लादों के प्रधान का दास था; सो हम ने उसको बताया, और उसने हमारे स्वप्नों का फल हम से कहा, हम में से एक एक के स्वप्न का फल उसने बता दिया। और जैसा जैसा फल उसने हम से कहा था, वैसा ही हुआ भी, अर्थात मुझ को तो मेरा पद फिर मिला, पर वह फांसी पर लटकाया गया। तब फिरौन ने यूसुफ को बुलवा भेजा। और वह झटपट बन्दीगृह से बाहर निकाला गया, और बाल बनवाकर, और वस्त्र बदलकर फिरौन के साम्हने आया। फिरौन ने यूसुफ से कहा, मैं ने एक स्वप्न देखा है, और उसके फल का बताने वाला कोई भी नहीं; और मैं ने तेरे विषय में सुना है, कि तू स्वप्न सुनते ही उसका फल बता सकता है। यूसुफ ने फिरौन से कहा, मैं तो कुछ नहीं जानता: परमेश्वर ही फिरौन के लिये शुभ वचन देगा। फिर फिरौन यूसुफ से कहने लगा, मैं ने अपने स्वप्न में देखा, कि मैं नील नदी के किनारे पर खड़ा हूं फिर, क्या देखा, कि नदी में से सात मोटी और सुन्दर सुन्दर गायें निकल कर कछार की घास चरने लगी। फिर, क्या देखा, कि उनके पीछे सात और गायें निकली, जो दुबली, और बहुत कुरूप, और दुर्बल हैं; मैं ने तो सारे मिस्र देश में ऐसी कुडौल गायें कभी नहीं देखीं। और इन दुर्बल और कुडौल गायों ने उन पहली सातों मोटी मोटी गायों को खा लिया। और जब वे उन को खा गई तब यह मालूम नहीं होता था कि वे उन को खा गई हैं, क्योंकि वे पहिले की नाईं जैसी की तैसी कुडौल रहीं। तब मैं जाग उठा। फिर मैं ने दूसरा स्वप्न देखा, कि एक ही डंठी में सात अच्छी अच्छी और अन्न से भरी हुई बालें निकलीं। फिर, क्या देखता हूं, कि उनके पीछे और सात बालें छूछी छूछी और पतली और पुरवाई से मुरझाई हुई निकलीं। और इन पतली बालोंने उन सात अच्छी अच्छी बालों को निगल लिया। इसे मैं ने ज्योतिषियों को बताया, पर इस का समझानेहारा कोई नहीं मिला। तब यूसुफ ने फिरौन से कहा, फिरौन का स्वप्न एक ही है, परमेश्वर जो काम किया चाहता है, उसको उसने फिरौन को जताया है। वे सात अच्छी अच्छी गायें सात वर्ष हैं; और वे सात अच्छी अच्छी बालें भी सात वर्ष हैं; स्वप्न एक ही है। फिर उनके पीछे जो दुर्बल और कुडौल गायें निकलीं, और जो सात छूछी और पुरवाई से मुरझाई हुई बालें निकाली, वे अकाल के सात वर्ष होंगे। यह वही बात है, जो मैं फिरौन से कह चुका हूं, कि परमेश्वर जो काम किया चाहता है, उसे उसने फिरौन को दिखाया है। सुन, सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे। उनके पश्चात सात वर्ष अकाल के आयेंगे, और सारे मिस्र देश में लोग इस सारी उपज को भूल जायेंगे; और अकाल से देश का नाश होगा। और सुकाल (बहुतायत की उपज) देश में फिर स्मरण न रहेगा क्योंकि अकाल अत्यन्त भयंकर होगा। और फिरौन ने जो यह स्वप्न दो बार देखा है इसका भेद यही है, कि यह बात परमेश्वर की ओर से नियुक्त हो चुकी है, और परमेश्वर इसे शीघ्र ही पूरा करेगा। इसलिये अब फिरौन किसी समझदार और बुद्धिमान् पुरूष को ढूंढ़ करके उसे मिस्र देश पर प्रधानमंत्री ठहराए। फिरौन यह करे, कि देश पर अधिकारियों को नियुक्त करे, और जब तक सुकाल के सात वर्ष रहें तब तक वह मिस्र देश की उपज का पंचमांश लिया करे। और वे इन अच्छे वर्षों में सब प्रकार की भोजन वस्तु इकट्ठा करें, और नगर नगर में भण्डार घर भोजन के लिये फिरौन के वश में करके उसकी रक्षा करें। और वह भोजनवस्तु अकाल के उन सात वर्षों के लिये, जो मिस्र देश में आएंगे, देश के भोजन के निमित्त रखी रहे, जिस से देश उस अकाल से स्त्यानाश न हो जाए। यह बात फिरौन और उसके सारे कर्मचारियों को अच्छी लगी। सो फिरौन ने अपने कर्मचारियोंसे कहा, कि क्या हम को ऐसा पुरूष जैसा यह है, जिस में परमेश्वर का आत्मा रहता है, मिल सकता है? फिर फिरौन ने यूसुफ से कहा, परमेश्वर ने जो तुझे इतना ज्ञान दिया है, कि तेरे तुल्य कोई समझदार और बुद्धिमान् नहीं; इस कारण तू मेरे घर का अधिकारी होगा, और तेरी आज्ञा के अनुसार मेरी सारी प्रजा चलेगी, केवल राजगद्दी के विषय मैं तुझ से बड़ा ठहरूंगा।

उत्‍पत्ति 41:1-40 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

पूरे दो वर्ष बीतने पर फ़िरौन ने यह स्वप्न देखा कि वह नील नदी के किनारे खड़ा है। और उस नदी में से सात सुन्दर और मोटी मोटी गायें निकलकर कछार की घास चरने लगीं। और, क्या देखा कि उनके पीछे और सात गायें, जो कुरूप और दुर्बल हैं, नदी से निकलीं, और दूसरी गायों के निकट नदी के तट पर जा खड़ी हुईं। तब ये कुरूप और दुर्बल गायें उन सात सुन्दर और मोटी मोटी गायों को खा गईं। तब फ़िरौन जाग उठा। और वह फिर सो गया और दूसरा स्वप्न देखा कि एक डंठल में से सात मोटी और अच्छी अच्छी बालें निकलीं। और, क्या देखा कि उनके पीछे सात बालें पतली और पुरवाई से मुरझाई हुई निकलीं। और इन पतली बालों ने उन सातों मोटी और अन्न से भरी हुई बालों को निगल लिया। तब फ़िरौन जागा, और उसे मालूम हुआ कि यह स्वप्न ही था। भोर को फ़िरौन का मन व्याकुल हुआ और उसने मिस्र के सब ज्योतिषियों और पण्डितों को बुलवा भेजा; और उनको अपने स्वप्न बताए; पर उनमें से कोई भी उनका फल फ़िरौन को न बता सका। तब पिलानेहारों का प्रधान फ़िरौन से बोल उठा, “मेरे अपराध आज मुझे स्मरण आए : जब फ़िरौन अपने दासों से क्रोधित हुआ था, और मुझे और पकानेहारों के प्रधान को क़ैद कराके अंगरक्षकों के प्रधान के घर के बन्दीगृह में डाल दिया था; तब हम दोनों ने एक ही रात में अपने अपने होनहार के अनुसार स्वप्न देखा। वहाँ हमारे साथ एक इब्री जवान था, जो अंगरक्षकों के प्रधान का दास था; अत: हम ने उसको बताया और उसने हमारे स्वप्नों का फल हम से कहा, हम में से एक एक के स्वप्न का फल उसने बता दिया। और जैसा जैसा फल उसने हम से कहा था, वैसा ही हुआ भी, अर्थात् मुझ को तो मेरा पद फिर मिला, पर वह फाँसी पर लटकाया गया।” तब फ़िरौन ने यूसुफ को बुलवा भेजा; और वह झटपट बन्दीगृह से बाहर निकाला गया, और बाल बनवाकर और वस्त्र बदल कर फ़िरौन के सामने आया। फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “मैं ने एक स्वप्न देखा है, और उसके फल का बतानेवाला कोई भी नहीं; और मैं ने तेरे विषय में सुना है कि तू स्वप्न सुनते ही उसका फल बता सकता है।” यूसुफ ने फ़िरौन से कहा, “मैं तो कुछ नहीं जानता : परमेश्‍वर ही फ़िरौन के लिये शुभ वचन देगा।” फिर फ़िरौन यूसुफ से कहने लगा, “मैं ने अपने स्वप्न में देखा कि मैं नील नदी के किनारे खड़ा हूँ। फिर क्या देखा, कि नदी में से सात मोटी और सुन्दर सुन्दर गायें निकलकर कछार की घास चरने लगीं। फिर क्या देखा, कि उनके पीछे सात और गायें निकलीं, जो दुबली और बहुत कुरूप और दुर्बल हैं; मैं ने सारे मिस्र देश में ऐसी कुडौल गायें कभी नहीं देखीं। इन दुर्बल और कुडौल गायों ने उन पहली सातों मोटी मोटी गायों को खा लिया; और जब वे उनको खा गईं तब यह मालूम नहीं होता था कि वे उनको खा गई हैं, क्योंकि वे पहले के समान जैसी की तैसी कुडौल रहीं। तब मैं जाग उठा। फिर मैं ने दूसरा स्वप्न देखा, कि एक ही डंठल में सात अच्छी अच्छी और अन्न से भरी हुई बालें निकलीं। फिर क्या देखता हूँ, कि उनके पीछे और सात बालें छूछी छूछी और पतली और पुरवाई से मुरझाई हुई निकलीं, और इन पतली बालों ने उन सात अच्छी अच्छी बालों को निगल लिया। इसे मैं ने ज्योतिषियों को बताया, पर इसका समझानेहारा कोई नहीं मिला।” तब यूसुफ ने फ़िरौन से कहा, “फ़िरौन का स्वप्न एक ही है, परमेश्‍वर जो काम करना चाहता है, उसको उसने फ़िरौन पर प्रगट किया है। वे सात अच्छी अच्छी गायें सात वर्ष हैं; और वे सात अच्छी अच्छी बालें भी सात वर्ष हैं; स्वप्न एक ही है। फिर उनके पीछे जो दुर्बल और कुडौल गायें निकलीं, और जो सात छूछी और पुरवाई से मुरझाई हुई बालें निकालीं, वे अकाल के सात वर्ष होंगे। यह वही बात है जो मैं फ़िरौन से कह चुका हूँ कि परमेश्‍वर जो काम करना चाहता है, उसे उसने फ़िरौन को दिखाया है। सुन, सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे। उनके पश्‍चात् सात वर्ष अकाल के आयेंगे, और सारे मिस्र देश में लोग इस सारी उपज को भूल जायेंगे; और अकाल से देश का नाश होगा। और सुकाल (बहुतायत की उपज) देश में फिर स्मरण न रहेगा, क्योंकि अकाल अत्यन्त भयंकर होगा। और फ़िरौन ने जो यह स्वप्न दो बार देखा है इसका भेद यही है कि यह बात परमेश्‍वर की ओर से नियुक्‍त हो चुकी है, और परमेश्‍वर इसे शीघ्र ही पूरा करेगा। इसलिये अब फ़िरौन किसी समझदार और बुद्धिमान् पुरुष को ढूँढ़ कर के उसे मिस्र देश पर प्रधान मंत्री ठहराए। फ़िरौन यह करे कि देश पर अधिकारियों को नियुक्‍त करे, और जब तक सुकाल के सात वर्ष रहें तब तक वह मिस्र देश की उपज का पंचमांश लिया करे। और वे इन अच्छे वर्षों में सब प्रकार की भोजनवस्तु इकट्ठा करें, और नगर नगर में भण्डार घर भोजन के लिये, फ़िरौन के वश में करके उसकी रक्षा करें। वह भोजनवस्तु अकाल के उन सात वर्षों के लिये, जो मिस्र देश में आएँगे, देश के भोजन के लिए रखी रहे, जिससे देश का उस अकाल से सत्यानाश न हो जाए।” यह बात फ़िरौन और उसके सारे कर्मचारियों को अच्छी लगी। इसलिये फ़िरौन ने अपने कर्मचारियों से कहा, “क्या हम को ऐसा पुरुष, जैसा यह है जिसमें परमेश्‍वर का आत्मा रहता है, मिल सकता है?” फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “परमेश्‍वर ने जो तुझे इतना ज्ञान दिया है कि तेरे तुल्य कोई समझदार और बुद्धिमान नहीं; इस कारण तू मेरे घर का अधिकारी होगा, और तेरी आज्ञा के अनुसार मेरी सारी प्रजा चलेगी, केवल राजगद्दी के विषय मैं तुझ से बड़ा ठहरूँगा।”

उत्‍पत्ति 41:1-40 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

पूरे दो वर्ष के बीतने पर फ़िरौन ने यह स्वप्न देखा कि वह नील नदी के किनारे खड़ा है। और उस नदी में से सात सुन्दर और मोटी-मोटी गायें निकलकर कछार की घास चरने लगीं। और, क्या देखा कि उनके पीछे और सात गायें, जो कुरूप और दुर्बल हैं, नदी से निकलीं; और दूसरी गायों के निकट नदी के तट पर जा खड़ी हुईं। तब ये कुरूप और दुर्बल गायें उन सात सुन्दर और मोटी-मोटी गायों को खा गईं। तब फ़िरौन जाग उठा। और वह फिर सो गया और दूसरा स्वप्न देखा कि एक डंठल में से सात मोटी और अच्छी-अच्छी बालें निकलीं। और, क्या देखा कि उनके पीछे सात बालें पतली और पुरवाई से मुर्झाई हुई निकलीं। और इन पतली बालों ने उन सातों मोटी और अन्न से भरी हुई बालों को निगल लिया। तब फ़िरौन जागा, और उसे मालूम हुआ कि यह स्वप्न ही था। भोर को फ़िरौन का मन व्याकुल हुआ; और उसने मिस्र के सब ज्योतिषियों, और पंडितों को बुलवा भेजा; और उनको अपने स्वप्न बताए; पर उनमें से कोई भी उनका फल फ़िरौन को न बता सका। तब पिलानेहारों का प्रधान फ़िरौन से बोल उठा, “मेरे अपराध आज मुझे स्मरण आए: जब फ़िरौन अपने दासों से क्रोधित हुआ था, और मुझे और पकानेहारों के प्रधान को कैद कराके अंगरक्षकों के प्रधान के घर के बन्दीगृह में डाल दिया था; तब हम दोनों ने एक ही रात में, अपने-अपने होनहार के अनुसार स्वप्न देखा; और वहाँ हमारे साथ एक इब्री जवान था, जो अंगरक्षकों के प्रधान का दास था; अतः हमने उसको बताया, और उसने हमारे स्वप्नों का फल हम से कहा, हम में से एक-एक के स्वप्न का फल उसने बता दिया। और जैसा-जैसा फल उसने हम से कहा था, वैसा ही हुआ भी, अर्थात् मुझ को तो मेरा पद फिर मिला, पर वह फांसी पर लटकाया गया।” तब फ़िरौन ने यूसुफ को बुलवा भेजा। और वह झटपट बन्दीगृह से बाहर निकाला गया, और बाल बनवाकर, और वस्त्र बदलकर फ़िरौन के सामने आया। फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “मैंने एक स्वप्न देखा है, और उसके फल का बतानेवाला कोई भी नहीं; और मैंने तेरे विषय में सुना है, कि तू स्वप्न सुनते ही उसका फल बता सकता है।” यूसुफ ने फ़िरौन से कहा, “मैं तो कुछ नहीं जानता: परमेश्वर ही फ़िरौन के लिये शुभ वचन देगा।” फिर फ़िरौन यूसुफ से कहने लगा, “मैंने अपने स्वप्न में देखा, कि मैं नील नदी के किनारे पर खड़ा हूँ। फिर, क्या देखा, कि नदी में से सात मोटी और सुन्दर-सुन्दर गायें निकलकर कछार की घास चरने लगीं। फिर, क्या देखा, कि उनके पीछे सात और गायें निकली, जो दुबली, और बहुत कुरूप, और दुर्बल हैं; मैंने तो सारे मिस्र देश में ऐसी कुडौल गायें कभी नहीं देखीं। इन दुर्बल और कुडौल गायों ने उन पहली सातों मोटी-मोटी गायों को खा लिया। और जब वे उनको खा गईं तब यह मालूम नहीं होता था कि वे उनको खा गई हैं, क्योंकि वे पहले के समान जैसी की तैसी कुडौल रहीं। तब मैं जाग उठा। फिर मैंने दूसरा स्वप्न देखा, कि एक ही डंठल में सात अच्छी-अच्छी और अन्न से भरी हुई बालें निकलीं। फिर क्या देखता हूँ, कि उनके पीछे और सात बालें छूछी-छूछी और पतली और पुरवाई से मुर्झाई हुई निकलीं। और इन पतली बालों ने उन सात अच्छी-अच्छी बालों को निगल लिया। इसे मैंने ज्योतिषियों को बताया, पर इसका समझानेवाला कोई नहीं मिला।” तब यूसुफ ने फ़िरौन से कहा, “फ़िरौन का स्वप्न एक ही है, परमेश्वर जो काम करना चाहता है, उसको उसने फ़िरौन पर प्रगट किया है। वे सात अच्छी-अच्छी गायें सात वर्ष हैं; और वे सात अच्छी-अच्छी बालें भी सात वर्ष हैं; स्वप्न एक ही है। फिर उनके पीछे जो दुर्बल और कुडौल गायें निकलीं, और जो सात छूछी और पुरवाई से मुर्झाई हुई बालें निकालीं, वे अकाल के सात वर्ष होंगे। यह वही बात है जो मैं फ़िरौन से कह चुका हूँ, कि परमेश्वर जो काम करना चाहता है, उसे उसने फ़िरौन को दिखाया है। सुन, सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे। उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आएँगे, और सारे मिस्र देश में लोग इस सारी उपज को भूल जाएँगे; और अकाल से देश का नाश होगा। और सुकाल (बहुतायत की उपज) देश में फिर स्मरण न रहेगा क्योंकि अकाल अत्यन्त भयंकर होगा। और फ़िरौन ने जो यह स्वप्न दो बार देखा है इसका भेद यही है कि यह बात परमेश्वर की ओर से नियुक्त हो चुकी है, और परमेश्वर इसे शीघ्र ही पूरा करेगा। इसलिए अब फ़िरौन किसी समझदार और बुद्धिमान् पुरुष को ढूँढ़ करके उसे मिस्र देश पर प्रधानमंत्री ठहराए। फ़िरौन यह करे कि देश पर अधिकारियों को नियुक्त करे, और जब तक सुकाल के सात वर्ष रहें तब तक वह मिस्र देश की उपज का पंचमांश लिया करे। और वे इन अच्छे वर्षों में सब प्रकार की भोजनवस्तु इकट्ठा करें, और नगर-नगर में भण्डार घर भोजन के लिये, फ़िरौन के वश में करके उसकी रक्षा करें। और वह भोजनवस्तु अकाल के उन सात वर्षों के लिये, जो मिस्र देश में आएँगे, देश के भोजन के निमित्त रखी रहे, जिससे देश का उस अकाल से सत्यानाश न हो जाए।” यह बात फ़िरौन और उसके सारे कर्मचारियों को अच्छी लगी। इसलिए फ़िरौन ने अपने कर्मचारियों से कहा, “क्या हमको ऐसा पुरुष, जैसा यह है, जिसमें परमेश्वर का आत्मा रहता है, मिल सकता है?” फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “परमेश्वर ने जो तुझे इतना ज्ञान दिया है, कि तेरे तुल्य कोई समझदार और बुद्धिमान नहीं; इस कारण तू मेरे घर का अधिकारी होगा, और तेरी आज्ञा के अनुसार मेरी सारी प्रजा चलेगी, केवल राजगद्दी के विषय मैं तुझ से बड़ा ठहरूँगा।” (प्रेरि. 7:10)

उत्‍पत्ति 41:1-40 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

पूरे दो साल बाद फ़रोह ने एक स्वप्न देखा: वे नील नदी के किनारे खड़े हैं. नदी में से सात सुंदर एवं मोटी गायें निकली और घास चरने लगीं. फिर और सात गायें नील नदी में से निकलीं, जो कुरूप तथा पतली थीं. ये नदी के किनारे उन मोटी गायों के पास आकर खड़ी हो गईं. और कुरूप एवं दुर्बल गायों ने उन सुंदर एवं मोटी गायों को खा लिया. इससे फ़रोह की नींद खुल गई. जब उन्हें फिर नींद आई, तब उन्होंने एक और स्वप्न देखा: एक ही तने में से सात बालें उगीं, जो अच्छी और मोटी मोटी थीं. फिर सात और बालें उगीं जो पतली और मुरझाई हुई थीं, तब पतली बालों ने मोटी बालों को निगल लिया. इससे फ़रोह की नींद खुल गई और वह समझ गये कि यह स्वप्न था. सुबह होने पर राजा मन में बेचैन हुए, इसलिये इनका अर्थ जानने के लिए मिस्र देश के सब ज्योतिषियों एवं पंडितों को बुलवाया और फ़रोह ने उन्हें अपने दोनों स्वप्न बताये लेकिन कोई भी उनका अर्थ नहीं बता पाया. तब प्रधान पिलाने वाले ने फ़रोह से कहा, “आज मुझे अपनी गलती याद आ रही है. एक बार फ़रोह अपने नौकरों से क्रुद्ध हुए और मुझे और प्रधान खानसामे को अंगरक्षकों के नायक के घर के बंदीगृह में डाला. हमने उस कारावास में स्वप्न देखा, और दोनों ही स्वप्न का अपना अलग अर्थ था. एक इब्री युवक वहां था, वह अंगरक्षकों के नायक का सेवक था. जब हमने उसे अपना स्वप्न बताया उसने हमारे हर एक के स्वप्न की व्याख्या की. जैसा उसने बताया था वैसा ही हुआ: फ़रोह ने मुझे तो अपना पद सौंप दिया, और खानसामें को प्राण-दंड दे दिया.” यह सुनकर फ़रोह ने कहा कि योसेफ़ को मेरे पास लाओ. उन्होंने जल्दी योसेफ़ को कारागार से बाहर निकाला. और उसके बाल कटाकर उसके कपड़े बदलकर फ़रोह के पास लेकर आये. फ़रोह ने योसेफ़ से कहा, “मैंने एक स्वप्न देखा है, उसका अर्थ कोई नहीं बता पा रहे हैं, लेकिन मैंने तुम्हारे बारे में सुना है कि तुम स्वप्न का अर्थ बता सकते हो.” योसेफ़ ने यह सुनकर फ़रोह से कहा, “अर्थ मैं नहीं, बल्कि स्वयं परमेश्वर ही देंगे.” तब फ़रोह ने कहा, “मैंने स्वप्न में देखा कि मैं नील नदी के किनारे खड़ा हूं. वहां मैंने सात मोटी एवं सुंदर गायों को नील नदी से निकलते देखा. और वे घास चर रही थीं. तभी मैंने देखा कि सात और गायें निकलीं—जो दुबली, पतली और कुरूप थीं. ऐसी कुरूप गायें मैंने मिस्र देश में कभी नहीं देखीं. दुर्बल एवं कुरूप गायों ने उन सात मोटी एवं सुंदर गायों को खा लिया. इतना होने पर भी यह समझ नहीं पाये कि इन्होंने उन सात मोटी गायों को कैसे खा लिया; लेकिन वे अब भी वैसी ही कुरूप बनी हुई थीं. और मेरी नींद खुल गई. “मैंने एक और स्वप्न देखा: एक ही तने में से सात मोटी एवं अच्छी बालें उगीं. तभी मैंने देखा कि कमजोर और मुरझाई, और पूर्वी वायु से झुलसी बालें उगीं. तथा कमजोर बालों ने उन मोटी बालों को निगल लिया. मैंने अपने ज्योतिषियों से ये स्वप्न बताये, लेकिन अर्थ कोई नहीं बता पाया.” तब योसेफ़ ने फ़रोह से कहा, “आपके दोनों स्वप्न एक ही हैं. इनमें परमेश्वर ने फ़रोह को बताया हैं कि परमेश्वर क्या करने जा रहे हैं. सात सुंदर और मोटी गायें सात वर्ष हैं, सात अच्छी बालें भी सात वर्ष हैं; दोनों ही स्वप्न एक ही हैं. कमजोर एवं कुरूप गायें, सात वर्ष हैं, और मुरझाई हुई बालें जो देखी वे भी सात वर्ष; वे अकाल के होंगे. “जैसा मैंने फ़रोह को बताया, ठीक वैसा ही होगा; परमेश्वर ने आपको यह दिखा दिया है कि जल्दी ही क्या होनेवाला है. मिस्र देश में सात वर्ष बहुत ही अच्छी फसल होगी, और उसके बाद सात वर्ष का अकाल होगा. तब मिस्र देश के लोग सारी उपज को भूल जायेंगे, और अकाल से देश का नाश होगा. अकाल इतना भयानक होगा कि अच्छी फसल और उपज किसी को याद तक नहीं रहेगी. फ़रोह आपने एक ही बात के विषय दो बार स्वप्न देखे; यह इस बात को दिखाता है कि परमेश्वर निश्चय ही ऐसा होने देंगे और परमेश्वर जल्दी ही इसे पूरा करेंगे. “इसलिये फ़रोह जल्दी किसी समझदार एवं बुद्धिमान व्यक्ति को मिस्र देश का अधिकारी बनाएं. और फ़रोह सारे मिस्र देश में सर्वेक्षकों को नियुक्त करे और सात वर्ष जो अच्छी फसल और उपज का है, उस समय भूमि की उपज का पंचमांश इकट्ठा करें. तब अच्छी फसल के सात वर्षों में सारी भोजन वस्तु एकत्रित की जाये और अनाज को फ़रोह के अधिकार में भंडार नगरों में सुरक्षित रखते जायें. और यह भोजन सात वर्ष के अकाल से बचने के लिए पूरे मिस्र देश को देने के लिए इकट्ठा करे ताकि लोग भोजन के अभाव में नहीं मरें.” फ़रोह तथा सब कर्मचारियों को लगा कि यह जवाबदारी योसेफ़ को ही दी जाये. फ़रोह ने अपने सेवकों से पूछा, “क्या हमें ऐसा कोई व्यक्ति मिल सकता है जिसमें परमेश्वर का आत्मा हो?” फिर फ़रोह ने योसेफ़ से कहा, “इसलिये कि परमेश्वर ने ही तुम पर यह सब प्रकट किया है, तुम यह जवाबदारी लो क्योंकि तुम जैसा समझदार तथा बुद्धिमान कोई नहीं. और तुम मेरे महल के अधिकारी होंगे तथा मेरी प्रजा तुम्हारे ही आदेश का पालन करेगी. मैं सिंहासन पर बैठने के कारण राजा होकर तुमसे बड़ा रहूंगा.”