यशायाह 40:30-31
यशायाह 40:30-31 पवित्र बाइबल (HERV)
युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है। यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं। किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।
यशायाह 40:30-31 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
युवक भी निर्बल हो जाते हैं, वे थक जाते हैं, तरुण भी थक कर चूर हो जाते हैं। परन्तु प्रभु की प्रतीक्षा करनेवाले नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे गरुड़ के पंखों की तरह नवशक्ति प्राप्त कर ऊंचे उड़ेंगे; वे दौड़ेंगे, पर थकेंगे नहीं; वे चलते रहेंगे, किन्तु निर्बल नहीं होंगे।
यशायाह 40:30-31 Hindi Holy Bible (HHBD)
तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे॥
यशायाह 40:30-31 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
तरुण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे।