यिर्मयाह 38:6-28
यिर्मयाह 38:6-28 पवित्र बाइबल (HERV)
अत: उन अधिकारियों ने यिर्मयाह को लिया और उसे मल्किय्याह के हौज में डाल दिया। (मल्किय्याह राजा का पुत्र था।) वह हौज मन्दिर के आँगन में था जहाँ राजा के रक्षक ठहरते थे। उन अधिकारियों ने यिर्मयाह को हौज में उतारने के लिये रस्सी का उपयोग किया। हौज में पानी बिल्कुल नहीं था, उसमें केवल कीचड़ थी और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया। किन्तु एबेदमेलेक नामक एक व्यक्ति ने सुना कि अधिकारियों ने यिर्मयाह को हौज में रखा है। एबेदमेलेक कूश का निवासी थी और वह राजा के महल में खोजा था। राजा सिदकिय्याह बिन्यामीन द्वार पर बैठा था। अत: एबेदमेलेक राजमहल से निकला और राजा से बातें करने उस द्वार पर पहुँचा। एबेदमेलेक ने कहा, “मेरे स्वामी राजा उन अधिकारियों ने दुष्टता का काम किया है। उन्होंने यिर्मयाह नबी के साथ दुष्टता की है। उन्होंने उसे हौज में डाल दिया है। उन्होंने उसे वहाँ मरने को छोड़ दिया है।” तब राजा सिदकिय्याह ने कूशी एबेदमेलेक को आदेश दिया। आदेश यह था: “एबेदमेलेक राजमहल से तुम तीन व्यक्ति अपने साथ लो। जाओ और मरने से पहले यिर्मयाह को हौज से निकालो।” अत: एबेदमेलेक ने अपने साथ व्यक्तियों को लिया। किन्तु पहले वह राजमहल के भंडारगृह के एक कमरे में गया। उसने कुछ पुराने कम्बल और फटे पुराने कपड़े उस कमरे से लिये। तब उसने उन कम्बलों को रस्सी के सहारे हौज में यिर्मयाह के पास पहुँचाया। कूशी एबेदमेलेक ने यिर्मयाह से कहा, “इन पुराने कम्बलों और चिथड़ों को अपनी बगल के नीचे लगाओ। जब हम लोग तुम्हें खींचेंगे तो ये तुम्हारी बाँहों के नीचे गदेले बनेंगे। तब रस्सियाँ तुम्हें चुभेंगी नहीं।” अत: यिर्मयाह ने वही किया जो एबेदमेलेक ने कहा। उन लोगों ने यिर्मयाह को रस्सियों से ऊपर खींचा और हौज के बाहर निकाल लिया और यिर्मयाह मन्दिर के आँगन में रक्षकों के संरक्षण में रहा। तब राजा सिदकिय्याह ने किसी को यिर्मयाह नबी को लाने के लिये भेजा। उसने यहोवा के मन्दिर के तीसरे द्वार पर यिर्मयाह की मंगवाया। तब राजा ने कहा, “यिर्मयाह, मैं तुमसे कुछ पूछ रहा हूँ। मुझसे कुछ भी न छिपाओ, मुझे सब ईमानदारी से बताओ।” यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, “यदि मैं आपको उत्तर दूँगा तो संभव है आप मुझे मार डालें और यदि मैं आपको सलाह भी दूँ तो आप उसे नहीं मानेंगे।” किन्तु राजा सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से शपथ खाई। सिदकिय्याह ने यह गुप्त रूप से किया। यह वह है जो सिदकिय्याह ने शपथ ली, “यिर्मयाह जैसा कि यहोवा शाश्वत है, जिसने हमें प्राण और जीवन दिया है यिर्मयाह। मैं तुम्हें मारूँगा नहीं और मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हें उन अधिकारियों को नहीं दूँगा जो तुम्हें मार डालना चाहते हैं।” तब यिर्मयाह ने राजा सिदकिय्याह से कहा, “यह वह है जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा इस्राएल के लोगों का परमेश्वर कहता है, ‘यदि तुम बाबुल के राजा के अधिकारियों को आत्मसमर्पण करोगे तो तुम्हारा जीवन बच जाएगा और यरूशलेम जलाकर राख नहीं किया जाएगा, तुम और तुम्हारा परिवार जीवित रहेगा। किन्तु यदि तुम बाबुल के राजा के अधिकारियों को आत्मसमर्पण करने से इन्कार करोगे तो यरूशलेम बाबुल सेना को दे दिया जाएगा। वे यरूशलेम को जलाकर राख कर देंगे और तुम स्वयं उनसे बचकर नहीं निकल पाओगे।’” तब राजा सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, “किन्तु मैं यहूदा के उन लोगों से डरता हूँ जो पहले ही बाबुल सेना से जा मिले हैं। मुझे भय है कि सैनिक मुझे यहूदा के उन लोगों को दे देंगे और वे मेरे साथ बुरा व्यवहार करेंगे और चोट पहुँचायेंगे।” किन्तु यिर्मयाह ने उत्तर दिया, “सैनिक तुम्हें यहूदा के उन लोगों को नहीं देंगे। राजा सिदकिय्याह, जो मैं कह रहा हूँ उसे करके, यहोवा की आज्ञा का पालन करो। तब सभी कुछ तुम्हारे भले के लिये होगा और तुम्हारा जीवन बच जाएगा। किन्तु यदि तुम बाबुल की सेना के सामने आत्मसमर्पण करने से इन्कार करते हो तो यहोवा ने मुझे दिखा दिया है कि क्या होगा। यह वह है जो यहोवा ने मुझसे कहा है: वे सभी स्त्रियाँ जो यहूदा के राजमहल में रह गई हैं बाहर लाई जाएंगी। वे बाबुल के राजा के बड़े अधिकारियों के सामने लाई जायेंगी। तुम्हारी स्त्रियाँ एक गीत द्वारा तुम्हारी खिल्ली उड़ाएंगी। जो कुछ स्त्रियाँ कहेंगी वह यह है: “तुम्हारे अच्छे मित्र तुम्हें गलत राह ले गए और वे तुमसे अधिक शक्तिशाली थे। वे ऐसे मित्र थे जिन पर तुम्हारा विश्वास था। तुम्हारे पाँव कीचड़ में फँसे हैं। तुम्हारे मित्रों ने तुम्हें छोड़ दिया है।” “तुम्हारी सभी पत्नियाँ और तुम्हारे बच्चे बाहर लाये जाएंगे। वे बाबुल सेना को दे दिये जाएंगे। तुम स्वयं बाबुल की सेना से बचकर नहीं निकल पाओगे। तुम बाबुल के राजा द्वारा पकड़े जाओगे और यरूशलेम जलाकर राख कर दिया जाएगा।” तब सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, “किसी व्यक्ति से यह मत कहना कि मैं तुमसे बातें करता रहा। यदि तुम कहोगे तो तुम मारे जाओगे। वे अधिकारी पता लगा सकते हैं कि मैंने तुमसे बातें कीं। तब वे तुम्हारे पास आएंगे और तुमसे कहेंगे, ‘यिर्मयाह, यह बताओ कि तुमने राजा सिदकिय्याह से क्या कहा और हमें यह बताओ कि राजा सिदकिय्याह ने तुमसे क्या कहा हम लोगों के प्रति ईमानदार रहो और हमें सब कुछ बता दो, नहीं तो हम तुम्हें मार डालेंगे।’ यदि वे तुमसे ऐसा कहें तो उनसे कहना, ‘मैं राजा से प्रार्थना कर रहा था कि वे मुझे योनातान के घर के नीचे कूप—गृह में वापस न भेजें। यदि मुझे वहाँ वापस जाना पड़ा तो मैं मर जाऊँगा।’” ऐसा हुआ कि राजा के वे राजकीय अधिकारी यिर्मयाह से पूछने उसके पास आ गए। अत: यिर्मयाह ने वह सब कहा जिसे कहने का आदेश राजा ने दिया था। तब उन अधिकारियों ने यिर्मयाह को अकेले छोड़ दिया। किसी व्यक्ति को पता न चला कि यिर्मयाह और राजा ने क्या बातें कीं। इस प्रकार यिर्मयाह रक्षकों के संरक्षण में मन्दिर के आँगन में उस दिन तक रहा जिस दिन यरूशलेम पर अधिकार कर लिया गया।
यिर्मयाह 38:6-28 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
अत: उच्चाधिकारियों ने यिर्मयाह को पकड़ा, और रस्सियों से बांध कर राजकुमार मल्कियाह के अंधे-कुंएं में डाल दिया। यह कुआँ राजमहल के पहरे के आंगन में था। उसमें पानी नहीं, बल्कि कीचड़ ही कीचड़ था। यिर्मयाह कीचड़ में धंस गए। एबेद-मेलेक नामक एक खोजा था। वह कूश देश का निवासी था। वह उस समय राजभवन में था। जब उसने सुना कि यिर्मयाह अंधे-कुएं में डाल दिए गए हैं, तब वह राजभवन से बाहर निकला, और राजा के पास गया। उस समय राजा बिन्यामिन द्वार पर न्यायासन पर बैठा था। एबेदमेलेक ने राजा से निवेदन किया, ‘महाराज, मेरे मालिक, इन उच्चाधिकारियों ने नबी यिर्मयाह को अन्धे-कुएं में डाल कर बुरा काम किया है। नबी यिर्मयाह अंधे-कुएं में भूख से मर जाएंगे; नगर में भी रोटी का काल पड़ गया है।’ तब राजा ने एबेदमेलेक को आदेश दिया, ‘तुम यहां से तीन सिपाही अपने साथ ले जाओ, और मरने से पहले यिर्मयाह को अंधे-कुएं से निकाल लो।’ अत: एबेदमेलेक तीन सिपाहियों को ले कर राजमहल में गया। वहां वह भण्डारगृह के तलघर में गया। वहां से उस ने फटे पुराने कपड़े और चिथड़े निकाले, और उन को रस्सियों के सहारे यिर्मयाह के पास अंधे-कुएं में उतार दिया। एबेदमेलेक ने पुकार कर यिर्मयाह से कहा, ‘ये फटे-पुराने कपड़े और चिथड़े अपनी कांखों में रस्सी के नीचे रख लीजिए।’ यिर्मयाह ने ऐसा ही किया। तब उन्होंने रस्सी के सहारे यिर्मयाह को ऊपर खींचा, और यों उनको अंधे-कुएं से बाहर निकाल लिया। यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में फिर रहने लगे। राजा सिदकियाह ने सन्देश भेज कर नबी यिर्मयाह को बुलाया, और प्रभु भवन के तीसरे प्रवेश-द्वार पर उनसे भेंट की। राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह से कहा, ‘मैं तुमसे एक प्रश्न पूछ रहा हूं; मुझसे कुछ मत छिपाना।’ यिर्मयाह ने सिदकियाह को उत्तर दिया, ‘महाराज, अगर मैं सच बात आप से कहूं, तो आप निस्सन्देह मेरा वध कर देंगे। और अगर मैं आप को कोई सलाह दूं, तो वह भी आप नहीं मानेंगे।’ तब राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह से गुप्त शपथ खाई। उसने कहा, ‘जिसने हमारा यह जीव रचा है, उस जीवंत प्रभु की सौगन्ध, मैं तुम्हारा वध नहीं करूंगा, और न तुम्हारे शत्रुओं के हाथ में तुम्हें सौंपूंगा, जो तुम्हारे प्राण के ग्राहक हैं।’ अत: यिर्मयाह ने सिदकियाह से कहा, ‘इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर यों कहता है: यदि तू बेबीलोन के उच्चाधिकारियों के सम्मुख समर्पण कर देगा, तो तेरा प्राण बच जाएगा, और यह नगर आग से भस्म नहीं होगा; तू और तेरा परिवार जीवित रहेगा। किन्तु यदि तू बेबीलोन के उच्चाधिकारियों के सम्मुख समर्पण नहीं करेगा, तो मैं यह नगर कसदी सेना के हाथ में सौंप दूंगा। कसदी सैनिक इस नगर को आग में भस्म कर देंगे, और तू उनके हाथ से नहीं बच सकेगा।’ राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह से कहा, ‘तुम्हारी सलाह उचित है। लेकिन मैं उन यहूदा-वासियों से डरता हूं, जो कसदियों से मिल गए हैं। ये कसदी अधिकारी मुझे उनके हाथ में सौंप देंगे और यहूदा-वासी मेरी हंसी उड़ाएंगे।’ यिर्मयाह ने उत्तर दिया, ‘महाराज, कसदी उच्चाधिकारी आपको उनके हाथ में नहीं सौंपेंगे। कृपया, प्रभु की वाणी पर ध्यान दीजिए। जो प्रभु का वचन मैंने आप से कहा है, उस पर विश्वास कीजिए। आप का भला होगा, और आपका प्राण जीवित रहेगा। किन्तु आप कसदी सेना की शरण में जाने से इन्कार करेंगे तब क्या होगा, उसका दृश्य प्रभु ने मुझे यों दिखाया है : ‘यहूदा प्रदेश के महल की बची हुई राज महिलाएं बेबीलोन के राजाओं के उच्चाधिकारियों के हरम में लाई जा रही हैं, और वे तुम से यह कह रही हैं : “महाराज, आपके विश्वस्त मित्रों ने आपको धोखा दिया; और यों उनकी इच्छा पूरी हुई। अब, जब आपके पैर कीचड़ में धंस गए, तो वे आपको अकेला छोड़कर भाग गए।” ‘मैंने यह भी देखा : आप की सब स्त्रियों और राजकुमारों को कसदी सैनिकों ने पकड़ा, और वे उनको अपनी सेना-शिविर में लाए। महाराज, आप भी उनके हाथ से नहीं बचे, और बेबीलोन के राजा ने आप को बन्दी बना लिया। यह नगर आप के कारण आग में भस्म हो गया।’ राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह से कहा, ‘देखो, किसी भी आदमी को तुम्हारी ये बातें मालूम न हों, अन्यथा मेरे उच्चाधिकारी तुम्हें मार डालेंगे। यदि वे यह सुनेंगे कि मैंने तुमसे गुप्त मंत्रणा की है, तो वे तुम्हारे पास आएंगे और तुमसे यह पूछेंगे कि तुमने मुझसे क्या-क्या कहा और मैंने तुमसे क्या कहा है। वे तुमसे कहेंगे, “हम से मत छिपाओ : हम तुम्हारा वध नहीं करेंगे। हमें यह भी बताओ कि महाराज ने तुमसे क्या कहा है।” यिर्मयाह, यदि मेरे उच्चाधिकारी तुमसे पूछें तो तुम केवल यही कहना कि तुमने मुझसे विनती की है कि मैं तुम्हें योनातान के मकान में न भेजूं अन्यथा तुम मर जाओगे।’ ऐसा ही हुआ। उच्चाधिकारी यिर्मयाह के पास आए। उन्होंने यिर्मयाह से पूछा कि राजा और उसके बीच क्या-क्या बातें हुईं। यिर्मयाह ने राजा सिदकियाह के परामर्श के अनुसार उसकी बातें दुहरा दीं, जो उसने यिर्मयाह से कही थीं। अत: उन्होंने यिर्मयाह से पूछना छोड़ दिया, और गुप्त मंत्रणा की बात न खुली। जिस दिन यरूशलेम नगर पर कसदी सेना का कब्जा हुआ, उस दिन तक यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में रहे।
यिर्मयाह 38:6-28 Hindi Holy Bible (HHBD)
तब उन्होंने यिर्मयाह को ले कर राजपुत्र मल्किय्याह के उस गड़हे में जो पहरे के आंगन में था, रस्सियों से उतार कर डाल दिया। और उस गड़हे में पानी नहीं केवल दलदल था, और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया। उस समय राजा बिन्यामीन के फाटक के पास बैठा था सो जब एबेदमेलेक कूशी ने जो राजभवन में एक खोजा था, सुना, कि उन्होंने यिर्मयाह को गड़हे में डाल दिया है--- तब एबेदमेलेक राजभवन से निकल कर राजा से कहने लगा, हे मेरे स्वामी, हे राजा, उन लोगों ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता से जो कुछ किया है वह बुरा किया है, क्योंकि उन्होंने उसको गड़हे में डाल दिया है; वहां वह भूख से मर जाएगा क्योंकि नगर में कुछ रोटी नहीं रही है। तब राजा ने एबेदमेलेक कूशी को यह आज्ञा दी कि यहां से तीस पुरुष साथ ले कर यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को मरने से पहिले गड़हे में से निकाल। सो एबेदमेलेक उतने पुरुषों को साथ ले कर राजभवन के भण्डार के तलघर में गया; और वहां से फटे-पुराने कपड़े और चिथड़े ले कर यिर्मयाह के पास उस गड़हे में रस्सियों से उतार दिए। और एबेदमेलेक कूशी ने यिर्मयाह से कहा, ये पुराने कपड़े और चिथढ़े अपनी कांखों में रस्सियों के नीचे रख ले। सो यिर्मयाह ने वैसा ही किया। तब उन्होंने यिर्मयाह को रस्सियों से खींच कर, गड़हे में से निकाला। और यिर्मयाह पहरे के आंगन में रहने लगा। सिदकिय्याह राजा ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को यहोवा के भवन के तीसरे द्वार में अपने पास बुलवा भेजा। और राजा ने यिर्मयाह से कहा, मैं तुझ से एक बात पुछता हूँ; मुझ से कुछ न छिपा। यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, यदि मैं तुझे बताऊं, तो क्या तू मुझे मरवा न डालेगा? और चाहे मैं तुझे सम्मति भी दूं, तौभी तू मेरी न मानेगा। तब सिदकिय्याह राजा ने अकेले में यिर्मयाह से शपथ खाई, यहोवा जिसने हमारा यह जीव रचा है, उसके जीवन की सौगन्ध न मैं तो तुझे मरवा डालूंगा, और न उन मनुष्यों के वश में कर दूंगा जो तेरे प्राण के खोजी हैं। यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, सेनाओं का परमेश्वर यहोवा जो इस्राएल का परमेश्वर है, वह यों कहता है, यदि तू बाबुल के राजा के हाकिमों के पास सचमुच निकल जाए, तब तो तेरा प्राण बचेगा, और यह नगर फूंका न जाएगा, और तू अपने घराने समेत जीवित रहेगा। परन्तु, यदि तू बाबुल के राजा के हाकिमों के पास न निकल जाए, तो यह नगर कसदियों के वश में कर दिया जाएगा, ओर वे इसे फूंक देंगे, और तू उनके हाथ से बच न सकेगा। सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, जो यहूदी लोग कसदियोंके पास भाग गए हैं, मैं उन से डरता हूँ, ऐसा न हो कि मैं उनके वश में कर दिया जाऊं और वे मुझ से ठट्ठा करें। यिर्मयाह ने कहा, तू उनके वश में न कर दिया जाएगा; जो कुछ मैं तुझ से कहता हूँ उसे यहोवा की बात समझकर मान ले तब तेरा भला होगा, और तेरा प्राण बचेगा। और यदि तू निकल जाना स्वीकार न करे तो जो बात यहोवा ने मुझे दर्शन के द्वारा बताई है, वह यह है: देख, यहूदा के राजा के रनवास में जितनी स्त्रियां रह गई हैं, वे बाबुल के राजा के हाकिमों के पास निकाल कर पहुंचाई जाएंगी, और वे तुझ से कहेंगी, तेरे मित्रों ने तुझे बहकाया, और उनकी इच्छा पूरी हो गई; और जब तेरे पांव कीच में धंस गए तो वे पीछे फिर गए हैं। तेरी सब स्त्रियां और लड़के-बाले कसदियों के पास निकाल कर पहुंचाए जाएंगे; और तू भी कसदियों के हाथ से न बचेगा, वरन तू पकड़ कर बाबुल के राजा के वश में कर दिया जाएगा ओर इस नगर के फूंके जाने का कारण तू ही होगा। तब सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, इन बातों को कोई न जानने पाए, तो तू मारा न जाएगा। यदि हाकिम लोग यह सुन कर कि मैं ने तुझ से बातचीत की है तेरे पास आकर कहने लगें, हमें बता कि तू ने राजा से क्या कहा, हम से कोई बात न छिपा, और हम तुझे न मरवा डालेंगे; और यह भी बता, कि राजा ने तुझ से क्या कहा, तो तू उन से कहना, कि मैं ने राजा से गिड़गिड़ाकर बिनती की थी कि मुझे योनातान के घर में फिर बापिस न भेज नहीं तो वहां मर जाऊंगा। फिर सब हाकिमों ने यिर्मयाह के पास आकर पूछा, और जैसा राजा ने उसको आज्ञा दी थी, ठीक वैसा ही उसने उन को उत्तर दिया। सो वे उस से और कुछ न बोले और न वह भेद खुला। इस प्रकार जिस दिन यरूशलेम ले लिया गया उस दिन तक वह पहरे के आंगन ही में रहा।
यिर्मयाह 38:6-28 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
तब उन्होंने यिर्मयाह को लेकर राजपुत्र मल्किय्याह के उस गड़हे में जो पहरे के आँगन में था, रस्सियों से उतारकर डाल दिया। उस गड़हे में पानी नहीं केवल दलदल था, और यिर्मयाह कीचड़ में धँस गया। उस समय राजा बिन्यामीन के फाटक के पास बैठा था, इसलिये जब एबेदमेलेक कूशी ने जो राजभवन में एक खोजा था, सुना कि उन्होंने यिर्मयाह को गड़हे में डाल दिया है – तब एबेदमेलेक राजभवन से निकलकर राजा से कहने लगा, “हे मेरे स्वामी, हे राजा, उन लोगों ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता से जो कुछ किया है वह बुरा किया है, क्योंकि उन्होंने उसको गड़हे में डाल दिया है; वहाँ वह भूख से मर जाएगा क्योंकि नगर में कुछ रोटी नहीं रही है।” तब राजा ने एबेदमेलेक कूशी को यह आज्ञा दी, “यहाँ से तीस पुरुष साथ लेकर यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को मरने से पहले गड़हे में से निकाल।” अत: एबेदमेलेक उतने पुरुषों को साथ लेकर राजभवन के भण्डार के तलघर में गया; और वहाँ से फटे–पुराने कपड़े और चिथड़े लेकर यिर्मयाह के पास उस गड़हे में रस्सियों से उतार दिए। तब एबेदमेलेक कूशी ने यिर्मयाह से कहा, “ये पुराने कपड़े और चिथड़े अपनी काँखों में रस्सियों के नीचे रख ले।” यिर्मयाह ने वैसा ही किया। तब उन्होंने यिर्मयाह को रस्सियों से खींचकर, गड़हे में से निकाला; और यिर्मयाह पहरे के आँगन में रहने लगा। सिदकिय्याह राजा ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को यहोवा के भवन के तीसरे द्वार में अपने पास बुलवा भेजा। राजा ने यिर्मयाह से कहा, “मैं तुझ से एक बात पूछता हूँ; मुझ से कुछ न छिपा।” यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, “यदि मैं तुझे बताऊँ, तो क्या तू मुझे मरवा न डालेगा? चाहे मैं तुझे सम्मति भी दूँ, तौभी तू मेरी न मानेगा।” तब सिदकिय्याह राजा ने अकेले में यिर्मयाह से शपथ खाई, “यहोवा जिसने हमारा यह जीव रचा है, उसके जीवन की सौगन्ध न मैं तुझे मरवा डालूँगा और न उन मनुष्यों के वश में कर दूँगा जो तेरे प्राण के खोजी हैं।” तब यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, “सेनाओं का परमेश्वर यहोवा जो इस्राएल का परमेश्वर है, वह यों कहता है : यदि तू बेबीलोन के राजा के हाकिमों के पास सचमुच निकल जाए, तब तो तेरा प्राण बचेगा, और यह नगर फूँका न जाएगा, और तू अपने घराने समेत जीवित रहेगा। परन्तु, यदि तू बेबीलोन के राजा के हाकिमों के पास न निकल जाए, तो यह नगर कसदियों के वश में कर दिया जाएगा, और वे इसे फूँक देंगे, और तू उनके हाथ से बच न सकेगा।” सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, “जो यहूदी लोग कसदियों के पास भाग गए हैं, मैं उनसे डरता हूँ, ऐसा न हो कि मैं उनके वश में कर दिया जाऊँ और वे मुझ से ठट्ठा करें।” यिर्मयाह ने कहा, “तू उनके वश में न कर दिया जाएगा; जो कुछ मैं तुझ से कहता हूँ उसे यहोवा की बात समझकर मान ले तब तेरा भला होगा, और तेरा प्राण बचेगा। पर यदि तू निकल जाना स्वीकार न करे तो जो बात यहोवा ने मुझे दर्शन के द्वारा बताई है, वह यह है : देख, यहूदा के राजा के रनवास में जितनी स्त्रियाँ रह गई हैं, वे बेबीलोन के राजा के हाकिमों के पास निकाल कर पहुँचाई जाएँगी, और वे तुझ से कहेंगी, ‘तेरे मित्रों ने तुझे बहकाया, और उनकी इच्छा पूरी हो गई; और जब तेरे पाँव कीच में धँस गए तो वे पीछे फिर गए हैं।’ तेरी सब स्त्रियाँ और बाल–बच्चे कसदियों के पास निकाल कर पहुँचाए जाएँगे; और तू भी कसदियों के हाथ से न बचेगा, वरन् तू पकड़कर बेबीलोन के राजा के वश में कर दिया जाएगा और इस नगर के फूँके जाने का कारण तू ही होगा।” तब सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, “इन बातों को कोई न जानने पाए, नहीं तो तू मारा जाएगा। यदि हाकिम लोग यह सुनकर कि मैं ने तुझ से बातचीत की है तेरे पास आकर कहने लगें, ‘हमें बता कि तू ने राजा से क्या कहा, हम से कोई बात न छिपा, और हम तुझे न मरवा डालेंगे; और यह भी बता कि राजा ने तुझ से क्या कहा,’ तो तू उनसे कहना, ‘मैं ने राजा से गिड़गिड़ाकर विनती की थी कि मुझे योनातान के घर में फिर वापिस न भेज नहीं तो वहाँ मर जाऊँगा।’ ” तब सब हाकिमों ने यिर्मयाह के पास आकर पूछा, और जैसा राजा ने उसको आज्ञा दी थी, ठीक वैसा ही उसने उनको उत्तर दिया। इसलिए वे उससे और कुछ न बोले और न वह भेद खुला। इस प्रकार जिस दिन यरूशलेम ले लिया गया उस दिन तक वह पहरे के आँगन ही में रहा।
यिर्मयाह 38:6-28 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
तब उन्होंने यिर्मयाह को लेकर राजपुत्र मल्किय्याह के उस गड्ढे में जो पहरे के आँगन में था, रस्सियों से उतारकर डाल दिया। और उस गड्ढे में पानी नहीं केवल दलदल था, और यिर्मयाह कीचड़ में धँस गया। उस समय राजा बिन्यामीन के फाटक के पास बैठा था सो जब एबेदमेलेक कूशी ने जो राजभवन में एक खोजा था, सुना, कि उन्होंने यिर्मयाह को गड्ढे में डाल दिया है। तब एबेदमेलेक राजभवन से निकलकर राजा से कहने लगा, “हे मेरे स्वामी, हे राजा, उन लोगों ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता से जो कुछ किया है वह बुरा किया है, क्योंकि उन्होंने उसको गड्ढे में डाल दिया है; वहाँ वह भूख से मर जाएगा क्योंकि नगर में कुछ रोटी नहीं रही है।” तब राजा ने एबेदमेलेक कूशी को यह आज्ञा दी, “यहाँ से तीस पुरुष साथ लेकर यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को मरने से पहले गड्ढे में से निकाल।” अतः एबेदमेलेक उतने पुरुषों को साथ लेकर राजभवन के भण्डार के तलघर में गया; और वहाँ से फटे-पुराने कपड़े और चिथड़े लेकर यिर्मयाह के पास उस गड्ढे में रस्सियों से उतार दिए। तब एबेदमेलेक कूशी ने यिर्मयाह से कहा, “ये पुराने कपड़े और चिथड़े अपनी कांखों में रस्सियों के नीचे रख ले।” यिर्मयाह ने वैसा ही किया। तब उन्होंने यिर्मयाह को रस्सियों से खींचकर, गड्ढे में से निकाला। और यिर्मयाह पहरे के आँगन में रहने लगा। सिदकिय्याह राजा ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को यहोवा के भवन के तीसरे द्वार में अपने पास बुलवा भेजा। और राजा ने यिर्मयाह से कहा, “मैं तुझ से एक बात पूछता हूँ; मुझसे कुछ न छिपा।” यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, “यदि मैं तुझे बताऊँ, तो क्या तू मुझे मरवा न डालेगा? और चाहे मैं तुझे सम्मति भी दूँ, तो भी तू मेरी न मानेगा।” तब सिदकिय्याह राजा ने अकेले में यिर्मयाह से शपथ खाई, “यहोवा जिसने हमारा यह जीव रचा है, उसके जीवन की सौगन्ध न मैं तो तुझे मरवा डालूँगा, और न उन मनुष्यों के वश में कर दूँगा जो तेरे प्राण के खोजी हैं।” यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, “सेनाओं का परमेश्वर यहोवा जो इस्राएल का परमेश्वर है, वह यह कहता है, यदि तू बाबेल के राजा के हाकिमों के पास सचमुच निकल जाए, तब तो तेरा प्राण बचेगा, और यह नगर फूँका न जाएगा, और तू अपने घराने समेत जीवित रहेगा। परन्तु, यदि तू बाबेल के राजा के हाकिमों के पास न निकल जाए, तो यह नगर कसदियों के वश में कर दिया जाएगा, ओर वे इसे फूँक देंगे, और तू उनके हाथ से बच न सकेगा।” सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, “जो यहूदी लोग कसदियों के पास भाग गए हैं, मैं उनसे डरता हूँ, ऐसा न हो कि मैं उनके वश में कर दिया जाऊँ और वे मुझसे ठट्ठा करें।” यिर्मयाह ने कहा, “तू उनके वश में न कर दिया जाएगा; जो कुछ मैं तुझ से कहता हूँ उसे यहोवा की बात समझकर मान ले तब तेरा भला होगा, और तेरा प्राण बचेगा। पर यदि तू निकल जाना स्वीकार न करे तो जो बात यहोवा ने मुझे दर्शन के द्वारा बताई है, वह यह है: देख, यहूदा के राजा के रनवास में जितनी स्त्रियाँ रह गई हैं, वे बाबेल के राजा के हाकिमों के पास निकालकर पहुँचाई जाएँगी, और वे तुझ से कहेंगी, ‘तेरे मित्रों ने तुझे बहकाया, और उनकी इच्छा पूरी हो गई; और जब तेरे पाँव कीच में धँस गए तो वे पीछे फिर गए हैं।’ तेरी सब स्त्रियाँ और बाल-बच्चे कसदियों के पास निकालकर पहुँचाए जाएँगे; और तू भी कसदियों के हाथ से न बचेगा, वरन् तुझे पकड़कर बाबेल के राजा के वश में कर दिया जाएगा और इस नगर के फूँके जाने का कारण तू ही होगा।” तब सिदकिय्याह ने यिर्मयाह से कहा, “इन बातों को कोई न जानने पाए, तो तू मारा न जाएगा। यदि हाकिम लोग यह सुनकर कि मैंने तुझ से बातचीत की है तेरे पास आकर कहने लगें, ‘हमें बता कि तूने राजा से क्या कहा, हम से कोई बात न छिपा, और हम तुझे न मरवा डालेंगे; और यह भी बता, कि राजा ने तुझ से क्या कहा,’ तो तू उनसे कहना, ‘मैंने राजा से गिड़गिड़ाकर विनती की थी कि मुझे योनातान के घर में फिर वापिस न भेज नहीं तो वहाँ मर जाऊँगा।’” फिर सब हाकिमों ने यिर्मयाह के पास आकर पूछा, और जैसा राजा ने उसको आज्ञा दी थी, ठीक वैसा ही उसने उनको उत्तर दिया। इसलिए वे उससे और कुछ न बोले और न वह भेद खुला। इस प्रकार जिस दिन यरूशलेम ले लिया गया उस दिन तक वह पहरे के आँगन ही में रहा।
यिर्मयाह 38:6-28 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
तब उन्होंने येरेमियाह को पकड़कर एक अंधे कुएं में डाल दिया, यह राजपुत्र मालखियाह का अंधा कुंआ था. यह पहरे के आंगन में ही था; उन्होंने येरेमियाह को इसमें रस्सियों द्वारा उतार दिया. इस अंधे कुएं में जल नहीं, मात्र कीचड़ ही शेष रह गया था ओर येरेमियाह उस कीचड़ में धंस गए. किंतु महलों में नियुक्त एबेद-मेलेख नामक कूश देशवासी खोजे को यह ज्ञात हो गया कि उन्होंने येरेमियाह को अंधे कुएं में डाल दिया है. इस समय राजा बिन्यामिन प्रवेश द्वार पर आसन लगाए हुए था, एबेद-मेलेख ने महलों से जाकर राजा से यह कहा, “मेरे स्वामी, महाराज, इन लोगों ने आरंभ ही से भविष्यद्वक्ता येरेमियाह के साथ जो कुछ किया है, दुष्टतापूर्ण कृत्य ही किया है. जिन्हें इन्होंने अब अंधे कुएं में डाल दिया है, वहां तो भूख से उनकी मृत्यु निश्चित है, नगर में वैसे भी अब रोटी शेष रह ही नहीं गई है.” यह सुन राजा ने कूश देशवासी एबेद-मेलेख को आदेश दिया, “अपने साथ तीस पुरुषों को अपने अधिकार में लेकर जाओ और भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को अंधे कुएं से बाहर निकाल लो, इसके पूर्व कि उनकी वहीं मृत्यु हो जाए.” तब एबेद-मेलेख अपने साथ के व्यक्ति लेकर महल में गया. वहां जाकर उसने महलों के भण्डारगृह के नीचे निर्मित एक कक्ष में से कुछ चिथड़े निकाले और उन्हें रस्सियों द्वारा अंधे कुएं में येरेमियाह तक पहुंचा दिया. तत्पश्चात कूश देशवासी एबेद-मेलेख ने येरेमियाह से कहा, “इन पुराने वस्त्रों को रस्सियों के नीचे अपनी बगलों में दबा लीजिए.” येरेमियाह ने ऐसा ही किया, तब उन्होंने येरेमियाह को रस्सियों से ऊपर खींच लिया और उन्हें अंधे कुएं से बाहर निकाल लिया. येरेमियाह तब पहरे के आंगन में ही ठहरे रहे. कुछ समय बाद राजा सीदकियाहू ने भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को याहवेह के भवन के तीसरे प्रवेश द्वार पर बुलवाया. राजा ने येरेमियाह से कहा, “मैं आपसे कुछ प्रश्न करूंगा, मुझसे कुछ न छिपाइए.” येरेमियाह ने सीदकियाहू से ही प्रश्न किया, “जब मैं आपको उत्तर दूंगा, क्या यह सुनिश्चित नहीं है कि आप मेरा वध करवा ही देंगे? इसके सिवा यदि मैं आपको कोई परामर्श दूंगा, आप तो उसका पालन करेंगे नहीं.” किंतु राजा सीदकियाहू ने गुप्त में येरेमियाह से शपथ खाते हुए कहा: “जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने आपको और मुझे जीवन दिया है, यह निश्चित है, कि मैं न तो आपका वध करवाऊंगा न ही आपको इन व्यक्तियों के हाथों में सौंपूंगा, जो आपके प्राण लेने को तैयार हैं.” तब येरेमियाह ने सीदकियाहू को उत्तर दिया, “इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का संदेश यह है: ‘सत्य यह है कि यदि आप बाहर जाएं और बाबेल के राजा के अधिकारियों के समक्ष समर्पण कर दें, तब आप जीवित रहेंगे, यह नगर अग्नि के द्वारा भस्म नहीं किया जाएगा और तब आप और आपका परिवार जीवित रह सकेगा. किंतु यदि आप बाहर जाकर बाबेल के राजा के अधिकारियों के समक्ष समर्पण नहीं करते, तो यह नगर कसदियों को सौंप दिया जाएगा; वे इसे अग्नि से भस्म कर देंगे तथा स्वयं आप भी उनके हाथों से बच निकल न सकेंगे.’ ” तब राजा सीदकियाहू ने येरेमियाह से कहा, “मुझे भय है उन यहूदियों से जो कसदियों से जा मिले हैं, यह संभव है कि कसदी मुझे उनके हाथों में सौंप दें और वे मेरी हालत बुरी कर दें.” “कसदी आपको उनके हाथों में नहीं सौंपेंगे.” येरेमियाह ने उसे उत्तर दिया. “आप कृपा कर मेरे कहे अनुसार याहवेह के आदेश का पालन कीजिए, कि आपका कल्याण हो और आप जीवित रहें. किंतु यदि आप बाहर जाने को टालते रहेंगे, तो याहवेह द्वारा आपके लिए मुझे दिया गया संदेश यह है: तब आप देखना, यहूदिया के राजा के महलों में जितनी भी स्त्रियां शेष रह गई है, वे बाबेल के राजा के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी. जब वे यहां से जा रही होंगी, वे इस प्रकार कटाक्ष करेंगी: “ ‘तुम्हारे घनिष्ठ मित्रों ने ही तुम्हें दूर— तथा आक्रांत कर दिया है. जब तुम्हारे कदम दलदल में फंसे हुए थे; वे तुम्हें पीठ दिखाकर चले गए.’ “वे तुम्हारी पत्नियों एवं बालकों को निकालकर कसदियों को सौंप देंगे. आप स्वयं उनसे छूटकर बच न सकेंगे, बल्कि तुम बाबेल के राजा द्वारा बंदी बना लिए जाओगे; यह नगर अग्नि से भस्म कर दिया जाएगा.” यह सुन सीदकियाहू ने येरेमियाह से कहा, “किसी को भी इस वार्तालाप के विषय में ज्ञात न होने पाए, आपकी मृत्यु न होगी. किंतु फिर भी, यदि अधिकारियों को यह ज्ञात हो जाए कि मैंने आपसे वार्तालाप किया है और तब वे आकर आपसे आग्रह करेंगे, ‘अब तो हमें बता दो, कि तुमने राजा को क्या-क्या बता दिया है और राजा ने तुमसे क्या-क्या कहा है; यदि तुम हमसे कुछ नहीं छिपाओगे तो हम तुम्हारा वध नहीं करेंगे,’ तब तुम्हारा प्रत्युत्तर यह होगा, ‘मैं राजा के समक्ष अपनी याचना प्रस्तुत कर रहा था, कि मुझे पुनः योनातन के आवास में न भेजा जाए, कि वहां मेरी मृत्यु हो जाए.’ ” तब सभी अधिकारी येरेमियाह के पास आ गए और उनसे पूछताछ करने लगे, येरेमियाह ने उन्हें वही उत्तर दिया, जैसा उन्हें राजा द्वारा निर्देश दिया गया था. तब उन्होंने पूछताछ बंद कर दी, क्योंकि वस्तुस्थिति यही थी, कि किसी को भी यह ज्ञात न था कि राजा तथा येरेमियाह के मध्य वार्तालाप विषय वास्तव में क्या था. येरेमियाह येरूशलेम के पतन के दिन तक पहरे के आंगन में ही निवास करते रहे.