योहन 1:35-46

योहन 1:35-46 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे, और उसने यीशु पर जो जा रहा था, दृष्‍टि करके कहा, “देखो, यह परमेश्‍वर का मेम्ना है।” तब वे दोनों चेले उसकी यह सुनकर यीशु के पीछे हो लिए। यीशु ने मुड़कर उनको पीछे आते देखा और उनसे कहा, “तुम किसकी खोज में हो?” उन्होंने उससे कहा, “हे रब्बी (अर्थात् हे गुरु), तू कहाँ रहता है?” उसने उनसे कहा, “चलो, तो देख लोगे।” तब उन्होंने जाकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसके साथ रहे। यह दसवें घंटे के लगभग था। उन दोनों में से, जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिए थे, एक शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था। उसने पहले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उस से कहा, “हम को ख्रिस्त, अर्थात् मसीह, मिल गया।” वह उसे यीशु के पास लाया। यीशु ने उस पर दृष्‍टि करके कहा, “तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है : तू कैफा* अर्थात् पतरस कहलाएगा। दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा। वह फिलिप्पुस से मिला और कहा, “मेरे पीछे हो ले।” फिलिप्पुस, अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था। फिलिप्पुस नतनएल से मिला और उस से कहा, “जिस का वर्णन मूसा ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्‍ताओं ने किया है, वह हम को मिल गया; वह यूसुफ का पुत्र, यीशु नासरी है।” नतनएल ने उस से कहा, “क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है?” फिलिप्पुस ने उस से कहा, “चलकर देख ले।”

योहन 1:35-46 पवित्र बाइबल (HERV)

अगले दिन यूहन्ना अपने दो चेलों के साथ वहाँ फिर उपस्थित था। जब उसने यीशु को पास से गुजरते देखा, उसने कहा, “देखो परमेश्वर का मेमना।” जब उन दोनों चेलों ने उसे यह कहते सुना तो वे यीशु के पीछे चल पड़े। जब यीशु ने मुड़कर देखा कि वे पीछे आ रहे हैं तो उनसे पूछा, “तुम्हें क्या चाहिये?” उन्होंने जवाब दिया, “रब्बी, तेरा निवास कहाँ है?” (“रब्बी” अर्थात् “गुरु।”) यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “आओ और देखो” और वे उसके साथ हो लिये। उन्होंने देखा कि वह कहाँ रहता है। उस दिन वे उसके साथ ठहरे क्योंकि लगभग शाम के चार बज चुके थे। जिन दोनों ने यूहन्ना की बात सुनी थी और यीशु के पीछे गये थे उनमें से एक शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था। उसने पहले अपने भाई शमौन को पाकर उससे कहा, “हमें मसीह मिल गया है।” (“मसीह” अर्थात् “ख्रीष्ट।”) फिर अन्द्रियास शमौन को यीशु के पास ले आया। यीशु ने उसे देखा और कहा, “तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है। तू कैफ़ा (“कैफ़ा” यानी “पतरस”) कहलायेगा।” अगले दिन यीशु ने गलील जाने का निश्चय किया। फिर फिलिप्पुस को पाकर यीशु ने उससे कहा, “मेरे पीछे चला आ।” फिलिप्पुस अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा से था। फिलिप्पुस को नतनएल मिला और उसने उससे कहा, “हमें वह मिल गया है जिसके बारे में मूसा ने व्यवस्था के विधान में और भविष्यवक्ताओं ने लिखा है। वह है यूसुफ का बेटा, नासरत का यीशु।” फिर नतनएल ने उससे पूछा, “नासरत से भी कोई अच्छी वस्तु पैदा हो सकती है?” फिलिप्पुस ने जवाब दिया, “जाओ और देखो।”

योहन 1:35-46 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

दूसरे दिन योहन फिर अपने दो शिष्‍यों के साथ खड़े थे। योहन ने येशु को जाते हुए देखा और कहा, “देखो परमेश्‍वर का मेमना!” दोनों शिष्‍य उनकी यह बात सुन कर येशु के पीछे हो लिये। येशु ने मुड़ कर उन्‍हें अपने पीछे आते देखा, तो कहा, “तुम क्‍या चाहते हो?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “रब्‍बी! (अर्थात् गुरु) आप कहाँ रहते हैं?” येशु ने उनसे कहा, “आओ और देखो।” उन्‍होंने जा कर देखा कि वह कहाँ रहते हैं और उस दिन वे उनके साथ रहे। उस समय शाम के लगभग चार बजे थे। जो शिष्‍य योहन की बात सुन कर येशु के पीछे हो लिये थे, उन दोनों में एक सिमोन पतरस का भाई अन्‍द्रेयास था। वह पहले अपने भाई सिमोन से मिला और उससे कहा, “हमें मसीह (अर्थात् परमेश्‍वर के अभिषिक्‍त जन) मिल गये हैं।” और वह उसे येशु के पास ले गया। येशु ने उसे ध्‍यान से देखा और कहा, “तुम योहन के पुत्र सिमोन हो। तुम केफा (अर्थात् चट्टान) कहलाओगे।” दूसरे दिन येशु ने गलील प्रदेश जाने का निश्‍चय किया। उनकी भेंट फिलिप से हुई। उन्‍होंने उससे कहा, “मेरे पीछे आओ।” फिलिप बेतसैदा नगर का निवासी था। वहाँ अन्‍द्रेयास और पतरस भी रहते थे। फिलिप नतनएल से मिला और बोला, “जिनके विषय में मूसा ने व्‍यवस्‍था में और नबियों ने भी लिखा है, वह हमें मिल गये हैं। वह नासरत-निवासी, युसुफ के पुत्र येशु हैं।” नतनएल ने उत्तर दिया, “क्‍या नासरत से कोई अच्‍छी वस्‍तु निकल सकती है?” फिलिप ने कहा, “आओ और स्‍वयं देख लो।”

योहन 1:35-46 Hindi Holy Bible (HHBD)

दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे। और उस ने यीशु पर जो जा रहा था दृष्टि करके कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है। तब वे दोनों चेले उस की यह सुनकर यीशु के पीछे हो लिए। यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्होंने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात (हे गुरू) तू कहां रहता है? उस ने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे। तब उन्होंने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था। उन दोनों में से जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिए थे, एक तो शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था। उस ने पहिले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उस से कहा, कि हम को ख्रिस्तुस अर्थात मसीह मिल गया। वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि करके कहा, कि तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है, तू केफा, अर्थात पतरस कहलाएगा॥ दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा; और फिलेप्पुस से मिलकर कहा, मेरे पीछे हो ले। फिलेप्पुस तो अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था। फिलेप्पुस ने नतनएल से मिलकर उस से कहा, कि जिस का वर्णन मूसा ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हम को मिल गया; वह यूसुफ का पुत्र, यीशु नासरी है। नतनएल ने उस से कहा, क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है? फिलेप्पुस ने उस से कहा, चलकर देख ले।

योहन 1:35-46 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे। और उसने यीशु पर जो जा रहा था, दृष्टि करके कहा, “देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है।” तब वे दोनों चेले उसकी सुनकर यीशु के पीछे हो लिए। यीशु ने मुड़कर और उनको पीछे आते देखकर उनसे कहा, “तुम किसकी खोज में हो?” उन्होंने उससे कहा, “हे रब्बी, (अर्थात् हे गुरु), तू कहाँ रहता है?” उसने उनसे कहा, “चलो, तो देख लोगे।” तब उन्होंने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था। उन दोनों में से, जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिए थे, एक शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था। उसने पहले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उससे कहा, “हमको ख्रिस्त अर्थात् मसीह मिल गया।” (यूह. 4:25) वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि करके कहा, “तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है, तू कैफा अर्थात् पतरस कहलाएगा।” दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा, और फिलिप्पुस से मिलकर कहा, “मेरे पीछे हो ले।” फिलिप्पुस तो अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था। फिलिप्पुस ने नतनएल से मिलकर उससे कहा, “जिसका वर्णन मूसा ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हमको मिल गया; वह यूसुफ का पुत्र, यीशु नासरी है।” (मत्ती 21:11) नतनएल ने उससे कहा, “क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है?” फिलिप्पुस ने उससे कहा, “चलकर देख ले।”

योहन 1:35-46 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

अगले दिन जब योहन अपने दो शिष्यों के साथ खड़े हुए थे, उन्होंने मसीह येशु को जाते हुए देखकर कहा, “वह देखो! परमेश्वर का मेमना!” यह सुनकर दोनों शिष्य मसीह येशु की ओर बढ़ने लगे. मसीह येशु ने उन्हें अपने पीछे आते देख उनसे पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने कहा, “गुरुवर, आप कहां रहते हैं?” मसीह येशु ने उनसे कहा, “आओ और देख लो.” इसलिये उन्होंने जाकर मसीह येशु का घर देखा और उस दिन उन्हीं के साथ रहे. यह दिन का लगभग दसवां घंटा था. योहन की गवाही सुनकर मसीह येशु के पीछे आ रहे दो शिष्यों में एक शिमओन पेतरॉस के भाई आन्द्रेयास थे. उन्होंने सबसे पहले अपने भाई शिमओन को खोजा और उन्हें सूचित किया, “हमें मसीह—परमेश्वर के अभिषिक्त—मिल गए हैं.” तब आन्द्रेयास उन्हें मसीह येशु के पास लाए. मसीह येशु ने शिमओन की ओर देखकर कहा, “तुम योहन के पुत्र शिमओन हो, तुम कैफ़स अर्थात् पेतरॉस कहलाओगे.” अगले दिन गलील जाते हुए मसीह येशु की भेंट फ़िलिप्पॉस से हुई. उन्होंने उनसे कहा, “मेरे पीछे हो ले.” आन्द्रेयास और शिमओन के समान फ़िलिप्पॉस भी बैथसैदा नगर के निवासी थे. फ़िलिप्पॉस ने नाथानाएल को खोज कर उनसे कहा, “जिनका वर्णन व्यवस्था में मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हमें मिल गए हैं—नाज़रेथ निवासी योसेफ़ के पुत्र येशु.” यह सुन नाथानाएल ने तुरंत उनसे पूछा, “क्या नाज़रेथ से कुछ भी उत्तम निकल सकता है?” “आकर स्वयं देख लो,” फ़िलिप्पॉस ने उत्तर दिया.