अय्यूब 32:6-9
अय्यूब 32:6-9 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
तब बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू कहने लगा, “मैं तो जवान हूँ, और तुम बहुत बूढ़े हो; इस कारण मैं रुका रहा, और अपना विचार तुम को बताने से डरता था। मैं सोचता था, ‘जो आयु में बड़े हैं वे ही बात करें, और जो बहुत वर्ष के हैं, वे ही बुद्धि सिखाएँ।’ परन्तु मनुष्य में आत्मा तो है ही, सर्वशक्तिमान की दी हुई साँस, जो उन्हें समझने की शक्ति देता है। जो बुद्धिमान हैं वे बड़ी आयु के लोग ही नहीं, और न्याय के समझनेवाले बूढ़े ही नहीं होते।
अय्यूब 32:6-9 पवित्र बाइबल (HERV)
सो एलीहू ने अपनी बात कहना शुरु किया। वह बोला: “मैं छोटा हूँ और तुम लोग मुझसे बड़े हो, मैं इसलिये तुमको वह बताने में डरता था जो मैं सोचता हूँ। मैंने मन में सोचा कि बड़े को पहले बोलना चाहिये, और जो आयु में बड़े है उनको अपने ज्ञान को बाँटना चाहिये। किन्तु व्यक्ति में परमेश्वर की आत्मा बुद्धि देती है और सर्वशक्तिशाली परमेश्वर का प्राण व्यक्ति को ज्ञान देता है। आयु में बड़े व्यक्ति ही नहीं ज्ञानी होते है। क्या बस बड़ी उम्र के लोग ही यह जानते हैं कि उचित क्या है?
अय्यूब 32:6-9 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
बूजी वंश के एलीहू बेन-बारकेल ने अय्यूब के मित्रों से यह कहा : ‘आप उम्र में मुझसे बड़े हैं, और मैं छोटा हूं। इसलिए मैं संकोच करता रहा, और आप लोगों पर अपना मत प्रकट करने से हिचकिचाता रहा। मैंने हृदय में सोचा, “जो आयु में बड़े हैं, पहले उनको बोलने दो; बड़े-बूढ़े ही बुद्धि की बातें सिखाएँ।” पर नहीं बुद्धि आयु से नहीं आती : मानव में आत्मा होती है; सर्वशक्तिमान परमेश्वर की सांस मनुष्य को समझने की शक्ति प्रदान करती है। यह बात सच नहीं है कि केवल बड़े-बूढ़े ही बुद्धिमान होते हैं, कि न्याय को समझने वाले वृद्ध ही होते हैं।
अय्यूब 32:6-9 Hindi Holy Bible (HHBD)
तब बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू कहने लगा, कि मैं तो जवान हूँ, और तुम बहुत बूढ़े हो; इस कारण मैं रुका रहा, और अपना विचार तुम को बताने से डरता था। मैं सोचता था, कि जो आयु में बड़े हैं वे ही बात करें, और जो बहुत वर्ष के हैं, वे ही बुद्धि सिखाएं। परन्तु मनुष्य में आत्मा तो है ही, और सर्वशक्तिमान अपनी दी हुई सांस से उन्हें समझने की शक्ति देता है। जो बुद्धिमान हैं वे बड़े बड़े लोग ही नहीं और न्याय के समझने वाले बूढ़े ही नहीं होते।
अय्यूब 32:6-9 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
तब बूजी बारकेल का पुत्र एलीहू कहने लगा, “मैं तो जवान हूँ, और तुम बहुत बूढ़े हो; इस कारण मैं रुका रहा, और अपना विचार तुम को बताने से डरता था। मैं सोचता था, ‘जो आयु में बड़े हैं वे ही बात करें, और जो बहुत वर्ष के हैं, वे ही बुद्धि सिखाएँ।’ परन्तु मनुष्य में आत्मा तो है ही, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपनी दी हुई साँस से उन्हें समझने की शक्ति देता है। जो बुद्धिमान हैं वे बड़े-बड़े लोग ही नहीं और न्याय के समझनेवाले बूढ़े ही नहीं होते।
अय्यूब 32:6-9 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
तब बुज़वासी बारकएल के पुत्र एलिहू ने कहना प्रारंभ किया: “मैं ठहरा कम उम्र का और आप सभी बड़े; इसलिये मैं झिझकता रहा और मैंने अपने विचार व्यक्त नहीं किए. मेरा मत यही था, ‘विचार वही व्यक्त करें, जो वर्षों में मुझसे आगे हैं, ज्ञान की शिक्षा वे ही दें, जो बड़े हैं.’ वस्तुतः सर्वशक्तिमान की श्वास तथा परमेश्वर का आत्मा ही है, जो मनुष्य में ज्ञान प्रगट करता है. संभावना तो यह है कि बड़े में विद्वत्ता ही न हो, तथा बड़े में न्याय की कोई समझ न हो.