अय्यूब 33:15-18
अय्यूब 33:15-18 Hindi Holy Bible (HHBD)
स्वप्न में, वा रात को दिए हुए दर्शन में, जब मनुष्य घोर निद्रा में पड़े रहते हैं, वा बिछौने पर सोते समय, तब वह मनुष्यों के कान खोलता है, और उनकी शिक्षा पर मुहर लगाता है, जिस से वह मनुष्य को उसके संकल्प से रोके और गर्व को मनुष्य में से दूर करे। वह उसके प्राण को गढ़हे से बचाता है, और उसके जीवन को खड़ग की मार से बचाता है।
अय्यूब 33:15-18 पवित्र बाइबल (HERV)
सम्भव है कि परमेश्वर स्वप्न में लोगों के कान में बोलता हो, अथवा किसी दिव्यदर्शन में रात को जब वे गहरी नींद में हों। जब परमेश्वर की चेतावनियाँ सुनते है तो बहुत डर जाते हैं। परमेश्वर लोगों को बुरी बातों को करने से रोकने को सावधान करता है, और उन्हें अहंकारी बनने से रोकने को। परमेश्वर लोगों को मृत्यु के देश में जाने से बचाने के लिये सावधान करता है। परमेश्वर मनुष्य को नाश से बचाने के लिये ऐसा करता है।
अय्यूब 33:15-18 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
स्वप्न में, रात के किसी दर्शन में जब मनुष्य गहरी नींद में सोया होता है, जब वह शय्या पर निद्रामग्न रहता है, तब परमेश्वर उसके कान खोलता है, वह उसको चेतावनी देकर ताड़ित करता है जिससे वह मनुष्य को उसके कुमार्ग से लौटा लाए और उसको अहंकार के जाल से मुक्त करे। परमेश्वर उसके प्राण को गड्ढे में गिरने से रोकता है; वह तलवार के वार से उसकी जीवन-रक्षा करता है।
अय्यूब 33:15-18 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
स्वप्न में, या रात को दिए हुए दर्शन में, जब मनुष्य घोर निद्रा में पड़े रहते हैं, या बिछौने पर सोते समय, तब वह मनुष्यों के कान खोलता है, और उनकी शिक्षा पर मुहर लगाता है, जिससे वह मनुष्य को उसके संकल्प से रोके और गर्व को मनुष्य में से दूर करे। वह उसके प्राण को गढ़हे से बचाता है, और उसके जीवन को तलवार की मार से बचाता है।
अय्यूब 33:15-18 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
स्वप्न में, या रात को दिए हुए दर्शन में, जब मनुष्य घोर निद्रा में पड़े रहते हैं, या बिछौने पर सोते समय, तब वह मनुष्यों के कान खोलता है, और उनकी शिक्षा पर मुहर लगाता है, जिससे वह मनुष्य को उसके संकल्प से रोके और गर्व को मनुष्य में से दूर करे। वह उसके प्राण को गड्ढे से बचाता है, और उसके जीवन को तलवार की मार से बचाता हे।
अय्यूब 33:15-18 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
कभी तो स्वप्न के माध्यम से, कभी रात्रि में प्रकाशित दर्शन के माध्यम से, जब मनुष्य घोर निद्रा में पड़ा रहता है, जब वह बिछौने पर नींद में डूबता है. तब परमेश्वर उसके कान को जागृत कर देते हैं. उसे चेतावनियों से भयभीत कर देते हैं, कि ऐसा करके वह मनुष्य को उसके आचरण से दूर कर दें तथा मनुष्य को अहंकार से बचा लें; परमेश्वर गड्ढे से मनुष्य की आत्मा की रक्षा कर लेते हैं, कि उसका जीवन अधोलोक में न चला जाए.