अय्‍यूब 40:3-24

अय्‍यूब 40:3-24 पवित्र बाइबल (HERV)

इस पर अय्यूब ने उत्तर देते हुए परमेश्वर से कहा: “मैं तो कुछ कहने के लिये बहुत ही तुच्छ हूँ। मैं तुझसे क्या कह सकता हूँ? मैं तुझे कोई उत्तर नहीं दे सकता। मैं अपना हाथ अपने मुख पर रख लूँगा। मैंने एक बार कहा किन्तु अब मैं उत्तर नहीं दूँगा। फिर मैंने दोबारा कहा किन्तु अब और कुछ नहीं बोलूँगा।” इसके बाद यहोवा ने आँधी में बोलते हुए अय्यूब से कहा: अय्यूब, तू पुरुष की तरह खड़ा हो, मैं तुझ से कुछ प्रश्न पूछूँगा और तू उन प्रश्नों का उत्तर मुझे देगा। अय्यूब क्या तू सोचता है कि मैं न्यायपूर्ण नहीं हूँ? क्या तू मुझे बुरा काम करने का दोषी मानता है ताकि तू यह दिखा सके कि तू उचित है? अय्यूब, बता क्या मेरे शस्त्र इतने शक्तिशाली हैं जितने कि मेरे शस्त्र हैं? क्या तू अपनी वाणी को उतना ऊँचा गरजा सकता है जितनी मेरी वाणी है? यदि तू वैसा कर सकता है तो तू स्वयं को आदर और महिमा दे तथा महिमा और उज्वलता को उसी प्रकार धारण कर जैसे कोई वस्त्र धारण करता है। अय्यूब, यदि तू मेरे समान है, तो अभिमानी लोगों से घृणा कर। अय्यूब, तू उन अहंकारी लोगों पर अपना क्रोध बरसा और उन्हें तू विनम्र बना दे। हाँ, अय्यूब उन अहंकारी लोगों को देख और तू उन्हें विनम्र बना दे। उन दुष्टों को तू कुचल दे जहाँ भी वे खड़े हों। तू सभी अभिमानियों को मिट्टी में गाड़ दे और उनकी देहों पर कफन लपेट कर तू उनको उनकी कब्रों में रख दे। अय्यूब, यदि तू इन सब बातों को कर सकता है तो मैं यह तेरे सामने स्वीकार करूँगा कि तू स्वयं को बचा सकता है। “अय्यूब, देख तू, उस जलगज को मैंने (परमेश्वर) ने बनाया है और मैंने ही तुझे बनाया है। जलगज उसी प्रकार घास खाती है, जैसे गाय घास खाती है। जलगज के शरीर में बहुत शक्ति होती है। उसके पेट की माँसपेशियाँ बहुत शक्तिशाली होती हैं। जलगज की पूँछ दृढ़ता से ऐसी रहती है जैसा देवदार का वृक्ष खड़ा रहता है। उसके पैर की माँसपेशियाँ बहुत सुदृढ़ होती हैं। जलगज की हड्‌डियाँ काँसे की भाँति सुदृढ़ होती है, और पाँव उसके लोहे की छड़ों जैसे। जलगज पहला पशु है जिसे मैंने (परमेश्वर) बनाया है किन्तु मैं उस को हरा सकता हूँ। जलगज जो भोजन करता है उसे उसको वे पहाड़ देते हैं जहाँ बनैले पशु विचरते हैं। जलगज कमल के पौधे के नीचे पड़ा रहता है और कीचड़ में सरकण्ड़ों की आड़ में छिपा रहता है। कमल के पौधे जलगज को अपनी छाया में छिपाते है। वह बाँस के पेड़ों के तले रहता हैं, जो नदी के पास उगा करते है। यदि नदी में बाढ़ आ जाये तो भी जल गज भागता नहीं है। यदि यरदन नदी भी उसके मुख पर थपेड़े मारे तो भी वह डरता नहीं है। जल गज की आँखों को कोई नहीं फोड़ सकता है और उसे कोई भी जाल में नहीं फँसा सकता।

अय्‍यूब 40:3-24 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तब अय्‍यूब ने प्रभु को उत्तर दिया, ‘प्रभु, मैं एक तुच्‍छ मनुष्‍य हूँ, मैं तुझे क्‍या उत्तर दे सकता हूँ? मैंने अपने ओंठ सिल लिये हैं। मैं एक बार बोल चुका हूँ अब कोई उत्तर नहीं दूँगा। दोबारा मैं बात को आगे नहीं बढ़ाऊंगा।’ तब प्रभु ने अय्‍यूब को बवण्‍डर में से उत्तर दिया, ‘वीर पुरुष की तरह कमर कसकर तैयार हो; मैं तुझसे प्रश्‍न पूछूँगा, और तुझे उत्तर देना होगा। क्‍या तू मेरे न्‍याय को व्‍यर्थ सिद्ध करेगा? तू स्‍वयं को निर्दोष ठहराकर मुझे दोषी प्रमाणित करेगा? क्‍या तेरा बाहुबल मेरे बराबर है? क्‍या तू मेरे समान गर्जना कर सकता है? ‘अय्‍यूब, अब अपने को महिमा और प्रताप से संवार; तू ऐश्‍वर्य और तेज के वस्‍त्र धारण कर! अपने क्रोध के उबाल को बाहर निकाल; प्रत्‍येक अहंकारी पर दृष्‍टि डाल, और उसको तुच्‍छ प्रमाणित कर। हर एक घमण्‍डी व्यक्‍ति पर नजर डाल, और उसको झुका दे; दुर्जन जिस स्‍थान पर खड़े हों, उनको वहीं कुचल दे। उन्‍हें एक साथ मिट्टी में मिला दे; उन्‍हें अतल गड्ढे में बांध दे! फिर मैं भी स्‍वीकार कर लूँगा कि तू अपने बल बूते पर अपना उद्धार कर सकता है। ‘उस दरियाई घोड़े को देख; मैंने उसको भी बनाया है, जैसे मैंने तुझको बनाया है। वह बैल के समान घास खाता है। उसकी कमर में उसकी शक्‍ति होती है; उसके पेट के पट्ठों में उसकी ताकत होती है। वह अपनी पूँछ को देवदार वृक्ष की तरह कड़ी कर लेता है; उसकी जांघों की नसें एक-दूसरे से मिली हुई हैं। उसकी हड्डियां पीतल की नलियों के समान हैं, उसकी पसलियाँ मानो लोहे की छड़े हैं। ‘वह मुझ-परमेश्‍वर की उत्‍कृष्‍ट रचना है; उसको बनाने वाला ही हाथ में तलवार लेकर उसके समीप जा सकता है। पर्वत उसके भोजन की व्‍यवस्‍था करते हैं; वहाँ अन्‍य वन-पशु भी कलोल करते हैं। वह कमल के पौधों के नीचे लेटता है, वह दलदल और नरकटों की आड़ में पड़ा रहता है। कमल के पौधे उस पर छाया करते हैं; नाले के मजनूं वृक्ष उसको घेरे रहते हैं। नदी में बाढ़ आने पर भी वह नहीं डरता; यर्दन नदी का जल उसके मुँह तक चढ़ आता है; तो भी वह विचलित नहीं होता। जब वह सावधान हो तब क्‍या कोई उसको पकड़ सकता है? क्‍या उसकी नाक छेद कर कोई व्यक्‍ति उसमें नथ डाल सकता है?

अय्‍यूब 40:3-24 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया: देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूं? मैं अपनी अंगुली दांत तले दबाता हूँ। एक बार तो मैं कह चुका, परन्तु और कुछ न कहूंगा: हां दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूंगा। तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यह उत्तर दिया: पुरुष की नाईं अपनी कमर बान्ध ले, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे बता। क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा? क्या तेरा बाहुबल ईश्वर के तुल्य है? क्या तू उसके समान शब्द से गरज सकता है? अब अपने को महिमा और प्रताप से संवार और ऐश्वर्य्य और तेज के वस्त्र पहिन ले। अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे, और एक एक घमण्डी को देखते ही उसे नीचा कर। हर एक घमण्डी को देख कर झुका दे, और दुष्ट लोगों को जहां खड़े हों वहां से गिरा दे। उन को एक संग मिट्टी में मिला दे, और उस गुप्त स्थान में उनके मुंह बान्ध दे। तब मैं भी तेरे विषय में मान लूंगा, कि तेरा ही दहिना हाथ तेरा उद्धार कर सकता है। उस जलगज को देख, जिस को मैं ने तेरे साथ बनाया है, वह बैल की नाईं घास खाता है। देख उसकी कटि में बल है, और उसके पेट के पट्ठों में उसकी सामर्थ्य रहती है। वह अपनी पूंछ को देवदार की नाईं हिलाता है; उसकी जांघों की नसें एक दूसरे से मिली हुई हैं। उसकी हड्डियां मानो पीतल की नलियां हैं, उसकी पसुलियां मानो लोहे के बेंड़े हैं। वह ईश्वर का मुख्य कार्य है; जो उसका सिरजनहार हो उसके निकट तलवार ले कर आए! निश्चय पहाड़ों पर उसका चारा मिलता है, जहां और सब वनपशु कालोल करते हैं। वह छतनार वृक्षों के तले नरकटों की आड़ में और कीच पर लेटा करता है छतनार वृक्ष उस पर छाया करते हैं, वह नाले के बेंत के वृक्षों से घिरा रहता है। चाहे नदी की बाढ़ भी हो तौभी वह न घबराएगा, चाहे यरदन भी बढ़ कर उसके मुंह तक आए परन्तु वह निर्भय रहेगा। जब वह चौकस हो तब क्या कोई उसको पकड़ सकेगा, वा फन्दे लगा कर उसको नाथ सकेगा?

अय्‍यूब 40:3-24 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया, “देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूँ? मैं अपनी अंगुली दाँत तले दबाता हूँ। एक बार तो मैं कह चुका, परन्तु और कुछ न कहूँगा : हाँ दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूँगा।” तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यह उत्तर दिया, “पुरुष के समान अपनी कमर बाँध ले, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे बता। क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा? क्या तेरा बाहुबल परमेश्‍वर के तुल्य है? क्या तू उसकी–सी बोली से गरज सकता है? “अब अपने को महिमा और प्रताप से सँवार और ऐश्‍वर्य और तेज के वस्त्र पहिन ले। अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे, और एक एक घमण्डी को देखते ही उसे नीचा कर। हर एक घमण्डी को देखकर झुका दे, और दुष्‍ट लोगों को जहाँ खड़े हों वहाँ से गिरा दे। उनको एक संग मिट्टी में मिला दे, और उस गुप्‍त स्थान में उनके मुँह बाँध दे। तब मैं भी तेरे विषय में मान लूँगा, कि तेरा ही दाहिना हाथ तेरा उद्धार कर सकता है। “उस जलगज को देख, जिसको मैं ने तेरे साथ बनाया है, वह बैल के समान घास खाता है। देख उसकी कटि में बल है, और उसके पेट के पट्ठों में उसकी सामर्थ्य रहती है। वह अपनी पूँछ को देवदार के समान हिलाता है; उसकी जाँघों की नसें एक दूसरे से मिली हुई हैं। उसकी हड्डियाँ मानो पीतल की नलियाँ हैं, उसकी पसलियाँ मानो लोहे के बेंड़े हैं। “वह परमेश्‍वर का मुख्य कार्य है; जो उसका सिरजनहार हो उसके निकट तलवार लेकर आए! निश्‍चय पहाड़ों पर उसका चारा मिलता है, जहाँ और सब वनपशु कलोल करते हैं। वह कमल के पौधों के नीचे रहता, और नरकटों की आड़ में और कीच पर लेटा करता है। कमल के पौधे उस पर छाया करते हैं, वह नाले के बेंत के वृक्षों से घिरा रहता है। चाहे नदी की बाढ़ भी हो तौभी वह न घबराएगा, चाहे यरदन भी बढ़कर उसके मुँह तक आए परन्तु वह निर्भय रहेगा। जब वह चौकस हो तब क्या कोई उसको पकड़ सकेगा, या फन्दे लगाकर उसको नाथ सकेगा?

अय्‍यूब 40:3-24 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया: “देख, मैं तो तुच्छ हूँ, मैं तुझे क्या उत्तर दूँ? मैं अपनी उँगली दाँत तले दबाता हूँ। एक बार तो मैं कह चुका, परन्तु और कुछ न कहूँगा: हाँ दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूँगा।” तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यह उत्तर दिया: “पुरुष के समान अपनी कमर बाँध ले, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे बता। (अय्यू. 38:3) क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा? क्या तेरा बाहुबल परमेश्वर के तुल्य है? क्या तू उसके समान शब्द से गरज सकता है? “अब अपने को महिमा और प्रताप से संवार और ऐश्वर्य और तेज के वस्त्र पहन ले। अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे, और एक-एक घमण्डी को देखते ही उसे नीचा कर। हर एक घमण्डी को देखकर झुका दे, और दुष्ट लोगों को जहाँ खड़े हों वहाँ से गिरा दे। उनको एक संग मिट्टी में मिला दे, और उस गुप्त स्थान में उनके मुँह बाँध दे। तब मैं भी तेरे विषय में मान लूँगा, कि तेरा ही दाहिना हाथ तेरा उद्धार कर सकता है। “उस जलगज को देख, जिसको मैंने तेरे साथ बनाया है, वह बैल के समान घास खाता है। देख उसकी कमर में बल है, और उसके पेट के पट्ठों में उसकी सामर्थ्य रहती है। वह अपनी पूँछ को देवदार के समान हिलाता है; उसकी जाँघों की नसें एक दूसरे से मिली हुई हैं। उसकी हड्डियाँ मानो पीतल की नलियाँ हैं, उसकी पसलियाँ मानो लोहे के बेंड़े हैं। “वह परमेश्वर का मुख्य कार्य है; जो उसका सृजनहार हो उसके निकट तलवार लेकर आए! निश्चय पहाड़ों पर उसका चारा मिलता है, जहाँ और सब वन पशु कलोल करते हैं। वह कमल के पौधों के नीचे रहता नरकटों की आड़ में और कीच पर लेटा करता है कमल के पौधे उस पर छाया करते हैं, वह नाले के बेंत के वृक्षों से घिरा रहता है। चाहे नदी की बाढ़ भी हो तो भी वह न घबराएगा, चाहे यरदन भी बढ़कर उसके मुँह तक आए परन्तु वह निर्भय रहेगा। जब वह चौकस हो तब क्या कोई उसको पकड़ सकेगा, या उसके नाथ में फंदा लगा सकेगा?

अय्‍यूब 40:3-24 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब अय्योब ने याहवेह को यह उत्तर दिया: “देखिए, मैं नगण्य बेकार व्यक्ति, मैं कौन होता हूं, जो आपको उत्तर दूं? मैं अपने मुख पर अपना हाथ रख लेता हूं. एक बार मैं धृष्टता कर चुका हूं अब नहीं, संभवतः दो बार, किंतु अब मैं कुछ न कहूंगा.” तब स्वयं याहवेह ने तूफान में से अय्योब को उत्तर दिया: “एक योद्धा के समान कटिबद्ध हो जाओ; अब प्रश्न पूछने की बारी मेरी है तथा सूचना देने की तुम्हारी. “क्या तुम वास्तव में मेरे निर्णय को बदल दोगे? क्या तुम स्वयं को निर्दोष प्रमाणित करने के लिए मुझे दोषी प्रमाणित करोगे? क्या, तुम्हारी भुजा परमेश्वर की भुजा समान है? क्या, तू परमेश्वर जैसी गर्जना कर सकेगा? तो फिर नाम एवं सम्मान धारण कर लो, स्वयं को वैभव एवं ऐश्वर्य में लपेट लो. अपने बढ़ते क्रोध को निर्बाध बह जाने दो, जिस किसी अहंकारी से तुम्हारा सामना हो, उसे झुकाते जाओ. हर एक अहंकारी को विनीत बना दो, हर एक खड़े हुए दुराचारी को पांवों से कुचल दो. तब उन सभी को भूमि में मिला दो; किसी गुप्‍त स्थान में उन्हें बांध दो. तब मैं सर्वप्रथम तुम्हारी क्षमता को स्वीकार करूंगा, कि तुम्हारा दायां हाथ तुम्हारी रक्षा के लिए पर्याप्‍त है. “अब इस सत्य पर विचार करो जैसे मैंने तुम्हें सृजा है, वैसे ही उस विशाल जंतु बहेमोथ को भी जो बैल समान घास चरता है. उसके शारीरिक बल पर विचार करो, उसकी मांसपेशियों की क्षमता पर विचार करो! उसकी पूंछ देवदार वृक्ष के समान कठोर होती है; उसकी जांघ का स्‍नायु-तंत्र कैसा बुना गया हैं. उसकी हड्डियां कांस्य की नलियां समान है, उसके अंग लोहे के छड़ के समान मजबूत हैं. वह परमेश्वर की एक उत्कृष्ट रचना है, किंतु उसका रचयिता उसे तलवार से नियंत्रित कर लेता है. पर्वत उसके लिए आहार लेकर आते हैं, इधर-उधर वन्य पशु फिरते रहते हैं. वह कमल के पौधे के नीचे लेट जाता है, जो कीचड़ तथा सरकंडों के मध्य में है. पौधे उसे छाया प्रदान करते हैं; तथा नदियों के मजनूं वृक्ष उसके आस-पास उसे घेरे रहते हैं. यदि नदी में बाढ़ आ जाए, तो उसकी कोई हानि नहीं होती; वह निश्चिंत बना रहता है, यद्यपि यरदन का जल उसके मुख तक ऊंचा उठ जाता है. जब वह सावधान सजग रहता है तब किसमें साहस है कि उसे बांध ले, क्या कोई उसकी नाक में छेद कर सकता है?