यहोशुअ 4:1-14

यहोशुअ 4:1-14 पवित्र बाइबल (HERV)

जब सभी लोगों ने यरदन नदी को पार कर लिया तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “लोगों में से बारह व्यक्ति चुनों। हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति चुनों। लोगों से कहो कि वे वहाँ नदी में देखें जहाँ याजक खड़े थे। उनसे वहाँ बारह शिलायें ढूँढ निकालने के लिए कहो। उन बारह शिलाओं को अपने साथ ले जाओ। उन बारह शिलाओं को उस स्थान पर रखो जहाँ तुम आज रात ठहरो।” इसलिए यहोशू ने हर एक परिवार समूह से एक व्यक्ति चुना। तब उसने बारह व्यक्तियों को एक साथ बुलाया। यहोशू ने उनसे कहा, “नदी में वहाँ तक जाओ जहाँ तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के पवित्र वाचा का सन्दूक है। तुममें से हर एक को एक शिला की खोज करनी चाहिये। इस्राएल के बारह परिवार समूहों में से हर एक के लिए एक शिला होगी। उस शिला को अपने कंधे पर लाओ। ये शिलायें तुम्हारे बीच चिन्ह होंगी। भविष्य में तुम्हारे बच्चे यह पूछेंगे, ‘इन शिलाओं का क्या महत्व है?’ बच्चों से कहो कि याहोवा ने यरदन नदी में पानी का बहना बन्द कर दिया था। जब यहोवा के साथ साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक ने नदी को पार किया तब पानी का बहना बन्द हो गया। ये शिलायें इस्राएल के लोगों को इस घटना की सदैव याद बनाये रखने में सहायता करेंगी।” इस प्रकार, इस्राएल के लोगों ने यहोशू की आज्ञा मानी। वे यरदन नदी के बीच से बारह शिलायें ले गए। इस्राएल के बारह परिवार समूहों में से हर एक के लिये एक शिला थी। उन्होंने यह वैसे ही किया जैसा यहोवा ने यहोशू को आदेश दिया। वे व्यक्ति शिलाओं को अपने साथ ले गए। तब उन्होंने उन शिलाओं को वहाँ रखा जहाँ उन्होंने अपने डेरे डाले। (यहोशू ने भी यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले चलने वाले याजक जहाँ खड़े थे, वहीं यरदन नदी के बीच में बारह शिलायें डाली। वे शिलायें आज भी उस स्थान पर हैं।) यहोवा ने यहोशू को आदेश दिया था कि वह लोगों से कहे कि उन्हें क्या करना है। वे वही बातें थीं, जिन्हें अवश्य कहने के लिये मूसा ने यहोशू से कहा था। इसलिए पवित्र सन्दूक को ले चलने वाले याजक नदी के बीच में तब तक खड़े ही रहे, जब तक ये सभी काम पूरे न हो गए। लोगों ने शीघ्रता की और नदी को पार कर गए। जब लोगों ने नदी को पार कर लिया तब याजक यहोवा का सन्दूक लेकर लोगों के सामने आये। रूबेन के परिवार समूह, गादी तथा मनश्शे परिवार समूह के आधे लोगों ने, मूसा ने उन्हें जो करने को कहा था, किया। इन लोगों ने अन्य लोगों के सामने नदी को पार किया। ये लोग युद्ध के लिये तैयार थे। ये लोग इस्राएल के अन्य लोगों को उस देश को लेने में सहायता करने जा रहे थे, जिसे यहोवा ने उन्हें देने का वचन दिया था। लगभग चालीस हजार सैनिक, जो युद्ध के लिये तैयार थे, यहोवा के सामने से गुजरे। वे यरीहो के मैदान की ओर बढ़ रहे थे। उस दिन यहोवा ने इस्राएल के सभी लोगों की दृष्टि में यहोशू को एक महान व्यक्ति बना दिया। उस समय से आगे लोग यहोशू का सम्मान करने लगे। वे यहोशू का सम्मान जीवन भर वैसे ही करने लगे जैसा मूसा का करते थे।

यहोशुअ 4:1-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

जब इस्राएली कौम के सब लोग यर्दन नदी को पार कर चुके तब प्रभु ने यहोशुअ से कहा, ‘तू प्रति कुल एक पुरुष के हिसाब से सब कुलों में से बारह पुरुष चुन, और उन्‍हें यह आदेश दे: “तुम यहां यर्दन नदी के मध्‍य उस स्‍थान से जहाँ पुरोहितों ने पैर रखे थे, बारह पत्‍थर लो और उन्‍हें अपने कन्‍धों पर उठाकर ले जाओ। जिस स्‍थान पर तुम आज रात को पड़ाव डालोगे वहां उनको रख देना।” ’ तब यहोशुअ ने इस्राएली समाज में से उन बारह पुरुषों को बुलाया, जिन्‍हें उसने प्रति कुल एक पुरुष के हिसाब से नियुक्‍त किया था। यहोशुअ ने उनसे कहा, ‘तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की मंजूषा के सम्‍मुख यर्दन नदी के मध्‍य जाओ। इस्राएल के बारह कुलों की संख्‍या के अनुरूप प्रत्‍येक पुरुष एक-एक पत्‍थर अपने कन्‍धे पर रखकर ले जाएगा। ये तुम्‍हारे मध्‍य स्‍मारक-चिह्‍न माने जाएंगे। जब भविष्‍य में तुम्‍हारे बच्‍चे तुमसे यह पूछेंगे, “इन पत्‍थरों का क्‍या अर्थ है?” तब तुम उनसे कहना, “प्रभु की विधान-मंजूषा के सम्‍मुख यर्दन नदी का जल-प्रवाह रुक गया था। जब प्रभु की विधान-मंजूषा ने यर्दन नदी पार की, तब उसका जल सूख गया था।” अत: ये पत्‍थर इस्राएली समाज के लिए सदा-सर्वदा स्‍मारक-चिह्‍न माने जाएंगे।’ इस्राएली पुरुषों ने यहोशुअ के आदेश के अनुसार कार्य किया। उन्‍होंने इस्राएली कुलों की संख्‍या के अनुरूप यर्दन नदी के मध्‍य से बारह पत्‍थर उठाए, जैसा प्रभु ने यहोशुअ से कहा था। वे उनको अपने कन्‍धों पर रखकर उस स्‍थान पर ले गए, जहां उन्‍होंने पड़ाव डाला था। उन्‍होंने वहां उनको रख दिया। यहोशुअ ने यर्दन नदी के मध्‍य उस स्‍थान पर, जहां विधान की मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहितों ने पैर रखे थे, बारह पत्‍थर प्रतिष्‍ठित किए (वे आज भी वहां हैं)। जिन कार्यों को करने की आज्ञा प्रभु ने यहोशुअ के द्वारा इस्राएली लोगों को दी थी, जब तक वे पूर्ण नहीं हो गए तब तक मंजूषा को वहन करने वाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्‍य में खड़े रहे। ऐसा ही आदेश मूसा ने यहोशुअ को दिया था। लोगों ने जल्‍दी-जल्‍दी नदी पार की। जब सब लोग नदी पर कर चुके तब प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहित उस पार गए और वे फिर इस्राएली लोगों के आगे हो गए। जैसा मूसा ने रूबेन तथा गाद वंशियों और मनश्‍शे के आधे गोत्र से कहा था, उसके अनुसार वे हथियार बांधे शेष इस्राएलियों के आगे उस पार गए। वे अस्‍त्र-शस्‍त्र से सज्‍जित चालीस हजार सैनिक थे। वे युद्ध करने के लिए प्रभु के सम्‍मुख यरीहो के मैदान की ओर गए। उस दिन प्रभु ने जो कार्य किया उसके कारण यहोशुअ इस्राएली समाज की आंखों में एक महान पुरुष के रूप में प्रतिष्‍ठित हो गया। जैसे इस्राएली लोग मूसा के प्रति उनके जीवन-भर श्रद्धापूर्ण भय रखे थे वैसे ही वे यहोशुअ के प्रति श्रद्धापूर्ण भय रखते रहे।

यहोशुअ 4:1-14 Hindi Holy Bible (HHBD)

जब उस सारी जाति के लोग यरदन के पार उतर चुके, तब यहोवा ने यहोशू से कहा, प्रजा में से बारह पुरूष, अर्थात गोत्र पीछे एक एक पुरूष को चुनकर यह आज्ञा दे, कि तुम यरदन के बीच में, जहां याजकों ने पांव धरे थे वहां से बारह पत्थर उठा कर अपने साथ पार ले चलो, और जहां आज की रात पड़ाव होगा वहीं उन को रख देना। तब यहोशू ने उन बारह पुरूषों को, जिन्हें उसने इस्राएलियों के प्रत्येक गोत्र में से छांटकर ठहरा रखा था, बुलवाकर कहा, तुम अपने परमेश्वर यहोवा के सन्दूक के आगे यरदन के बीच में जा कर इस्राएलियों के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक एक पत्थर उठा कर अपने अपने कन्धे पर रखो, जिस से यह तुम लोगों के बीच चिन्हानी ठहरे, और आगे को जब तुम्हारे बेटे यह पूछें, कि इन पत्थरों का क्या मतलब है? तब तुम उन्हें उत्तर दो, कि यरदन का जल यहोवा की वाचा के सन्दूक के साम्हने से दो भाग हो गया था; क्योंकि जब वह यरदन पार आ रहा था, तब यरदन का जल दो भाग हो गया। सो वे पत्थर इस्राएल को सदा के लिये स्मरण दिलाने वाले ठहरेंगे। यहोशू की इस आज्ञा के अनुसार इस्राएलियों ने किया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएलियों ने किया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएली गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह पत्थर यरदन के बीच में से उठा लिए; और उन को अपने साथ ले जा कर पड़ाव में रख दिया। और यरदन के बीच जहां याजक वाचा के सन्दूक को उठाए हुए अपने पांव धरे थे वहां यहोशू ने बारह पत्थर खड़े कराए; वे आज तक वहीं पाए जाते हैं। और याजक सन्दूक उठाए हुए उस समय तक यरदन के बीच खड़े रहे जब तक वे सब बातें पूरी न हो चुकीं, जिन्हें यहोवा ने यहोशू को लोगों से कहने की आज्ञा दी थी। तब सब लोग फुर्ती से पार उतर गए; और जब सब लोग पार उतर चुके, तब याजक और यहोवा का सन्दूक भी उनके देखते पार हुए। और रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग मूसा के कहने के अनुसार इस्राएलियों के आगे पांति बान्धे हुए पार गए; अर्थात कोई चालीस हजार पुरूष युद्ध के हथियार बान्धे हुए संग्राम करने के लिये यहोवा के साम्हने पार उतरकर यरीहो के पास के अराबा में पहुंचे। उस दिन यहोवा ने सब इस्राएलियों के साम्हने यहोशू की महिमा बढ़ाई; और जैसे वे मूसा का भय मानते थे वैसे ही यहोशू का भी भय उसके जीवन भर मानते रहे॥

यहोशुअ 4:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

जब उस सारी जाति के लोग यरदन के पार उतर चुके, तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “प्रजा में से बारह पुरुष, अर्थात् गोत्र पीछे एक एक पुरुष को चुनकर यह आज्ञा दे, ‘तुम यरदन के बीच में, जहाँ याजकों ने पाँव धरे थे वहाँ से बारह पत्थर उठाकर अपने साथ पार ले चलो, और जहाँ आज की रात पड़ाव होगा वहीं उनको रख देना’।” तब यहोशू ने उन बारह पुरुषों को, जिन्हें उसने इस्राएलियों के प्रत्येक गोत्र में से छाँटकर ठहरा रखा था, बुलवाकर कहा, “तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा के सन्दूक के आगे यरदन के बीच में जाकर इस्राएलियों के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक एक पत्थर उठाकर अपने अपने कन्धे पर रखो, जिस से यह तुम लोगों के बीच चिह्न ठहरे, और आगे को जब तुम्हारे बेटे यह पूछें, ‘इन पत्थरों का क्या मतलब है?’ तब तुम उन्हें यह उत्तर दो, कि यरदन का जल यहोवा की वाचा के सन्दूक के सामने से दो भाग हो गया था; क्योंकि जब वह यरदन पार आ रहा था, तब यरदन का जल दो भाग हो गया। अत: वे पत्थर इस्राएल को सदा के लिये स्मरण दिलानेवाले ठहरेंगे।” यहोशू की इस आज्ञा के अनुसार इस्राएलियों ने किया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएली गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह पत्थर यरदन के बीच में से उठा लिए; और उनको अपने साथ ले जाकर पड़ाव में रख दिया। और यरदन के बीच, जहाँ याजक वाचा के सन्दूक को उठाए हुए अपने पाँव धरे थे वहाँ यहोशू ने बारह पत्थर खड़े कराए; वे आज तक वहीं पाए जाते हैं। और याजक सन्दूक उठाए हुए उस समय तक यरदन के बीच खड़े रहे जब तक वे सब बातें पूरी न हो चुकीं, जिन्हें यहोवा ने यहोशू को लोगों से कहने की आज्ञा दी थी। तब सब लोग फुर्ती से पार उतर गए; और जब सब लोग पार उतर चुके, तब याजक और यहोवा का सन्दूक भी उनके देखते पार हुए। और रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग मूसा के कहने के अनुसार इस्राएलियों के आगे पाँति बाँधे हुए पार गए; अर्थात् कोई चालीस हज़ार पुरुष युद्ध के हथियार बाँधे हुए संग्राम करने के लिये यहोवा के सामने पार उतरकर यरीहो के पास के अराबा में पहुँचे। उस दिन यहोवा ने सब इस्राएलियों के सामने यहोशू की महिमा बढ़ाई; और जैसे वे मूसा का भय मानते थे वैसे ही यहोशू का भी भय उसके जीवन भर मानते रहे।

यहोशुअ 4:1-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

जब उस सारी जाति के लोग यरदन के पार उतर चुके, तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “प्रजा में से बारह पुरुष, अर्थात्–गोत्र पीछे एक-एक पुरुष को चुनकर यह आज्ञा दे, ‘तुम यरदन के बीच में, जहाँ याजकों ने पाँव धरे थे वहाँ से बारह पत्थर उठाकर अपने साथ पार ले चलो, और जहाँ आज की रात पड़ाव होगा वहीं उनको रख देना।’” तब यहोशू ने उन बारह पुरुषों को, जिन्हें उसने इस्राएलियों के प्रत्येक गोत्र में से छांटकर ठहरा रखा था, बुलवाकर कहा, “तुम अपने परमेश्वर यहोवा के सन्दूक के आगे यरदन के बीच में जाकर इस्राएलियों के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक-एक पत्थर उठाकर अपने-अपने कंधे पर रखो, जिससे यह तुम लोगों के बीच चिन्ह ठहरे, और आगे को जब तुम्हारे बेटे यह पूछें, ‘इन पत्थरों का क्या मतलब है?’ तब तुम उन्हें यह उत्तर दो, कि यरदन का जल यहोवा की वाचा के सन्दूक के सामने से दो भाग हो गया था; क्योंकि जब वह यरदन पार आ रहा था, तब यरदन का जल दो भाग हो गया। अतः वे पत्थर इस्राएल को सदा के लिये स्मरण दिलानेवाले ठहरेंगे।” यहोशू की इस आज्ञा के अनुसार इस्राएलियों ने किया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएली गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह पत्थर यरदन के बीच में से उठा लिए; और उनको अपने साथ ले जाकर पड़ाव में रख दिया। और यरदन के बीच, जहाँ याजक वाचा के सन्दूक को उठाए हुए अपने पाँव धरे थे वहाँ यहोशू ने बारह पत्थर खड़े कराए; वे आज तक वहीं पाए जाते हैं। और याजक सन्दूक उठाए हुए उस समय तक यरदन के बीच खड़े रहे जब तक वे सब बातें पूरी न हो चुकीं, जिन्हें यहोवा ने यहोशू को लोगों से कहने की आज्ञा दी थी। तब सब लोग फुर्ती से पार उतर गए; और जब सब लोग पार उतर चुके, तब याजक और यहोवा का सन्दूक भी उनके देखते पार हुए। और रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग मूसा के कहने के अनुसार इस्राएलियों के आगे पाँति बाँधे हुए पार गए; अर्थात् कोई चालीस हजार पुरुष युद्ध के हथियार बाँधे हुए संग्राम करने के लिये यहोवा के सामने पार उतरकर यरीहो के पास के अराबा में पहुँचे। उस दिन यहोवा ने सब इस्राएलियों के सामने यहोशू की महिमा बढ़ाई; और जैसे वे मूसा का भय मानते थे वैसे ही यहोशू का भी भय उसके जीवन भर मानते रहे।

यहोशुअ 4:1-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब सब इस्राएली वंशज यरदन के पार हो गए, तब याहवेह ने यहोशू से कहा, “हर गोत्र से एक-एक व्यक्ति करके बारह व्यक्ति अलग करो, और उनसे कहो, ‘यरदन से बारह पत्थर, उस स्थान से उठाओ जहां पुरोहित खड़े थे. इन पत्थरों को अपने साथ ले जाओ और उन्हें उस स्थान पर रख देना, जहां तुम आज रात ठहरोगे.’ ” तब यहोशू ने इस्राएल के हर गोत्र से एक-एक व्यक्ति चुने और ऐसे बारह व्यक्तियों को अलग किया और उनसे कहा, “तुम्हारे परमेश्वर याहवेह की वाचा के संदूक के आगे यरदन के बीच में जाकर इस्राएल के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक-एक पत्थर अपने कंधे पर रखे. यह तुम्हारे लिए यादगार होगा. जब तुम्हारे बच्‍चे इन पत्थरों के बारे में पूछें, तब तुम उन्हें बताना, ‘याहवेह की वाचा के संदूक के सामने यरदन का जल बहना रुक गया था; और जब इसे यरदन के पार ले जाया जा रहा था तब यरदन का जल दो भाग हो गया था.’ तो ये पत्थर हमेशा के लिए यादगार बन जाएंगे.” इस्राएल वंशजों ने वही किया, जैसा यहोशू ने उनसे कहा था. उन्होंने यरदन के बीच से बारह पत्थर उठा लिए; इस्राएल के गोत्रों की गिनती के अनुसार. उन्होंने वे पत्थर ले जाकर तंबू में रख दिए. यहोशू ने भी बारह पत्थर यरदन के बीच उस जगह पर रखे, जहां पुरोहित वाचा का संदूक लिए खड़े थे, जो आज तक वहीं हैं. याहवेह द्वारा यहोशू को कहे अनुसार, संदूक लिए हुए पुरोहित यरदन के मध्य में तब तक खड़े रहे, जब तक सब लोगों ने नदी को पार न कर लिया. यह उस आदेश के अनुसार था, जो मोशेह द्वारा यहोशू को दिया गया था. जब सभी पार हो गए, तब याहवेह की वाचा के संदूक को लिए हुए पुरोहित सब लोगों के आगे चले. मोशेह के कहे अनुसार रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह का आधा गोत्र युद्ध के लिए हथियार लेकर इस्राएल वंशजों के आगे चला. इनकी संख्या लगभग चालीस हजार थी, जो युद्ध के लिए पूरे तैयार थे. याहवेह की उपस्थिति में ये युद्ध के लिए आगे बढ़े और येरीख़ो के पास मैदान में पहुंचे. यह वह दिन था, जब याहवेह ने यहोशू को इस्राएलियों के बीच आदर के साथ ऊपर उठाया. जिस प्रकार अपने जीवनकाल में मोशेह आदर के योग्य थे.