लूकस 1:26-33
लूकस 1:26-33 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत, गलील के नासरत नगर में, एक कुँवारी के पास भेजा गया जिसकी मंगनी यूसुफ नामक दाऊद के घराने के एक पुरुष से हुई थी : उस कुँवारी का नाम मरियम था। स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है! प्रभु तेरे साथ है!” वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे मरियम, भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। वह महान् होगा और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा,* और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।”
लूकस 1:26-33 पवित्र बाइबल (HERV)
इलीशिबा को जब छठा महीना चल रहा था, गलील के एक नगर नासरत में परमेश्वर द्वारा स्वर्गदूत जिब्राईल को एक कुँवारी के पास भेजा गया जिसकी यूसुफ़ नाम के एक व्यक्ति से सगाई हो चुकी थी। वह दाऊद का वंशज था। और उस कुँवारी का नाम मरियम था। जिब्राईल उसके पास आया और बोला, “तुझ पर अनुग्रह हुआ है, तेरी जय हो। प्रभु तेरे साथ है।” यह वचन सुन कर वह बहुत घबरा गयी, वह सोच में पड़ गयी कि इस अभिवादन का अर्थ क्या हो सकता है? तब स्वर्गदूत ने उससे कहा, “मरियम, डर मत, तुझ से परमेश्वर प्रसन्न है। सुन! तू गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी और तू उसका नाम यीशु रखेगी। वह महान होगा और वह परमप्रधान का पुत्र कहलायेगा। और प्रभु परमेश्वर उसे उसके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा। वह अनन्त काल तक याकूब के घराने पर राज करेगा तथा उसके राज्य का अंत कभी नहीं होगा।”
लूकस 1:26-33 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
छठे महीने स्वर्गदूत गब्रिएल परमेश्वर की ओर से, गलील प्रदेश के नासरत नामक नगर में एक कुँआरी के पास भेजा गया, जिसकी मंगनी राजा दाऊद के वंशज यूसुफ़ नामक पुरुष से हुई थी। उस कुँआरी का नाम मरियम था। स्वर्गदूत ने उसके पास आ कर उससे कहा, “प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री! प्रभु आपके साथ है।” वह इस कथन से बहुत घबरा गयी और मन में सोचने लगी कि इस प्रणाम का अर्थ क्या है। तब स्वर्गदूत ने उससे कहा, “मरियम! डरिए नहीं। परमेश्वर ने आप पर कृपा की है। देखिए, आप गर्भवती होंगी, और एक पुत्र को जन्म देंगी और उसका नाम ‘येशु’ रखेंगी। वह महान होगा और सर्वोच्च परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा। प्रभु परमेश्वर उसे उसके पूर्वज दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा। वह याकूब के वंश पर सदा-सर्वदा राज्य करेगा और उसके राज्य का अन्त कभी नहीं होगा।”
लूकस 1:26-33 Hindi Holy Bible (HHBD)
छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया। जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा; आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है। वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा। और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।
लूकस 1:26-33 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से गब्रिएल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में, एक कुँवारी के पास भेजा गया। जिसकी मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरुष से हुई थी: उस कुँवारी का नाम मरियम था। और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर परमेश्वर का अनुग्रह हुआ है! प्रभु तेरे साथ है!” वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। (यशा. 7:14) वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा। (भज. 132:11, यशा. 9:6-7) और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (2 शमू. 7:12,16, इब्रा. 1:8, दानि. 2:44)
लूकस 1:26-33 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
छठे माह में स्वर्गदूत गब्रिएल को परमेश्वर द्वारा गलील प्रदेश के नाज़रेथ नामक नगर में एक कुंवारी कन्या के पास भेजा गया, जिसका विवाह योसेफ़ नामक एक पुरुष से होना निश्चित हुआ था. योसेफ़, राजा दावीद के वंशज थे. कन्या का नाम था मरियम. मरियम को संबोधित करते हुए स्वर्गदूत ने कहा, “प्रभु की कृपापात्री, नमस्कार! प्रभु आपके साथ हैं.” इस कथन को सुन वह बहुत ही घबरा गईं कि इस प्रकार के नमस्कार का क्या अर्थ हो सकता है. स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरिए, मरियम! क्योंकि आप परमेश्वर की कृपा की पात्र हैं. सुनिए! आप गर्भधारण कर एक पुत्र को जन्म देंगी. आप उनका नाम येशु रखें. वह महान होंगे. परम प्रधान के पुत्र कहलाएंगे और प्रभु परमेश्वर उन्हें उनके पूर्वज दावीद का सिंहासन सौंपेंगे, वह याकोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अंत कभी न होगा.”