लूकस 1:68-79

लूकस 1:68-79 पवित्र बाइबल (HERV)

“इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की जय हो क्योंकि वह अपने लोगों की सहायता के लिए आया और उन्हें स्वतन्त्र कराया। उसने हमारे लिये अपने सेवक दाऊद के परिवार से एक रक्षक प्रदान किया। जैसा कि उसने बहुत पहले अपने पवित्र भविष्यवक्ताओं के द्वारा वचन दिया था। उसने हमें हमारे शत्रुओं से और उन सब के हाथों से, जो हमें घृणा करते थे, हमारे छुटकारे का वचन दिया था। हमारे पुरखों पर दया दिखाने का अपने पवित्र वचन को याद रखने का। उसका वचन था एक वह शपथ जो हमारे पूर्वज इब्राहीम के साथ ली गयी थी कि हमारे शत्रुओं के हाथों से हमारा छुटकारा हो और बिना किसी डर के प्रभु की सेवा करने की अनुमति मिले। और अपने जीवन भर हर दिन उसके सामने हम पवित्र और धर्मी रह सकें। “हे बालक, अब तू परमप्रधान का नबी कहलायेगा, क्योंकि तू प्रभु के आगे-आगे चल कर उसके लिए राह तैयार करेगा। और उसके लोगों से कहेगा कि उनके पापों की क्षमा द्वारा उनका उद्धार होगा। “हमारे परमेश्वर के कोमल अनुग्रह से एक नये दिन का प्रभात हम पर ऊपर से उतरेगा। उन पर चमकने के लिये जो मौत की गहन छाया में जी रहे हैं ताकि हमारे चरणों को शांति के मार्ग की दिशा मिले।”

लूकस 1:68-79 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

“धन्‍य है प्रभु, इस्राएल का परमेश्‍वर! उसने अपनी प्रजा की सुध ली है और उसका उद्धार किया है। उसने अपने सेवक दाऊद के वंश में हमारे लिए एक शक्‍तिशाली मुक्‍तिदाता उत्‍पन्न किया है। वह अपने पवित्र नबियों के मुख से प्राचीन काल से यह कहता आया है कि वह शत्रुओं और सब बैरियों के हाथ से हमें छुड़ाएगा और अपने पवित्र विधान को स्‍मरण कर हमारे पूर्वजों पर दया करेगा। उसने शपथ खा कर हमारे पिता अब्राहम से कहा था कि वह हमारे शत्रुओं के हाथ से हमें मुक्‍त करेगा, जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर उसके सम्‍मुख उसकी सेवा कर सकें। “हे बालक! तू सर्वोच्‍च परमेश्‍वर का नबी कहलाएगा; तू प्रभु का अग्रदूत बनेगा कि तू उसका मार्ग तैयार करे और उसकी प्रजा को पाप-क्षमा द्वारा मुक्‍ति का ज्ञान प्रदान करे। हमारे परमेश्‍वर की इस प्रेमपूर्ण दया से हमें स्‍वर्ग से प्रकाश प्राप्‍त होगा, जिससे वह अन्‍धकार और मृत्‍यु की छाया में बैठने वालों को ज्‍योति प्रदान करे और हमारे चरणों को शान्‍ति-पथ पर अग्रसर करे।”

लूकस 1:68-79 Hindi Holy Bible (HHBD)

कि प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उस ने अपने लोगों पर दृष्टि की और उन का छुटकारा किया है। और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला। जैसे उस ने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था। अर्थात हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है। कि हमारे बाप-दादों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे। और वह शपथ जो उस ने हमारे पिता इब्राहीम से खाई थी। कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छुटकर। उसके साम्हने पवित्रता और धामिर्कता से जीवन भर निडर रहकर उस की सेवा करते रहें। और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे आगे चलेगा, कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उन के पापों की क्षमा से प्राप्त होता है। यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए॥

लूकस 1:68-79 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

“प्रभु इस्राएल का परमेश्‍वर धन्य हो, क्योंकि उसने अपने लोगों पर दृष्‍टि की और उनका छुटकारा किया है, और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला, (जैसा उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्‍ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था,) अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है, कि हमारे बाप–दादों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे, और वह शपथ जो उसने हमारे पिता अब्राहम से खाई थी, कि वह हमें यह देगा कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर, उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें। और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्‍ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु का मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे–आगे चलेगा, कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्‍त होता है। यह हमारे परमेश्‍वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा, कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।”

लूकस 1:68-79 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

“प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उनका छुटकारा किया है, (भज. 111:9, भज. 41:13) और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला, (भज. 132:17, यिर्म. 30:9) जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है; (भज. 106:10) कि हमारे पूर्वजों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे, और वह शपथ जो उसने हमारे पिता अब्राहम से खाई थी, (उत्प. 17:7, भज. 105:8,9) कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर, उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें। और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे-आगे चलेगा, (मला. 3:1, यशा. 40:3) कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्त होता है। यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। कि अंधकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।” (यशा. 58:8, यशा. 60:1,2, यशा. 9:2)

लूकस 1:68-79 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

“धन्य हैं प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की सुधि ली और उसका उद्धार किया. उन्होंने हमारे लिए अपने सेवक दावीद के वंश में एक उद्धारकर्ता पैदा किया है, (जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया) शत्रुओं तथा उन सबसे, जो हमसे घृणा करते हैं, बचाए रखा कि वह हमारे पूर्वजों पर अपनी कृपादृष्टि प्रदर्शित करें तथा अपनी पवित्र वाचा को पूरा करें; वही वाचा, जो उन्होंने हमारे पूर्वज अब्राहाम से स्थापित की थी: वह हमें हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे, कि हम पवित्रता और धार्मिकता में निर्भय हो जीवन भर उनकी सेवा कर सकें. “और बालक तुम, मेरे पुत्र, परम प्रधान परमेश्वर के भविष्यवक्ता कहलाओगे; क्योंकि तुम उनका मार्ग तैयार करने के लिए प्रभु के आगे-आगे चलोगे, तुम परमेश्वर की प्रजा को उसके पापों की क्षमा के द्वारा उद्धार का ज्ञान प्रदान करोगे. हमारे परमेश्वर की अत्यधिक कृपा के कारण, स्वर्ग से हम पर प्रकाश का उदय होगा, उन पर, जो अंधकार और मृत्यु की छाया में हैं; कि इसके द्वारा हमारा मार्गदर्शन शांति के मार्ग पर हो.”