लूकस 3:1-31

लूकस 3:1-31 पवित्र बाइबल (HERV)

तिबिरियुस कैसर के शासन के पन्द्रहवें साल में जब यहूदिया का राज्यपाल पुन्तियुस पिलातुस था और उस प्रदेश के चौथाई भाग के राजाओं में हेरोदेस गलील का, उसका भाई फिलिप्पुस इतूरैया और त्रखोनीतिस का, तथा लिसानियास अबिलेने का अधीनस्थ शासक था। और हन्ना तथा कैफा महायाजक थे, तभी जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास जंगल में परमेश्वर का वचन पहुँचा। सो यर्दन के आसपास के समूचे क्षेत्र में घूम घूम कर वह पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के हेतु बपतिस्मा का प्रचार करने लगा। भविष्यवक्ता यशायाह के वचनों की पुस्तक में जैसा लिखा है: “किसी का जंगल में पुकारता हुआ शब्द: ‘प्रभु के लिये मार्ग तैयार करो और उसके लिये राहें सीधी करो। हर घाटी भर दी जायेगी और हर पहाड़ और पहाड़ी सपाट हो जायेंगे टेढ़ी-मेढ़ी और ऊबड़-खाबड़ राहें समतल कर दी जायेंगी। और सभी लोग परमेश्वर के उद्धार का दर्शन करेंगे!’” यूहन्ना उससे बपतिस्मा लेने आये अपार जन समूह से कहता, “अरे साँप के बच्चो! तुम्हें किसने चेता दिया है कि तुम आने वाले क्रोध से बच निकलो? परिणामों द्वारा तुम्हें प्रमाण देना होगा कि वास्तव में तुम्हारा मन फिरा है। और आपस में यह कहना तक आरंभ मत करो कि ‘इब्राहीम हमारा पिता है।’ मैं तुमसे कहता हूँ कि परमेश्वर इब्राहीम के लिये इन पत्थरों से भी बच्चे पैदा करा सकता है। पेड़ों की जड़ों पर कुल्हाड़ा रखा जा चुका है और हर उस पेड़ को जो उत्तम फल नहीं देता, काट गिराया जायेगा और फिर उसे आग में झोंक दिया जायेगा।” तब भीड़ ने उससे पूछा, “तो हमें क्या करना चाहिये?” उत्तर में उसने उनसे कहा, “जिस किसी के पास दो कुर्ते हों, वह उन्हें, जिसके पास न हों, उनके साथ बाँट ले। और जिसके पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।” फिर उन्होंने उससे पूछा, “हे गुरु, हमें क्या करना चाहिये?” इस पर उसने उनसे कहा, “जितना चाहिये उससे अधिक एकत्र मत करो।” कुछ सैनिकों ने उससे पूछा, “और हमें क्या करना चाहिये?” सो उसने उन्हें बताया, “बलपूर्वक किसी से धन मत लो। किसी पर झूठा दोष मत लगाओ। अपने वेतन में संतोष करो।” लोग जब बड़ी आशा के साथ बाट जोह रहे थे और यूहन्ना के बारे में अपने मन में यह सोच रहे थे कि कहीं यही तो मसीह नहीं है, तभी यूहन्ना ने यह कहते हुए उन सब को उत्तर दिया: “मैं तो तुम्हें जल से बपतिस्मा देता हूँ किन्तु वह जो मुझ से अधिक सामर्थ्यवान है, आ रहा है, और मैं उसके जूतों की तनी खोलने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और अग्नि द्वारा बपतिस्मा देगा। उसके हाथ में फटकने की डाँगी है, जिससे वह अनाज को भूसे से अलग कर अपने खलिहान में उठा कर रखता है। किन्तु वह भूसे को ऐसी आग में झोंक देगा जो कभी नहीं बुझने वाली।” इस प्रकार ऐसे ही और बहुत से शब्दों से वह उन्हें समझाते हुए सुसमाचार सुनाया करता था। बाद में यूहन्ना ने उस चौथाई प्रदेश के अधीनस्थ राजा हेरोदेस को उसके भाई की पत्नी हिरोदिआस के साथ उसके बुरे सम्बन्धों और उसके दूसरे बुरे कर्मो के लिए डाँटा फटकारा। इस पर हेरोदेस ने यूहन्ना को बंदी बनाकर, जो कुछ कुकर्म उसने किये थे, उनमें एक कुकर्म और जोड़ लिया। ऐसा हुआ कि जब सब लोग बपतिस्मा ले रहे थे तो यीशु ने भी बपतिस्मा लिया। और जब यीशु प्रार्थना कर रहा था, तभी आकाश खुल गया। और पवित्र आत्मा एक कबूतर का देह धारण कर उस पर नीचे उतरा और आकाशवाणी हुई कि, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से बहुत प्रसन्न हूँ।” यीशु ने जब अपना सेवा कार्य आरम्भ किया तो वह लगभग तीस वर्ष का था। ऐसा सोचा गया कि वह एली के बेटे यूसुफ का पुत्र था। एली जो मत्तात का, मत्तात जो लेवी का, लेवी जो मलकी का, मलकी जो यन्ना का, यन्ना जो यूसुफ का, यूसुफ जो मत्तित्याह का, मत्तित्याह जो आमोस का, आमोस जो नहूम का, नहूम जो असल्याह का, असल्याह जो नोगह का, नोगह जो मात का, मात जो मत्तित्याह का, मत्तित्याह जो शिमी का, शिमी जो योसेख का, योसेख जो योदाह का, योदाह जो योनान का, योनान जो रेसा का, रेसा जो जरुब्बाबिल का, जरुब्बाबिल जो शालतियेल का, शालतियेल जो नेरी का, नेरी जो मलकी का, मलकी जो अद्दी का, अद्दी जो कोसाम का, कोसाम जो इलमोदाम का, इलमोदाम जो ऐर का, ऐर जो यहोशुआ का, यहोशुआ जो इलाज़ार का, इलाज़ार जो योरीम का, योरीम जो मत्तात का, मत्तात जो लेवी का, लेवी जो शमौन का, शमौन जो यहूदा का, यहूदा जो यूसुफ का, यूसुफ जो योनान का, योनान जो इलियाकीम का, इलियाकीम जो मेलिया का, मेलिया जो मिन्ना का, मिन्ना जो मत्तात का, मत्तात जो नातान का, नातान जो दाऊद का

लूकस 3:1-31 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

सम्राट तिबेरियुस के शासनकाल का पन्‍द्रहवाँ वर्ष था। पोंतियुस पिलातुस यहूदा प्रदेश का राज्‍यपाल था। हेरोदेस गलील प्रदेश का शासक, उसका भाई फिलिप इतूरैया और त्रखोनीतिस प्रदेशों का शासक तथा लुसानियस अबिलेने प्रदेश का शासक था। हन्ना और काइफा महापुरोहित थे। उन्‍हीं दिनों परमेश्‍वर का वचन निर्जन प्रदेश में जकर्याह के पुत्र योहन के पास पहुँचा। वह यर्दन नदी के आस-पास के समस्‍त क्षेत्र में घूम-घूम कर पाप-क्षमा के लिए पश्‍चात्ताप के बपतिस्‍मा का उपदेश देने लगे, जैसा कि नबी यशायाह के संदेशों की पुस्‍तक में लिखा है : “निर्जन प्रदेश में पुकारने वाले की आवाज : प्रभु का मार्ग तैयार करो; उसके पथ सीधे कर दो। हर एक घाटी भर दी जाएगी, हर एक पहाड़ और पहाड़ी नीची की जाएगी, टेढ़े रास्‍ते सीधे और ऊबड़-खाबड़ मार्ग समतल किये जाएँगे; और सब प्राणी परमेश्‍वर के उद्धार के दर्शन करेंगे।” जो लोग योहन से बपतिस्‍मा लेने उनके पास आते थे, वह उनसे कहते थे, “साँप के बच्‍चो! किसने तुम लोगों को परमेश्‍वर के आने वाले कोप से भागने के लिए सचेत कर दिया? पश्‍चात्ताप के उचित फल उत्‍पन्न करो और अपने मन में यह न कहो कि ‘हम अब्राहम की सन्‍तान हैं।’ मैं तुम से कहता हूँ, परमेश्‍वर इन पत्‍थरों से अब्राहम के लिए सन्‍तान उत्‍पन्न कर सकता है। अब पेड़ों की जड़ पर कुल्‍हाड़ा भी लग चुका है। जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं देता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाएगा।” जनसमूह ने योहन से पूछा, “तो हमें क्‍या करना चाहिए?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “जिसके पास को कुरते हों, वह एक कुरता उसे दे दे, जिसके पास नहीं है और जिसके पास भोजन है, वह भी ऐसा ही करे”। कुछ चुंगी-अधिकारी भी बपतिस्‍मा लेने आए। उन्‍होंने योहन से पूछा, “गुरुवर! हमें क्‍या करना चाहिए?” योहन ने उनसे कहा, “जितना कर तुम्‍हारे लिए निश्‍चित है, उस से अधिक मत वसूलो।” सिपाहियों ने भी उन से पूछा, “और हम? हमें क्‍या करना चाहिए?” वह उनसे बोले, “किसी को डरा-धमका कर अथवा उस पर झूठा दोष लगा कर उससे रुपया-पैसा मत वसूलो और अपने वेतन से सन्‍तुष्‍ट रहो।” जनता में उत्‍सुकता बढ़ती जा रही थी और सब लोग योहन के विषय में मन-ही-मन सोच रहे थे कि कहीं यही तो मसीह नहीं हैं। इसलिए योहन ने उन सब से कहा, “मैं तो तुम लोगों को जल से बपतिस्‍मा देता हूँ; परन्‍तु एक आने वाले हैं, जो मुझ से अधिक शक्‍तिशाली हैं। मैं उनके जूते का फीता खोलने योग्‍य भी नहीं हूँ। वह तुम्‍हें पवित्र आत्‍मा और आग से बपतिस्‍मा देंगे। वह हाथ में सूप ले चुके हैं, जिससे वह अपना खलिहान ओसा कर साफ करें और अपना गेहूँ अपने बखार में जमा करें। वह भूसी को कभी न बुझने वाली आग में जला देंगे।” इस प्रकार बहुत-से अन्‍य उपदेशों द्वारा योहन ने जनता को शुभ-समाचार सुनाया। परन्‍तु जब योहन ने शासक हेरोदेस को उसके भाई की पत्‍नी हेरोदियस तथा उसके सब अन्‍य कुकर्मों के कारण धिक्‍कारा, तब हेरोदेस ने उन्‍हें बन्‍दीगृह में डलवा कर अपने कुकर्मों की हद कर दी। जब सब लोग बपतिस्‍मा ले चुके थे और जब येशु भी बपतिस्‍मा लेने के पश्‍चात् प्रार्थना कर रहे थे, तब आकाश खुल गया और पवित्र आत्‍मा मानो शारीरिक रूप से कपोत के सदृश उन पर उतरा और स्‍वर्ग से यह वाणी सुनाई दी, “तू मेरा प्रिय पुत्र है। मैं तुझ पर अत्‍यन्‍त प्रसन्न हूँ।” जब येशु ने शुभ-समाचार सुनाना आरम्‍भ किया, उस समय वह लगभग तीस वर्ष के थे। लोग उन्‍हें यूसुफ का पुत्र समझते थे। यूसुफ एली का पुत्र था, और वह मत्तात का, वह लेवी का, वह मलकी का, वह यन्नई का, वह यूसुफ का, वह मत्तित्‍याह का, वह आमोस का, वह नहूम का, वह असल्‍याह का, वह नग्‍गई का, वह महत का, वह मत्तित्‍याह का, वह शिमी का, वह योसेख का, वह योदाह का, वह योहानान का, वह रेसा का, वह जरूब्‍बाबेल का, वह शालतिएल का, वह नेरी का, वह मलकी का, वह अद्दी का, वह कोसाम का, वह एल्‍मदाम का, वह एर का, वह यहोशुअ का, वह एलीएजर का, वह योरीम का, वह मत्तात का, वह लेवी का, वह शिमोन का, वह यहूदा का, वह यूसुफ का, वह योनाम का, वह एलयाकीम का, वह मेलेआह का, वह मिन्नाह का, वह मत्तता का, वह नातान का, वह दाऊद का

लूकस 3:1-31 Hindi Holy Bible (HHBD)

तिबिरियुस कैसर के राज्य के पंद्रहवें वर्ष में जब पुन्तियुस पीलातुस यहूदिया का हाकिम था, और गलील में हेरोदेस नाम चौथाई का इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलेप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे। और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्वर का वचन जंगल में जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुंचा। और वह यरदन के आस पास के सारे देश में आकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने लगा। जैसे यशायाह भविष्यद्वक्ता के कहे हुए वचनों की पुस्तक में लिखा है, कि जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द हो रहा हे कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी बनाओ। हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा। और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा॥ जो भीड़ की भीड़ उस से बपतिस्मा लेने को निकल कर आती थी, उन से वह कहता था; हे सांप के बच्चों, तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो। सो मन फिराव के योग्य फल लाओ: और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है। और अब ही कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर धरा है, इसलिये जो जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है। और लोगों ने उस से पूछा, तो हम क्या करें? उस ने उन्हें उतर दिया, कि जिस के पास दो कुरते हों वह उसके साथ जिस के पास नहीं हैं बांट दे और जिस के पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे। और महसूल लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उस से पूछा, कि हे गुरू, हम क्या करें? उस ने उन से कहा, जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना। और सिपाहियों ने भी उस से यह पूछा, हम क्या करें? उस ने उन से कहा, किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर सन्तोष करना॥ जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे, कि क्या यही मसीह तो नहीं है। तो यूहन्ना ने उन सब से उत्तर में कहा: कि मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूं, परन्तु वह आनेवाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का बन्ध खोल सकूं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। उसका सूप, उसके हाथ में है; और वह अपना खलिहान अच्छी तरह से साफ करेगा; और गेहूं को अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जो बुझने की नहीं जला देगा॥ सो वह बहुत सी शिक्षा दे देकर लोगों को सुसमाचार सुनाता रहा। परन्तु उस ने चौथाई देश के राजा हेरोदेस को उसके भाई फिलेप्पुस की पत्नी हेरोदियास के विषय, और सब कुकर्मों के विषय में जो उस ने किए थे, उलाहना दिया। इसलिये हेरोदेस ने उन सब से बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया॥ जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। और पवित्र आत्मा शारीरिक रूप में कबूतर की नाईं उस पर उतरा, और यह आकाशवाणी हुई, कि तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से प्रसन्न हूं॥ जब यीशु आप उपदेश करने लगा, जो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का। और वह मत्तात का, और वह लेवी का, और वह मलकी का, और वह यन्ना का, और वह यूसुफ का। और वह मत्तित्याह का, और वह आमोस का, और वह नहूम का, और वह असल्याह का, और वह नोगह का। और वह मात का, और वह मत्तित्याह का, और वह शिमी का, और वह योसेख का, और वह योदाह का। और वह यूहन्ना का, और वह रेसा का, और वह जरूब्बाबिल का, और वह शालतियेल का, और वह नेरी का। और वह मलकी का, और वह अद्दी का, और वह कोसाम का, और वह इलमोदाम का, और वह एर का। और वह येशू का, और वह इलाजार का, और वह योरीम का, ओर वह मत्तात का, और वह लेवी का। और वह शमौन का, और वह यहूदाह का, और वह यूसुफ का, और वह योनान का, और वह इलयाकीम का। और वह मलेआह का, और वह मिन्नाह का, और वह मत्तता का, और वह नातान का, और वह दाऊद का।

लूकस 3:1-31 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तिबिरियुस कैसर के राज्य के पंद्रहवें वर्ष में जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का हाकिम था, और गलील में हेरोदेस, इतूरैया और त्रखोनीतिस में उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास, चौथाई के राजा थे, और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्‍वर का वचन जंगल में जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। वह यरदन के आस पास के सारे प्रदेश में जाकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने लगा। जैसे यशायाह भविष्यद्वक्‍ता के कहे हुए वचनों की पुस्तक में लिखा है : “जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हो रहा है कि, ‘प्रभु का मार्ग तैयार करो, उसकी सड़कें सीधी बनाओ। हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊँचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा। और हर प्राणी परमेश्‍वर के उद्धार को देखेगा’।” जो भीड़ की भीड़ उससे बपतिस्मा लेने को निकल कर आती थी, उनसे वह कहता था, “हे साँप के बच्‍चो, तुम्हें किसने जता दिया कि आनेवाले क्रोध से भागो। अत: मन फिराव के योग्य फल लाओ, और अपने अपने मन में यह न सोचो कि हमारा पिता अब्राहम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि परमेश्‍वर इन पत्थरों से अब्राहम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है। अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर धरा है, इसलिये जो जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है।” तब लोगों ने उससे पूछा, “तो हम क्या करें?” उसने उन्हें उत्तर दिया, “जिसके पास दो कुरते हों, वह उसके साथ जिसके पास नहीं है बाँट ले और जिसके पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।” महसूल लेनेवाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उससे पूछा, “हे गुरु, हम क्या करें?” उसने उनसे कहा, “जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना।” सिपाहियों ने भी उससे यह पूछा, “हम क्या करें?” उसने उनसे कहा, “किसी पर उपद्रव न करना और न झूठा दोष लगाना, और अपने वेतन पर सन्तोष करना।” जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे कि क्या यही मसीह तो नहीं है, तो यूहन्ना ने उन सबसे कहा, “मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूँ, परन्तु वह आनेवाला है जो मुझ से शक्‍तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं कि उसके जूतों का बन्ध खोल सकूँ; वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। उसका सूप, उसके हाथ में है; और वह अपना खलिहान अच्छी तरह से साफ करेगा; और गेहूँ को अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा; परन्तु भूसी को उस आग में जो बुझने की नहीं जला देगा।” अत: वह बहुत सी शिक्षा दे देकर लोगों को सुसमाचार सुनाता रहा। परन्तु जब उसने चौथाई देश के राजा हेरोदेस को उसके भाई फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास के विषय और सब कुकर्मों के विषय में जो उसने किए थे, उलाहना दिया, तो हेरोदेस ने उन सबसे बढ़कर यह कुकर्म भी किया कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया, और पवित्र आत्मा शारीरिक रूप में कबूतर के समान उस पर उतरा, और यह आकाशवाणी हुई : “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से प्रसन्न हूँ।” जब यीशु आप उपदेश करने लगा, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का, और वह मत्तात का, और वह लेवी का, और वह मलकी का, और वह यन्ना का, और वह यूसुफ का, और वह मत्तित्याह का, और वह आमोस का, और वह नहूम का, और वह असल्याह का, और वह नोगह का, और वह मात का, और वह मत्तित्याह का, और वह शिमी का, और वह योसेख का, और वह योदाह का, और वह यूहन्ना का, और वह रेसा का, और वह जरुब्बाबिल का, और वह शालतियेल का, और वह नेरी का, और वह मलकी का, और वह अद्दी का, और वह कोसाम का, और वह इलमोदाम का, और वह एर का, और वह येशू का, और वह इलाजार का, और वह योरीम का, और वह मत्तात का, और वह लेवी का, और वह शमौन का, और वह यहूदाह का, और वह यूसुफ का, और वह योनान का, और वह इलयाकीम का, और वह मलेआह का, और वह मिन्नाह का, और वह मत्तता का, और वह नातान का, और वह दाऊद का

लूकस 3:1-31 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तिबिरियुस कैसर के राज्य के पन्द्रहवें वर्ष में जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और गलील में हेरोदेस इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे। और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। और वह यरदन के आस-पास के सारे प्रदेश में आकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने लगा। जैसे यशायाह भविष्यद्वक्ता के कहे हुए वचनों की पुस्तक में लिखा है: “जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हो रहा है कि, ‘प्रभु का मार्ग तैयार करो, उसकी सड़कें सीधी करो। हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊँचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा। और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा।’” (यशा. 40:3-5) जो बड़ी भीड़ उससे बपतिस्मा लेने को निकलकर आती थी, उनसे वह कहता था, “हे साँप के बच्चों, तुम्हें किसने चेतावनी दी, कि आनेवाले क्रोध से भागो? अतः मन फिराव के योग्य फल लाओ: और अपने-अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता अब्राहम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि परमेश्वर इन पत्थरों से अब्राहम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है। और अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा हुआ है, इसलिए जो-जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है।” और लोगों ने उससे पूछा, “तो हम क्या करें?” उसने उन्हें उतर दिया, “जिसके पास दो कुर्ते हों? वह उसके साथ जिसके पास नहीं हैं बाँट ले और जिसके पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।” और चुंगी लेनेवाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उससे पूछा, “हे गुरु, हम क्या करें?” उसने उनसे कहा, “जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उससे अधिक न लेना।” और सिपाहियों ने भी उससे यह पूछा, “हम क्या करें?” उसने उनसे कहा, “किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर सन्तोष करना।” जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने-अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे, कि क्या यही मसीह तो नहीं है। तो यूहन्ना ने उन सब के उत्तर में कहा, “मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूँ, परन्तु वह आनेवाला है, जो मुझसे शक्तिशाली है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का फीता खोल सकूँ, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। उसका सूप, उसके हाथ में है; और वह अपना खलिहान अच्छी तरह से साफ करेगा; और गेहूँ को अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जो बुझने की नहीं जला देगा।” अतः वह बहुत सी शिक्षा दे देकर लोगों को सुसमाचार सुनाता रहा। परन्तु उसने चौथाई देश के राजा हेरोदेस को उसके भाई फिलिप्पुस की पत्नी हेरोदियास के विषय, और सब कुकर्मों के विषय में जो उसने किए थे, उलाहना दिया। इसलिए हेरोदेस ने उन सबसे बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। और पवित्र आत्मा शारीरिक रूप में कबूतर के समान उस पर उतरा, और यह आकाशवाणी हुई “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से प्रसन्न हूँ।” जब यीशु आप उपदेश करने लगा, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का, और वह मत्तात का, और वह लेवी का, और वह मलकी का, और वह यन्ना का, और वह यूसुफ का, और वह मत्तित्याह का, और वह आमोस का, और वह नहूम का, और वह असल्याह का, और वह नग्‍गई का, और वह मात का, और वह मत्तित्याह का, और वह शिमी का, और वह योसेख का, और वह योदाह का, और वह यूहन्ना का, और वह रेसा का, और वह जरुब्बाबेल का, और वह शालतीएल का, और वह नेरी का, (एज्रा 3:2, नहे. 12:1) और वह मलकी का, और वह अद्दी का, और वह कोसाम का, और वह एल्‍मदाम का, और वह एर का, और वह येशू का, और वह एलीएजेर का, और वह योरीम का, और वह मत्तात का, और वह लेवी का, और वह शमौन का, और वह यहूदा का, और वह यूसुफ का, और वह योनान का, और वह एलयाकीम का, और वह मलेआह का, और वह मिन्नाह का, और वह मत्तता का, और वह नातान का, और वह दाऊद का, (2 शमू. 5:14)

लूकस 3:1-31 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

सम्राट कयसर तिबेरियॉस के शासनकाल के पन्द्रहवें वर्ष में जब पोन्तियॉस पिलातॉस यहूदिया प्रदेश का राज्यपाल, तथा हेरोदेस गलील प्रदेश का, उसका भाई फ़िलिप्पॉस इतूरिया और त्रख़ोनीतिस प्रदेश का, तथा लिसनियस एबिलीन का शासक थे, और जब हन्‍ना और कायाफ़स महापुरोहित पद पर थे; ज़करयाह के पुत्र योहन को, जब वह बंजर भूमि में थे, परमेश्वर की ओर से एक संदेश प्राप्‍त हुआ. इसलिये योहन यरदन नदी के आस-पास के सभी क्षेत्र में भ्रमण करते हुए पाप क्षमा के लिए पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार करने लगे; जैसा बपतिस्मा देनेवाले योहन के विषय में भविष्यवक्ता यशायाह के शब्दों के पुस्तक में लिखा है: “एक आवाज, जो बंजर भूमि में पुकारनेवाले की कह रही है, ‘प्रभु के लिए मार्ग को तैयार करो; उनका मार्ग सरल बनाओ. हर एक घाटी भर दी जाएगी, हर एक पर्वत और पहाड़ी समतल की जाएगी. टेढ़े रास्ते सीधे हो जाएंगे, तथा असमतल पथ समतल. हर एक मनुष्य के सामने परमेश्वर का उद्धार स्पष्ट हो जाएगा.’ ” बपतिस्मा लेने के उद्देश्य से अपने पास आई भीड़ को संबोधित करते हुए योहन कहते थे, “विषैले सांपों की संतान! समीप आ रहे क्रोध से भागने की चेतावनी तुम्हें किसने दे दी? सच्चे मन फिराने का प्रमाण दो और अपने आपको ऐसा कहना शुरू मत करो: ‘हम तो अब्राहाम की संतान हैं!’ क्योंकि मैं तुम्हें बताता हूं कि परमेश्वर में इन पत्थरों तक से अब्राहाम की संतान पैदा करने का सामर्थ्य है. कुल्हाड़ी पहले ही वृक्षों की जड़ पर रखी हुई है. हर एक पेड़, जो उत्तम फल नहीं फलता, काटा जाता और आग में झोंक दिया जाता है.” इस पर भीड़ ने उनसे प्रश्न किया, “तब हम क्या करें?” योहन ने उन्हें उत्तर दिया, “जिस व्यक्ति के पास दो कुर्ते हैं, वह एक उसे दे दे, जिसके पास एक भी नहीं है. जिसके पास भोजन है, वह भी यही करे.” चुंगी लेनेवाले भी बपतिस्मा के लिए उनके पास आए और उन्होंने योहन से प्रश्न किया, “गुरुवर! हमारे लिए उचित क्या है?” “निर्धारित राशि से अधिक मत लो.” योहन ने उत्तर दिया. कुछ सिपाहियों ने उनसे प्रश्न किया, “हमें बताइए—हम क्या करें?” योहन ने उत्तर दिया, “न तो डरा-धमका कर लोगों से पैसा ऐंठो और न ही उन पर झूठा आरोप लगाओ परंतु अपने वेतन में ही संतुष्ट रहो.” बड़ी जिज्ञासा के भाव में भीड़ यह जानने का प्रयास कर रही थी और अपने-अपने हृदय में यही विचार कर रहे थे कि कहीं योहन ही तो मसीह नहीं हैं. भीड़ को संबोधित करते हुए योहन ने स्पष्ट किया, “मेरा बपतिस्मा तो मात्र जल-बपतिस्मा है किंतु एक मुझसे अधिक सामर्थ्यशाली आ रहे हैं. मैं तो उनकी जूतियों के बंध खोलने योग्य भी नहीं. वही हैं, जो तुम्हें पवित्र आत्मा और आग में बपतिस्मा देंगे. सूप उसके हाथ में है. वह गेहूं को निरुपयोगी भूसी और डंठल से अलग करते हैं. वह गेहूं को खलिहान में इकट्ठा करेंगे तथा भूसी को कभी न बुझनेवाली आग में भस्म कर देंगे.” योहन अनेक प्रकार से शिक्षा देते हुए लोगों में सुसमाचार का प्रचार करते रहे. जब योहन ने राज्यपाल हेरोदेस को उसके भाई की पत्नी हेरोदिअस के विषय में तथा स्वयं उसी के द्वारा किए गए अन्य कुकर्मों के कारण फटकार लगाई, तब हेरोदेस ने एक और कुकर्म किया: उसने योहन ही को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया. जब लोग योहन से बपतिस्मा ले रहे थे, उन्होंने प्रभु येशु को भी बपतिस्मा दिया. इस अवसर पर, जब प्रभु येशु प्रार्थना कर रहे थे, स्वर्ग खोल दिया गया और पवित्र आत्मा प्रभु येशु पर शारीरिक रूप में कबूतर के समान उतरे और स्वर्ग से निकला एक शब्द सुना गया: “तुम मेरे पुत्र हो—मेरे प्रिय. मैं तुममें पूरी तरह संतुष्ट हूं.” प्रभु येशु ने जब अपनी सेवकाई प्रारंभ की तब उनकी अवस्था लगभग तीस वर्ष की थी. जैसा समझा जाता है कि वह योसेफ़ के पुत्र हैं, योसेफ़ हेली के, हेली मथ्थात के, मथ्थात लेवी के, लेवी मेल्ख़ी के, मेल्ख़ी यन्‍नाई के, यन्‍नाई योसेफ़ के, योसेफ़ मत्ताथियाह के, मत्ताथियाह आमोस के, आमोस नहूम के, नहूम ऍस्ली के, ऍस्ली नग्गाई के, नग्गाई माहथ के, माहथ मत्ताथियाह के, मत्ताथियाह सेमेई के, सेमेई योसेख़ के, योसेख़ योदा के, योदा योअनान के, योअनान रेसा के, रेसा ज़ेरोबाबेल के, ज़ेरोबाबेल सलाथिएल के, सलाथिएल नेरी के, नेरी मेल्ख़ी के, मेल्ख़ी अद्दी के, अद्दी कोसम के, कोसम एल्मोदम के, एल्मोदम एर के, एर यहोशू के, यहोशू एलिएज़र के, एलिएज़र योरीम के, योरीम मथ्थात के, मथ्थात लेवी के, लेवी शिमओन के, शिमओन यहूदाह के, यहूदाह योसेफ़ के, योसेफ़ योनाम के, योनाम एलियाकिम के एलियाकिम मेलिया के, मेलिया मेन्‍ना के, महीनन मत्ताथा के, मत्ताथा नाथान के, नाथान दावीद के