मत्ती 21:18-32

मत्ती 21:18-32 पवित्र बाइबल (HERV)

अगले दिन अलख सुबह जब वह नगर को वापस लौट रहा था तो उसे भूख लगी। राह किनारे उसने अंजीर का एक पेड़ देखा सो वह उसके पास गया, पर उसे उस पर पत्तों को छोड़ और कुछ नहीं मिला। सो उसने पेड़ से कहा, “तुझ पर आगे कभी फल न लगे!” और वह अंजीर का पेड़ तुरंत सूख गया। जब शिष्यों ने वह देखा तो अचरज के साथ पूछा, “यह अंजीर का पेड़ इतनी जल्दी कैसे सूख गया?” यीशु ने उत्तर देते हुए उनसे कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ। यदि तुम में विश्वास है और तुम संदेह नहीं करते तो तुम न केवल वह कर सकते हो जो मैंने अंजीर के पेड़ का किया। बल्कि यदि तुम इस पहाड़ से कहो, ‘उठ और अपने आप को सागर में डुबो दे’ तो वही हो जायेगा। और प्रार्थना करते हुए तुम जो कुछ माँगो, यदि तुम्हें विश्वास है तो तुम पाओगे।” जब यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश दे रहा था तो प्रमुख याजकों और यहूदी बुजु़र्गो ने पास जाकर उससे पूछा, “ऐसी बातें तू किस अधिकार से करता है? और यह अधिकार तुझे किसने दिया?” उत्तर में यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुमसे एक प्रश्न पूछता हूँ, यदि उसका उत्तर तुम मुझे दे दो तो मैं तुम्हें बता दूँगा कि मैं ये बातें किस अधिकार से करता हूँ। बताओ यूहन्ना को बपतिस्मा कहाँ से मिला? परमेश्वर से या मनुष्य से?” वे आपस में विचार करते हुए कहने लगे, “यदि हम कहते हैं ‘परमेश्वर से’ तो यह हमसे पूछेगा ‘फिर तुम उस पर विश्वास क्यों नहीं करते?’ किन्तु यदि हम कहते हैं ‘मनुष्य से’ तो हमें लोगों का डर है क्योंकि वे यूहन्ना को एक नबी मानते हैं।” सो उत्तर में उन्होंने यीशु से कहा, “हमें नहीं पता।” इस पर यीशु उनसे बोला, “अच्छा तो फिर मैं भी तुम्हें नहीं बताता कि ये बातें मैं किस अधिकार से करता हूँ!” “अच्छा बताओ तुम लोग इसके बारे में क्या सोचते हो? एक व्यक्ति के दो पुत्र थे। वह बड़े के पास गया और बोला, ‘पुत्र आज मेरे अंगूरों के बगीचे में जा और काम कर।’ “किन्तु पुत्र ने उत्तर दिया, ‘मेरी इच्छा नहीं है’ पर बाद में उसका मन बदल गया और वह चला गया। “फिर वह पिता दूसरे बेटे के पास गया और उससे भी वैसे ही कहा। उत्तर में बेटे ने कहा, ‘जी हाँ,’ मगर वह गया नहीं। “बताओ इन दोनों में से जो पिता चाहता था, किसने किया?” उन्होंने कहा, “बड़े ने।” यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कर वसूलने वाले और वेश्याएँ परमेश्वर के राज्य में तुमसे पहले जायेंगे। यह मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना तुम्हें जीवन का सही रास्ता दिखाने आया और तुमने उसमें विश्वास नहीं किया। किन्तु कर वसूलने वालों और वेश्याओं ने उसमें विश्वास किया। तुमने जब यह देखा तो भी बाद में न मन फिराया और न ही उस पर विश्वास किया।

मत्ती 21:18-32 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

सबेरे नगर को लौटते समय येशु को भूख लगी। उन्‍होंने मार्ग के किनारे अंजीर का एक पेड़ देखा। वह उसके पास आए। परन्‍तु उन्‍होंने उस में पत्तों को छोड़कर और कुछ नहीं पाया। येशु ने पेड़ से कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और उसी क्षण अंजीर का वह पेड़ सूख गया। यह देख कर शिष्‍य अचम्‍भे में पड़ गये और बोले, “अंजीर का यह पेड़ तुरन्‍त कैसे सूख गया है?” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : यदि तुम विश्‍वास करो और सन्‍देह न करो, तो तुम न केवल वह करोगे, जो मैंने अंजीर के पेड़ के साथ किया है; परन्‍तु यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘उठ और समुद्र में जा गिर’, तो वैसा ही हो जाएगा। और जो कुछ तुम विश्‍वास के साथ प्रार्थना में माँगोगे, वह तुम्‍हें मिल जाएगा।” येशु मन्‍दिर में लौटे। जब वह लोगों को शिक्षा दे रहे थे, तब महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध उनके पास आ कर बोले, “आप किस अधिकार से ये कार्य कर रहे हैं? किसने आप को यह अधिकार दिया है?” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “मैं भी आप लोगों से एक प्रश्‍न पूछना चाहता हूँ। यदि आप मुझे इसका उत्तर देंगे, तो मैं भी आप को बता दूँगा कि मैं किस अधिकार से ये कार्य कर रहा हूँ। योहन का बपतिस्‍मा किस की ओर से था? स्‍वर्ग की ओर से या मनुष्‍यों की ओर से?” वे यह कहते हुए आपस में तर्क-वितर्क करने लगे, “यदि हम कहें : ‘स्‍वर्ग की ओर से’, तो वह हम से कहेंगे, ‘तब आप लोगों ने योहन पर विश्‍वास क्‍यों नहीं किया?’ यदि हम कहें : ‘मनुष्‍यों की ओर से’, तो हमें जनता से डर लगता है; क्‍योंकि सब योहन को नबी मानते हैं।” इसलिए उन्‍होंने येशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते।” इस पर येशु ने उन से कहा, “तब मैं भी आप लोगों को नहीं बताऊंगा कि मैं किस अधिकार से ये कार्य कर रहा हूँ। “तुम लोगों का क्‍या विचार है? किसी मनुष्‍य के दो पुत्र थे। उसने पहले के पास जा कर कहा, ‘बेटा! जाओ, आज अंगूर-उद्यान में काम करो।’ उसने उत्तर दिया, ‘मैं नहीं जाऊंगा’, किन्‍तु बाद में उसे पश्‍चात्ताप हुआ और वह गया। पिता ने दूसरे पुत्र के पास जा कर यही कहा। उसने उत्तर दिया, ‘जी हाँ, पिताजी! मैं जाता हूँ।’ किन्‍तु वह नहीं गया। दोनों में से किसने अपने पिता की इच्‍छा पूरी की?” उन्‍होंने येशु को उत्तर दिया, “पहले ने।” इस पर येशु ने उन से कहा, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : चुंगी-अधिकारी और वेश्‍याएँ तुम लोगों से पहले परमेश्‍वर के राज्‍य में प्रवेश कर रहे हैं। योहन धर्म का मार्ग दिखाते हुए तुम्‍हारे पास आए और तुम लोगों ने उन पर विश्‍वास नहीं किया, परन्‍तु चुंगी-अधिकारियों और वेश्‍याओं ने उन पर विश्‍वास किया। तुम ने यह देखा; फिर भी तुम ने बाद में पश्‍चात्ताप नहीं किया और न उन पर विश्‍वास किया।

मत्ती 21:18-32 Hindi Holy Bible (HHBD)

भोर को जब वह नगर को लौट रहा था, तो उसे भूख लगी। और अंजीर का एक पेड़ सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उस में और कुछ न पाकर उस से कहा, अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे; और अंजीर का पेड़ तुरन्त सुख गया। यह देखकर चेलों ने अचम्भा किया, और कहा, यह अंजीर का पेड़ क्योंकर तुरन्त सूख गया? यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच कहता हूं; यदि तुम विश्वास रखो, और सन्देह न करो; तो न केवल यह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ से किया गया है; परन्तु यदि इस पहाड़ से भी कहोगे, कि उखड़ जो; और समुद्र में जा पड़, तो यह हो जाएगा। और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम को मिलेगा॥ वह मन्दिर में जाकर उपदेश कर रहा था, कि महायाजकों और लोगों के पुरनियों ने उसके पास आकर पूछा, तू ये काम किस के अधिकार से करता है? और तुझे यह अधिकार किस ने दिया है? यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि मैं भी तुम से एक बात पूछता हूं; यदि वह मुझे बताओगे, तो मैं भी तुम्हें बताऊंगा; कि ये काम किस अधिकार से करता हूं। यूहन्ना का बपतिस्मा कहां से था? स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से था? तब वे आपस में विवाद करने लगे, कि यदि हम कहें स्वर्ग की ओर से, तो वह हम से कहेगा, फिर तुम ने उस की प्रतीति क्यों न की? और यदि कहें मनुष्यों की ओर से तो हमें भीड़ का डर है; क्योंकि वे सब युहन्ना को भविष्यद्वक्ता जानते हैं। सो उन्होंने यीशु को उत्तर दिया, कि हम नहीं जानते; उस ने भी उन से कहा, तो मैं भी तुम्हें नहीं बताता, कि ये काम किस अधिकार से करता हूं। तुम क्या समझते हो? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; उस ने पहिले के पास जाकर कहा; हे पुत्र आज दाख की बारी में काम कर। उस ने उत्तर दिया, मैं नहीं जाऊंगा, परन्तु पीछे पछता कर गया। फिर दूसरे के पास जाकर ऐसा ही कहा, उस ने उत्तर दिया, जी हां जाता हूं, परन्तु नहीं गया। इन दोनों में से किस ने पिता की इच्छा पूरी की? उन्होंने कहा, पहिले ने: यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि महसूल लेने वाले और वेश्या तुम से पहिले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करते हैं। क्योंकि यूहन्ना धर्म के मार्ग से तुम्हारे पास आया, और तुम ने उस की प्रतीति न की: पर महसूल लेने वालों और वेश्याओं ने उस की प्रतीति की: और तुम यह देखकर पीछे भी न पछताए कि उस की प्रतीति कर लेते॥

मत्ती 21:18-32 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

भोर को जब वह नगर को लौट रहा था तो उसे भूख लगी। सड़क के किनारे अंजीर का एक पेड़ देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगें।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। यह देखकर चेलों को अचम्भा हुआ और उन्होंने कहा, “यह अंजीर का पेड़ तुरन्त कैसे सूख गया?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं तुम से सच कहता हूँ, यदि तुम विश्‍वास रखो और संदेह न करो, तो न केवल यह करोगे जो इस अंजीर के पेड़ से किया गया है, परन्तु यदि इस पहाड़ से भी कहोगे, ‘उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़’, तो यह हो जाएगा। और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्‍वास से माँगोगे वह सब तुम को मिलेगा।” वह मन्दिर में जाकर उपदेश कर रहा था, तो प्रधान याजकों और लोगों के पुरनियों ने उसके पास आकर पूछा, “तू ये काम किसके अधिकार से करता है? और तुझे यह अधिकार किसने दिया है?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं भी तुम से एक बात पूछता हूँ; यदि वह मुझे बताओगे, तो मैं भी तुम्हें बताऊँगा कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ। यूहन्ना का बपतिस्मा कहाँ से था? स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से?” तब वे आपस में विवाद करने लगे, “यदि हम कहें ‘स्वर्ग की ओर से’, तो वह हम से कहेगा, ‘फिर तुम ने उसका विश्‍वास क्यों न किया?’ और यदि कहें ‘मनुष्यों की ओर से’, तो हमें भीड़ का डर है, क्योंकि वे सब यूहन्ना को भविष्यद्वक्‍ता मानते हैं।” अत: उन्होंने यीशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते।” उसने भी उनसे कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताता कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ। “तुम क्या सोचते हो? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; उसने पहले के पास जाकर कहा, ‘हे पुत्र, आज दाख की बारी में काम कर।’ उसने उत्तर दिया, ‘मैं नहीं जाऊँगा’, परन्तु बाद में पछता कर गया। फिर पिता ने दूसरे के पास जाकर ऐसा ही कहा, उसने उत्तर दिया, ‘जी हाँ, जाता हूँ’, परन्तु नहीं गया। इन दोनों में से किसने पिता की इच्छा पूरी की?” उन्होंने कहा, “पहले ने।” यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि महसूल लेनेवाले और वेश्याएँ तुम से पहले परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करते हैं। क्योंकि यूहन्ना धर्म का मार्ग दर्शाते हुए तुम्हारे पास आया, और तुम ने उसका विश्‍वास न किया; पर महसूल लेनेवालों और वेश्याओं ने उसका विश्‍वास किया : और तुम यह देखकर बाद में भी न पछताए कि उसका विश्‍वास कर लेते।

मत्ती 21:18-32 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

भोर को जब वह नगर को लौट रहा था, तो उसे भूख लगी। और अंजीर के पेड़ को सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। यह देखकर चेलों ने अचम्भा किया, और कहा, “यह अंजीर का पेड़ तुरन्त कैसे सूख गया?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं तुम से सच कहता हूँ; यदि तुम विश्वास रखो, और सन्देह न करो; तो न केवल यह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ से किया गया है; परन्तु यदि इस पहाड़ से भी कहोगे, कि उखड़ जा, और समुद्र में जा पड़, तो यह हो जाएगा। और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से माँगोगे वह सब तुम को मिलेगा।” वह मन्दिर में जाकर उपदेश कर रहा था, कि प्रधान याजकों और लोगों के प्राचीनों ने उसके पास आकर पूछा, “तू ये काम किसके अधिकार से करता है? और तुझे यह अधिकार किसने दिया है?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं भी तुम से एक बात पूछता हूँ; यदि वह मुझे बताओगे, तो मैं भी तुम्हें बताऊँगा कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ। यूहन्ना का बपतिस्मा कहाँ से था? स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से था?” तब वे आपस में विवाद करने लगे, “यदि हम कहें ‘स्वर्ग की ओर से’, तो वह हम से कहेगा, ‘फिर तुम ने उसका विश्वास क्यों न किया?’ और यदि कहें ‘मनुष्यों की ओर से’, तो हमें भीड़ का डर है, क्योंकि वे सब यूहन्ना को भविष्यद्वक्ता मानते हैं।” अतः उन्होंने यीशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते।” उसने भी उनसे कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताता, कि ये काम किस अधिकार से करता हूँ। “तुम क्या समझते हो? किसी मनुष्य के दो पुत्र थे; उसने पहले के पास जाकर कहा, ‘हे पुत्र, आज दाख की बारी में काम कर।’ उसने उत्तर दिया, ‘मैं नहीं जाऊँगा’, परन्तु बाद में उसने अपना मन बदल दिया और चला गया। फिर दूसरे के पास जाकर ऐसा ही कहा, उसने उत्तर दिया, ‘जी हाँ जाता हूँ’, परन्तु नहीं गया। इन दोनों में से किसने पिता की इच्छा पूरी की?” उन्होंने कहा, “पहले ने।” यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि चुंगी लेनेवाले और वेश्या तुम से पहले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करते हैं। क्योंकि यूहन्ना धार्मिकता के मार्ग से तुम्हारे पास आया, और तुम ने उस पर विश्वास नहीं किया: पर चुंगी लेनेवालों और वेश्याओं ने उसका विश्वास किया: और तुम यह देखकर बाद में भी न पछताए कि उसका विश्वास कर लेते।

मत्ती 21:18-32 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

भोर को जब वह नगर में लौटकर आ रहे थे, उन्हें भूख लगी. मार्ग के किनारे एक अंजीर का पेड़ देखकर वह उसके पास गए किंतु उन्हें उसमें पत्तियों के अलावा कुछ नहीं मिला. इस पर येशु ने उस पेड़ को शाप दिया, “अब से तुझमें कभी कोई फल नहीं लगेगा.” तुरंत ही वह पेड़ मुरझा गया. यह देख शिष्य हैरान रह गए. उन्होंने प्रश्न किया, “अंजीर का यह पेड़ तुरंत ही कैसे मुरझा गया?” येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम इस सच्चाई को समझ लो: यदि तुम्हें विश्वास हो—संदेह तनिक भी न हो—तो तुम न केवल वह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ के साथ किया गया परंतु तुम यदि इस पर्वत को भी आज्ञा दोगे, ‘उखड़ जा और समुद्र में जा गिर!’ तो यह भी हो जाएगा. प्रार्थना में विश्वास से तुम जो भी विनती करोगे, तुम उसे प्राप्‍त करोगे.” येशु ने मंदिर में प्रवेश किया और जब वह वहां शिक्षा दे ही रहे थे, प्रधान पुरोहित और पुरनिए उनके पास आए और उनसे पूछा, “किस अधिकार से तुम ये सब कर रहे हो? कौन है वह, जिसने तुम्हें इसका अधिकार दिया है?” येशु ने इसके उत्तर में कहा, “मैं भी आपसे एक प्रश्न करूंगा. यदि आप मुझे उसका उत्तर देंगे तो मैं भी आपके इस प्रश्न का उत्तर दूंगा कि मैं किस अधिकार से यह सब करता हूं: योहन का बपतिस्मा किसकी ओर से था—स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से?” इस पर वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “यदि हम कहते हैं, ‘स्वर्ग की ओर से,’ तो वह हमसे कहेगा, ‘तब आपने योहन में विश्वास क्यों नहीं किया?’ किंतु यदि हम कहते हैं, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तब हमें भीड़ से भय है; क्योंकि सभी योहन को भविष्यवक्ता मानते हैं.” उन्होंने आकर येशु से कहा, “आपके प्रश्न का उत्तर हमें मालूम नहीं.” येशु ने भी उन्हें उत्तर दिया, “मैं भी आपको नहीं बताऊंगा कि मैं किस अधिकार से ये सब करता हूं. “इस विषय में क्या विचार है आपका? एक व्यक्ति के दो पुत्र थे. उसने बड़े पुत्र से कहा, ‘हे पुत्र, आज जाकर दाख की बारी का काम देख लेना.’ “उसने उत्तर दिया, ‘नहीं जाऊंगा.’ परंतु कुछ समय के बाद उसे पछतावा हुआ और वह दाख की बारी चला गया. “पिता दूसरे पुत्र के पास गया और उससे भी यही कहा. उसने उत्तर दिया, ‘जी हां, अवश्य.’ किंतु वह गया नहीं. “यह बताइए कि किस पुत्र ने अपने पिता की इच्छा पूरी की?” उन्होंने उत्तर दिया: “बड़े पुत्र ने.” येशु ने उनसे कहा, “सच यह है कि समाज से निकाले लोग तथा वेश्याएं आप लोगों से पहले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर जाएंगे. बपतिस्मा देनेवाले योहन आपको धर्म का मार्ग दिखाते हुए आए, किंतु आप लोगों ने उनका विश्वास ही न किया. किंतु समाज के बहिष्कृतों और वेश्याओं ने उनका विश्वास किया. यह सब देखने पर भी आपने उनमें विश्वास के लिए पश्चाताप न किया.